Find the Latest Status about ईश्वर बनना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ईश्वर बनना.
Parul Sharma
आत्मा ही परमात्मा का अंश है ये देह नहीं। क्यूँ कि ये देह संसार और सांसारिक वस्तुऐं ईश्वर द्वारा बनाई गयी हैं जिसमें ईश्वर अपना कुछ अंश रख देता है और इस प्रकार वह ईश्वर से जुड़ी रहती है पर पूर्णतया ईश्वरीय नहीं होती। इसी लिये हमें उस में से मनोविकारों( मोह, माया, लोभ,लालच,ईष्या द्वष,झूठ,फरेब, आदी) को निकालना होता है ईश्वरीय बनाना होता है कि वो उस में बसे ईशवरीय अशं जैसी होकर पूर्णतया ईश्वरीय हो जाये। जबकि आत्मा ईश्वरीय अशं है पर हम उस पर मनोविकर युक्त शारिरिक बोझ डाल कर रोगी और क्षीर्ण और मैला कर देते हैं। जिससे वह ईश्वरता का ओज प्राप्त नहीं कर पाती। अत: अगर हम खुद को ईश्वर अशं मानते है तो हमें अधिक से अधिक मनोविकारों को अपने अंदर से निकालना होगा और उन्हें दुबारा न आने देना होगा। क्यों कि ईश्वर बनना मेरे ख्याल से अस्मभव है पर पर परमात्मा की प्राप्ती की ओर जाना आसान भी है और संभव भी। पारुल शर्मा #MorningQuotes #GoodMorningQuotes#सुविचार#सुप्रभात#प्रवचन#GoodMorningMassages आत्मा ही परमात्मा का अंश है ये देह नहीं। क्यूँ कि ये देह संसा
यशवंत कुमार
आदमी की औकात और कोरोना आदमी की औकात बताने अति सूक्ष्म कोरोना आया है! जीवन की सच्चाई दिखाने जादू का चश्मा लाया है!! दुनिया भर की भागा-दौड़ी रोक दी बस एक झटके में! ग़रीब, अमीर, बूढ़े ,बच्चे डाला सबको ही सकते में!! सत्ता- साधकों की सच्चाई खोली इसने एक-एक कर! फटेहाली में जन-सुविधाएं लगी सेंध कैसे फ़िर वोटों पर!! Read full poem in Caption. आदमी की औकात और कोरोना आदमी की औकात बताने अति सूक्ष्म कोरोना आया है! जीवन की सच्चाई दिखाने जादू का चश्मा लाया है!! दुनिया भर की भागा-दौड़ी
Punit Sevak
हथौडे की मार चंद रोज ओर भी खा लो, पत्थर से खुदा होने की इतनी कीमत तो अदा कर दो।। ©punitparth #NojotoQuote बनना #god
Sunita Shanoo
तुम कुछ बनो तो छायादार पेड़ बनना राहगीर कुछ पल सुस्ताएंगे तुम पर ढेर सारे पक्षी बसेरा डालेंगे गीत गाएंगे शाम ढले चहकेंगी गौरय्या रात ढले बंदर भी उसी डाल पर सो जाएंगे तुम फलों से लदे रहना भूखे भी भूख मिटा पाएंगे तुम वही बनना मेरे बच्चे जो कोई आम इंसान नहीं बन पाता देखना संभलना तुम अगर पेड़ न बन पाए तो हाथ बन कर रह जाओगे दूसरों की कुल्हाड़ी से पेड़ों को काटते नजर आओगे पेड़ बनना
राजकुमार टेलर
चँदा डूबे ,सुरज डूबे डूबे ईक ईक तारा क्या सचमुच में कोई डूबा या है केवल बहाना क्या सचमुच में सूरज खो जाता,अंधियारी रातो में या धरती ही मुँह मोड़ लेती सूरज की आभा से तुम न डरना सूरज बनना आग ये अपनी जिंदा रखना मुँह मोड़कर तुमसे ये धरती भी पछताएगी जब भी उसको होगी जरूरत फिर से मिलने आएगी | ©राजकुमार टेलर सूरज बनना