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Pushpvritiya

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©Pushpvritiya विस्मृति के पृष्ठों से

विस्मृति के पृष्ठों से #कविता

42 Love

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Anamika jalwanshi

*** बसंती सुबह ***

कभी इतने सुबह उठिए कि खुद को खुद की आवाज सुनाई दे सके। पता है जब आप खुद की आवाज सुनने लगेंगे न तब आपको उस सुबह में आपसे पहले जगे हर उस नन्हें जीव की आवाज सुनाई देने लगेगी जिसको आप देख भी नहीं पाते हैं।

बेली ,चमेली की मनमोहक खुश्बूएं आपको मदहोश करने लगेंगी जिसको आप महंगी महंगी इत्र की बोतलों से भी हासिल न कर पाएंगे।

उठिए और उन फूलों के अधजगे पत्तों से मिलिए।उसकी टहनियों से बाते करिए। उनसे हाल चाल पूछिए जो अभी अभी अंगड़ाई लेकर जगी हैं और
फूलों,पत्तियों,टहनियों के मिले जुले महक को अपने हृदय के कोने कोने में घुलने दीजिए।फिर थोड़ा ध्यान कीजिए।आत्म को परमात्म से जोड़िए।भले आप जुड़ पाएं या न जुड़ पाएं लेकिन आपको प्रयास करना चाहिए। इसमे कुछ हानि भी तो नहीं है। परमात्म मिले न मिले आत्म तो जागृत हो ही जाएगा।

फिर क्या? फिर निकल पड़िए एक लम्बी सफर पर। नाप आइए रात के बारिश में भीगी उन सड़कों को जो आपको सुकून से भरने के लिए आपके कदमों की आहट के इंतजार में है। फिर गिनिए रास्ते के उन  पेड़ों को जिन्होंने रात की आंधी में हवा की थपेड़े सहें और एक दूसरे को सहारा देते देते इतना उलझ गए कि अभी तक सुलझने की कोशिश में उस माली की राह तक रहे हैं जो रात की केलि के बाद बिस्तर से चिपटा खर्राटे मार पड़ोसियों की नींद हराम कर रहा है।

जाइए और उन उलझी पेड़ों की टहनियों को सुलझाइए और उनके प्रकृतिस्थ निश्छल प्रेम के सुपात्र बनिए। फिर कुछ आगे बढ़िए। तेज कदमों से चलिए। हवा की सरसराहट को अपने बदन पर महसूस करिए। तन मन को ताजगी से भरिए। फिर कुछ मुंडी इधर उधर घुमाइए।कुछ चेहरों को कनखियों से ताड़िए।कुछ को देखकर मुँह बिचकाइए और जी में आए तो कुछ को देखकर अगली मोड़ से मुड़ ही जाइए।

फिर उस सड़क के किनारे बने ऊँचे  नीचे  बिल्डिंगों, घरों, दफ्तरों और उन पर चिपके उन पोस्टरों की शिनाख्त कीजिए जिसके मालिक ने अपने नौकर को धमकाकर उन दीवारों पर लगवाया है।यह और बात है कि हर दीवार पर लिखा है " यहां पोस्टर लगाना सख्त मना है।" पर क्या कीजै जैसे उस नौकर ने मालिक के धौंस से उस लिखे को अनदेखा किया है वैसे ही आप भी कर गुजरिए।

फिर उन बिल्डिंगों की ऊंचाई को अपने  दस बारह में पढ़े गणित के फॉर्मूलों से नाप जाइए और अपने भावी घर की कल्पना कर लीजिए। अब उनकी नाक नक्श और साज सज्जा पर आइए। एक एक को अपनी भोरहरी उनीदी अखियों से पतिया लीजिए ।कुछ कमी वमी हो तो वह भी निकाल लीजिए किसे फर्क पड़ता है।हां,लेकिन उसे अपनी दिमागी डायरी के पिछले पन्ने पर एक घेरा बनाकर लिख लीजिए ताकि समय पर बेमेहनत मिल जाए भले उस दिन आपको यह बेमतलब ही क्यों न लगे।

फिर सड़कों का पूँछ पकड़े बढ़ते जाइए। किनारे पर बने गोल घेरे में लगे नन्हें नन्हें पौधों की फुनगियों की कान मरोड़ते जाइए। किसे खबर आप वैज्ञानिक हैं या साहित्यकार ।आप उसकी नब्ज देख रहे हैं या प्यार के भावावेश में उसकी सुंदरता और कोमलता पर मुग्ध हो उसे चूटी काट रहे हैं।

