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Haal E Dil { jav }
वह मुझसे रूठेगी कभी तो फ़िर यूँ मनाऊँगा मैं उसके माथे को प्यार करके .. गले लगाऊँगा , वह मुझसे रूठेगी कभी तो फ़िर यूँ मनाऊँगा मैं उसके माथे को प्यार करके .. गले लगाऊँगा ,
arun kumar
Poonam Suyal
तुममें है वो बात.... हरा सकता तुम्हे कोई नहीं है मंज़िल तुम्हारे सामने.... तुम्हारी हिम्मत जल्द तुम्हे ले जाएगी वहीं चलिए आज से शुरू करते है कोलाब in अपना अंदाज,कोई लिमीट नही एक पोस्ट पर कितने करना है ,ना ये कितने शब्दों मे ,कब तक करना है,क्या लिखना है ,कवि
vasundhara pandey
यहाँ बासुरी बजती है नित कान्हा मुरारी की काहि कहौं मैं धनभाग मेरो है भारी राधामोहन की धूरि परी जँह बृजधाम ठिकानो मेरो! अपने बारे में कुछ लिखीए ,,,,, चलिए आज से शुरू करते है कोलाब in अपना अंदाज,कोई लिमीट नही एक पोस्ट पर कितने करना है ,ना ये कितने शब्दों मे ,क
saurabh
रोना एक कोनो में और आंसू पोंछकर आना जरूरी है छुपाना भी यहाँ पर सब बदलते हैं खुद करके गलतियां जो हमको सिखा रहे हैं है कौन सा सही पथ हमको बता रहे हैं क्या-क्या किया उन्होंने अपने प्रणय के पथ में हम जानते हैं सब कुछ
Agrawal Vinay Vinayak
औरत की इज्जत व आबरू गर्लफ्रेंड या बीवी ? 【Read Captain】 Inspired from Loving and talented Sister #yqpriyachoudhary Post औरत की इज्जत व आबरू गर्लफ्रेंड या बीवी ? सनातन धर्म मे औरत को बहुत इज्जत
Jhallii girl
( Read in Caption ) . 👇 . 👇 . 👇 . . वो बचपन वाला प्यार 😍😍😘😘 किताब-ए-माजी के जब सफहे पलट कर देखती हूँ तन्हाई के बेले में उन यादों के शैर पे निकलती हूँ बचपन की शैतानियाँ वो नाद
Naina Arora
रिश्तों की एहमियत भी वो बता रहे है जिनके माँ-बाप अपना जीवन वृद्धाश्रम में बिता रहे है। कितनी विचित्र और दुख की बात है ना जो लोग सुध तक नही लेते अपने माता पिता की वो ही लोग खास तौर पर सोशल मीडिया पर एक भी मौका नही छोड़ते अच्छा दि
Aprasil mishra
""""प्रकरण""" "वर्तमान समाज में सिमटते रिश्ते, परिवार में बढ़ता एकाकीवाद और आधुनिक यन्त्रों पर बढ़ती निर्भरता में पारिवारिक प्रेम की वंचनाओं की शिकार होती नयी पीढ़ियाँ।" #Note: सन्दर्भ में पटयन्त्र = Mobile, पटचित्र = Emoji, प्रतिचित्र =photo/selfee. अनुशीर्षक अवश्य देखिये - ********************** हम तो किस्से कहानी की इक पोटली, ढूढ़ते ही रहे अपने कल गाँव में। हमने जा करके देखी जो दहलीज सारी, तो नन्हा पथिक मिल
Singh Manpreet
तूँ मेरियाँ जां होगी गैरां दी मेरी चिंता जी तूँ हल नी किती. अज फोन तां ओन सीगा तेरा तूँ कयो मेरे नाल गल नी किती. ©Singh Manpreet गल