फिर करिए तलाश किसी ऐसे उद्यान की जिसकी जमीन रात की आंधी में झड़े,सूखे ,मुरझाए ,पीले और हरीलेपीले (पीले हरे ) पत्तों से सजी हो और पत्ते बारिश की पानी से सने हो।जमीन थोड़ी भीगी हो थोड़ी सुखी हो और जमीनी महक से गमक रही हो। फिर निकालिए अपना हथेली भर का फोटो खीचन यंत्र और धड़ाधड़ कैद कर लीजिए उन लम्हों को अपने यंत्र की गैलीरियाई दिमाग़ में।

अब नजरें थोड़ा उपर उठाइए और नहाए पेड़ों की पत्तियों पर रुके नन्हें नन्हें बारिश की बूंदों को अपने जिस्मानी गरम होठों से लगाइए और उन पत्तों की तरह हरियरा जाइए। 

फिर वहां की झाड़ियों से थोड़ा बतियाइए ।उनका कुशल मंगल जानिए।फिर उनकी मुंडी पर अपनी गरम हथेली को रगड़ते वहां से खिसक लीजिए।

अब वहां की चबूतरों पर आइए।उनके धूल से सने और बारिश से भींगे बदन को देख मुँह बनाइए।फिर उसे पोछने के लिए इधर उधर ताका  झांकी करिए। कुछ न मिले तो दो चार सूखे पत्ते उठाइए और उन्हीं से अपने बैठने भर की जगह रगड़ मारिए । फिर बैठिए और थोड़ा गीला महसूस कीजिए और थोड़ा किरकिरा भी और खुद को कहिए "इतना तो चलता है कौन सा फैशन शो करने आए हैं जो कोई मेरा पिछवाड़ा निहारेगा।"

अब वहां की चिड़ियों की चहचहाहट को सुनिए और मन में नए विचारों को गुनिए।कुछ अपना धुन जोड़िए और कुछ पत्तों की झरझराहट को लीजिए। फिर नजरों को दौड़ाइए। वहां आते जाते इक्के दुक्के बदनों को निरखिए। एक अधेड़ उम्र की सभ्य महिला को किसी सतसंगी बाबा के गानों को लौडस्पीकर मोड़ पर डाल अपने कमर से कमरा बने कमर को फिर से कमरा से कमर बनाने की नाकाम कोशिशों पर मुश्कि मारिए।

अरे थहरिए ! अभी उठिए मत क्योंकि अब आएंगे शहर के मानित सम्मानित जानित पहचानित पचासा पार सीनियर सिटीजेन्स। आपका क्या है !आप बस वहीं बैठे रहिए सिर झुकाए तिरछी नजरों से उनके योगाभ्यास की आड़ी  टेड़ी आकृतियों को देखते रहिए और सुनते रहिए उनके दूरभाष यंत्र से निकलने वाले गानों की तान को " बेशरम रंग कहां देखा दुनिया वालो ने"

नहीं नहीं अभी भी नहीं उठना है! थोड़ी देर और धैर्य के साथ अपनी जगह पर जमे रहिए क्योंकि अब नंबर है राष्ट्र के नव निर्माताओं की जिन्हें उद्यान में अकेले जाना पाप सा लगता है। अगर गलती से आपकी और उनकी नजरें मिल गई तो वे आपको बेपहचानी नजरों से घूरेंगे और आप उन्हें फिर दोनो इधर उधर नजरें घुमा लेंगे और मन में कहेंगे "होगा कोई अपने को क्या" फिर वे लोग किसी पेड़ की छहियां तरे बैठकर थोड़ी गुफ़्तगू करेंगे । खाएंगे खिलाएंगे।पिएंगे पिलायेंगे।सबकी नजरें बचा चिपका चिपकी करेंगे हालांकि यह उनका भ्रम है क्योंकि यह जनता है सब जानती है।फिर आपको क्या तब तक तो आप वहां से निकल चुके होंगे और निकलते समय आप विद्यार्थियों के उस झुण्ड से तकराएंगे जिनके चेहरों पर शिकन।दिमाग़ में उलझन।मन में भविष्य की चिंता।पीठ पर किताबी बोझ और जुबान से  निकलती हिंगलिशिया गाली होगी।

         *** जलवंशी***

©Anamika jalwanshi बसंती सुबह ! दूसरा पृष्ठ!

बसंती सुबह ! दूसरा पृष्ठ! #समाज

8 Love

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Shubham Kumar

दिल शिकस्त

 न हो दिल शिकस्त की अभी तो दिल ही टूटा है, की दिल ही तो टूटा  है, हौसला रख अभी तो आदतें छुटनी बाकि है।

 हौसला रख अभी तो आदतें छुटनी बाकि है, याद पल पल आएगी उनकी, जिन्हे आदत है पल भर में भूल जाने की।

  जिन्हे आदत है पल भर में भूल जाने की, वादे दूर तक जाने की,
 ईरादे दूर हो जाने की।

 इरादे जिनके दूर हो जाने के, अरमान की आराम मिले,
 कुछ मील हम चले, कुछ मील वो चलो, कही तो मिले।

 कभी तो मिले, मीलों का फासाला तय कर दे, बस आ जाए
दिन ढले, आने की आस पूरी कर दे।

 बस आ जाए, आने की आस पूरी कर दे, ऊपर उठी उम्मीद की
 नज़रें काम कर दे, फिर दिल ने कहा दुआएं तेरे नाम कर दे।
(पृष्ठ सं-1)
                                               --श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar #दिल शिकस्त (पृष्ठ सं-1)

#दिल शिकस्त (पृष्ठ सं-1)

10 Love

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Shubhendra Jaiswal

#शुभाक्षरी #सस्वर #भाव #पृष्ठ #बिखरे_मोती
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Shubham Kumar

दिल शिकस्त

 फिर दिल ने कहा दुआएं तेरे नाम कर दे, की सारे तो पुरे नहीं
 हो सकते, गर हो सकते पुरे तो क्या न कर सकते।

  गर हो सकते पुरे तो क्या न कर सकते, बस मांग लेते वापस,
 की है ये अधूरी न-मुकम्मल आस, काश रहता मैं बैठे और तुम
भी होते पास।

  तुम होते बैठे और हम भी होते पास, सो जाते सर रख कर कंधे
 पर, या सर होते चार कंधो पर।

  की सर होते चार कंधो पर, फिर मिलते किसी ज़माने में,
 वक़्त लगता है आदतों के छूट जाने में।

 न हो दिल शिकस्त की अभी तो दिल ही टूटा है, की दिल ही तो
 टूटा है, हौसला रख अभी तो आदतें छुटनी बाकि है।
(पृष्ठ सं-2)
                                                    --श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar #दिल शिकस्त(पृष्ठ खं-2)

#दिल शिकस्त(पृष्ठ खं-2)

11 Love

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Dushyant Kumaar

प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है
था कभी अपना लगा, फिर फासला है
देख कर दुनिया को बदले रंग यह तो
यह जानता अच्छे बुरे में क्या भला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है......

रिश्तों को हरदम निभाया बंदगी सा
छोड़ खुद को सब जीया यह जिंदगी सा
हाथ फिर भी खाली के खाली रहे है
ज्यों ब्रह्म के सम्मुख खड़ा शून्य सादगी सा
कौन जाने कब कहां कैसे छला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है.....

दूर क्षितिज पर है फैला फिर उजाला
कोई मांगे इससे अमृत कोई हाला
जिंदगी चलती जहर से भी यहां है
कौन जाने दर्द गोरा है या काला
सांझ तक वो तेरे खातिर ही जला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है.....

हर कोई यहाँ भाग्य का विस्तार देखें
बिन धरा पर कर्म के बीजों को फेंके
मंत्र काया,जब तपे कुंदन बनेगी
हे शर्त यह की कौन पहले खुद को सेंके
स्वर्ण आभूषण बना जब-जब गला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है.....

दैत्य दुनिया से वसूली कर रहे है
देव दानवों के घर भर रहे हैं
रोजे और उपवास घर भरपेट बैठे 
खाते-पीते सब यहाँ पर मर रहे है
राम को ईश्वर बताना भी कला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है 
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है......

दुष्यंत कुमार 
उदयपुर राजस्थान 
8619169664

©Dushyant Kumaar प्राण के हर पृष्ठ पर....
#dushyantkumar #poem #motivate #Love 

#Dark

प्राण के हर पृष्ठ पर.... #dushyantkumar #poem #motivate Love #Dark #कविता

8 Love

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Love U Frnds❤️

भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि👌👌

भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि👌👌 #Life_experience

253 Views

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Kuldeep Chhoker

बेलन का संपूर्ण पृष्ठ।math short Nasarpur YouTube channel subscribe Karo सभी लोग

बेलन का संपूर्ण पृष्ठ।math short Nasarpur YouTube channel subscribe Karo सभी लोग #जानकारी

138 Views

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Shubham Kumar

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना!

आज फ़िर अर्सों बाद मौका मिला है...
 
तुम इंतज़ार करना, वक़्त लगेगा,
हमारे प्यार के किस्से सुनाने में!
आज बस फूल है, हाथों में,
भीड़ बहुत है! अपने कब्र के पास मेरी जगह रखना,
तुम इंतज़ार करना, अभी किस्से सुनाने हैं प्यार के!
बैठे रहना बालों को संवार के,
में कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना..!!!!
  (पृष्ठ सं-3)
                              ....श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-3)


#steps

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की, तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-3) #steps

13 Love

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Shubham Kumar

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना! 

तुम मेरे आसूंओं का साथ देना,
मैं तुम्हारे होठों की हंसी को कायम रखूंगा!
तुम मेरे हाथों को थामे रखना,
मेरे कंधे तुम्हारे सर को सहारा देंगे!
तुम मेरे हिचकिचाहट को समझना,
मैं तुम्हारी ख़ामोशी को!
मैं नज़रें चुराऊंगा वक़्त दर वक़्त,
तुम नज़रें दिखाना देर तलक!
तुम मेरी कमी को महसूस करना,
मैं तुम्हारे पास होने के एहसास के सहारे वक़्त 
गुजारूंगा!
(पृष्ठ सं-1)    
                             ....श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-1)


#steps

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की, तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-1) #steps

12 Love

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Shubham Kumar

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना!

तुम रखना अपने मन के कोने में मेरी यांदें,
मैं तुम्हारे किस्से के ढिंढोरे पिटवाऊंगा!
तुम लड़ना बेवजह मुझसे बेवक़्त,
मैं तुम्हारी गलतियों को भी अपनाऊंगा!
तुम चले जाना रूठ कर बेवक्त,
मैं मिन्नतें हज़ार मजार में लगाऊंगा!
तुम बालों को संवारना आइने के सामने,
मैं खुरदरे चेहरे चमकाऊंगा!
(पृष्ठ सं-2)

                        ....श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-2)


#steps

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की, तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-2) #steps

14 Love

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Miss_Yadav💕 दिल की बात जुबां तक

सुनो ना, 
    मेरी कहानी के अंतिम पृष्ठ तक रहने वाले नायक बनोगे तुम ❓❓ सुनो ना, 
    मेरी कहानी के अंतिम पृष्ठ तक रहने वाले नायक बनोगे तुम ❓❓
 #PyarKiKalamse #Izhaar_E_Ishq

सुनो ना, मेरी कहानी के अंतिम पृष्ठ तक रहने वाले नायक बनोगे तुम ❓❓ #PyarKiKalamse #Izhaar_E_Ishq

16 Love

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... मोलिका

वरक़-ए-इंतिख़ाब पर उतरे जो खूब लफ्ज़ तेरे
बिखरे कागज़ भी संवरने लगे तुम्हें सोचकर..!! वरक़-ए-गुल :- petal of a flower
वरक़-ए-इंतिख़ाब: विशेष पढ़ने योग्य पृष्ठ
 #जानाँ #oneliner  #YourQuoteAndMine
Collaborating with AARAV

वरक़-ए-गुल :- petal of a flower वरक़-ए-इंतिख़ाब: विशेष पढ़ने योग्य पृष्ठ #जानाँ #oneliner #YourQuoteAndMine Collaborating with AARAV

0 Love

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Shipra Pandey ''Jagriti'

कुछ मुलाक़ातों की कोई परिधि नहीं होती, 
बस उनमें लुत्फ़ -ए -कलाम हो, 
फिर चाहे सुब्ह हो शब या शाम हो..!
श़फ़क़त- ए आबशार/
हसरत -ए दीद
हमें करीब ले आई, 
किसी दायरे में नहीं बधी थी हमारी मुलाक़ात
बस हम ना मिलकर भी बेइंतहा मिलते थे
ऐसी थी अपनी मुलाक़ात..!!

शिप्रा पाण्डेय 'जागृति'

©Kshipra Pandey कुछ मुलाक़ातों की कोई सीमा कोई पृष्ठभूमि तय नहीं होती बस हो जाती हैं। 

# मुलाक़ात

कुछ मुलाक़ातों की कोई सीमा कोई पृष्ठभूमि तय नहीं होती बस हो जाती हैं। # मुलाक़ात

30 Love

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AhMeD RaZa QurEsHi

............................. औराक-ए-परेशां/बिखरे हुए पृष्ठ
 चश्मे नाज़/नखरे वाली आंखे
#AhMeD_RaZa_QurEsHi
@MiyA unknown indira Er. Ambesh Kumar ishi  HOLOCAUST Gori

औराक-ए-परेशां/बिखरे हुए पृष्ठ चश्मे नाज़/नखरे वाली आंखे #AhMeD_RaZa_QurEsHi @MiyA unknown indira Er. Ambesh Kumar ishi HOLOCAUST Gori #शायरी

19 Love

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Abhishek 'रैबारि' Gairola

आखर

इन श्वेत पृष्ठों पर शब्दों की कालिमा को क्या कहूँ मै अश्लील साहित्य या सत्य के श्याम आखर ?

©Abhishek 'रैबारि' Gairola आखर

इन श्वेत पृष्ठों पर शब्दों की कालिमा को क्या कहूँ मै अश्लील साहित्य या सत्य के श्याम आखर ?
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#love #कविता #शायरी #nojotohindi #poem #l

आखर इन श्वेत पृष्ठों पर शब्दों की कालिमा को क्या कहूँ मै अश्लील साहित्य या सत्य के श्याम आखर ? ।। love कविता शायरी nojotohindi poem l

12 Love

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Vimlesh Miledar Saroj

#meri kitaab आप भी रिकॉर्ड करके शेयर कीजिए जो भी पुस्तक आपको सबसे अधिक प्रिय हो उसके सबसे पसंदीदा पृष्ठ को।😄

#Meri kitaab आप भी रिकॉर्ड करके शेयर कीजिए जो भी पुस्तक आपको सबसे अधिक प्रिय हो उसके सबसे पसंदीदा पृष्ठ को।😄

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Malishka Sharma

 जब मैं उस पोस्टर की तरह क्लिक करने में सक्षम थी ,जो स्टूडियो पृष्ठभूमि होता था#photography#phonography#includedinmyalbum

जब मैं उस पोस्टर की तरह क्लिक करने में सक्षम थी ,जो स्टूडियो पृष्ठभूमि होता थाphotographyphonographyincludedinmyalbum

8 Love

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कवि राहुल पाल 🔵

..................

©कवि राहुल पाल जुगनू क्यो चमकता है..?
पृष्ठ -2 
लेखक 
कवि राहुल पाल 
#nojoto #nojotohindi #nojotowriters #KRP  अंकित सारस्वत  Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Sam

जुगनू क्यो चमकता है..? पृष्ठ -2 लेखक कवि राहुल पाल nojoto #nojotohindi #nojotowriters #KRP अंकित सारस्वत Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Sam #anu

88 Love

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Vijay Kumar Sharma

#पृष्ट_और_पृष्ठ_में_अंतर - #शब्द_सामर्थ्य By #KamleshKamalSir #पृष्ट और #पृष्ठ में अंतर ! साथ ही, पृष्टनीय, पृष्ठभूमि, संपृष्ट आदि शब्दों के #लेकिन #कमल​ #शब्द_सामर्थ्य_37

#पृष्ट_और_पृष्ठ_में_अंतर - #शब्द_सामर्थ्य By #KamleshKamalSir #पृष्ट और #पृष्ठ में अंतर ! साथ ही, पृष्टनीय, पृष्ठभूमि, संपृष्ट आदि शब्दों के #लेकिन #कमल​ #शब्द_सामर्थ्य_37

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Vishal Dixit

Life is not about distance, it’s about direction. मसाला चाय पुस्तक से यह पंकित जो कि TIME के पृष्ठों से चुरा ली है मैनें जिस पुस्तक के लेखक हैं - Divyaprakash dubey ji✌️✌️
#yqbaba #time #yqd

मसाला चाय पुस्तक से यह पंकित जो कि TIME के पृष्ठों से चुरा ली है मैनें जिस पुस्तक के लेखक हैं - Divyaprakash dubey ji✌️✌️ #yqbaba #Time yqd #instawriters #igwriters #igwritersclub #Lines #yqdidi

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कवि राहुल पाल 🔵

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©कवि राहुल पाल जुगनू क्यो चमकते है..?😲
लेख (गद्य और पद्य मिश्रण )
पृष्ठ -१
#nojoto #nojotowriters #nojotohindi #KRP #nojotonews Monu Kumar SIDDHARTH SHENDE

जुगनू क्यो चमकते है..?😲 लेख (गद्य और पद्य मिश्रण ) पृष्ठ -१ nojoto #nojotowriters #nojotohindi #KRP #nojotonews Monu Kumar SIDDHARTH SHENDE #कविता

94 Love

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Ashish Mishra

वहम पाल रखा है दिल में तुमने,
एक नई दुनिया बसा रखी है ज़हन में तुमने।
तुम्हें नहीं पता अंजाम उस ज़ख्म का,
जिसे दबा रखा है ख़ुद में तुमने।
तुम बेफिक्र,नादान हो तुम्हें नहीं पता,
किन्हें बना रखा है अपना तुमने। यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 

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Ashish Mishra

कुछ बाकी सा रह गया है हमारे दरमियाँ,
तुम समझाओगे कि क्या है?
कुछ टूट गया है मगर बिखर नहीं पाया हमारे दरमियाँ,
तुम बतलाओगे कि क्या है?
तुम कहते हो कि तुम अच्छे से मुझे समझते हो,
तो फिर हमारे दरमियाँ जो दूरियाँ हैं, 
तुम समझाओगे कि क्या हैं? यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 

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Ashish Mishra

दो पंछी बैठकर सोचते हैं, 
कि अब घोंसला कहाँ बनाया जाए।
जहाँ हम बेफ़िक्र होकर रह सकें, 
और हमें दर-बदर भटकना न पड़े। 
क्योंकि आज हर तरफ़ ये समझदार, 
इंसान एक घोंसला हटा कर दूसरा,
घोंसला बनाते जा रहे हैं। 
न जाने ये कैसी समझदारी है, 
कि एक घर हटा कर दूसरा घर सजा रहे हैं।
उन्हें अपने बचपन का वो घोंसला याद आता है, 
जहाँ वो खेलते कूदते बड़े हुए और, 
बड़े घोसले के लिए अपने घर को छोड़ आए कहीं।  यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 

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Ashish Mishra

मुरझाते पल भी बीत जाएंगे,
कल फिर से नए पल आएंगे।
माना आज अंधेरा ज्यादा है,
मगर कल खिलखिलाती रोशनी संग लाएंगे। 
मत हो उदास गर साथ किसी का छूट जाए,
क्योंकि इस जीवन के सफ़र में पथिक कई और आएंगे। यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 

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DR. SANJU TRIPATHI

कैफ़ियत की हकीकत अब कहां किसी को बताते हैं लोग। 
एक मुस्कुराहट के पीछे जाने कितने गम छुपा लेते हैं लोग।

खुशहाल जिंदगी दिखाते हैं, पर सबसे नजरें चुराते हैं लोग।
गैरों की छोड़िए अब अपनों को भी आजमाते रहते हैं लोग। यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 

अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️

• PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई  इस चुनौती

यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️ • PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई इस चुनौती #YourQuoteAndMine #yqquotes #yourquotebaba #profoundwriters #कैफ़ियत #शब्दों_की_माला #भावनाओं_की_स्याही

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DR. SANJU TRIPATHI

पिंजरे की चिड़ियाँ बनकर अब मुझको बिल्कुल नहीं रहना है।
आजाद परिंदों के जैसे मुझको भी अब खुले गगन में उड़ना है।

रोक ना पाएगा अब कोई भी मुझको और मेरी ऊंची उड़ानों को,
तोड़ देना है सारी जंजीरों को कैद में मुझे बिल्कुल नहीं रहना है।

बेटी हूं तो क्या हुआ बेटों से ज्यादा आगे बढ़कर मैं दिखाऊंगी।
करूंगी नाम जिंदगी में रोशन, बस आगे ही आगे बढ़ती जाऊंगी। यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 

अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️

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