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HINDI SAHITYA SAGAR

सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ?
नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ?
सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा।
रहता वही उज्ज्वल-अदूषित जो सदा बहता रहा।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ?
नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ?
सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा।
रहता वही उज्ज्वल-

सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही उज्ज्वल- #कविता

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HINDI SAHITYA SAGAR

सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ?
नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ?
सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा।
रहता वही उज्ज्वल-अदूषित जो सदा बहता रहा।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #alone 
सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ?
नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ?
सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा।
रहता वही

#alone सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही #Hindi #poem #हिंदी #कविता #Nozoto #hindi_poetry #hindi_shayari #nozotohindi #hindisahityasagar

126 Views

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अशेष_शून्य

~©Anjali Rai प्रेम विलुप्त हो जाने 
पर ये
संसार 
मरुभूमि में पड़े
उस "पत्थर" के 
समान होगा; 
जिसमें ईश्वर वास
नहीं करता....!

प्रेम विलुप्त हो जाने पर ये संसार मरुभूमि में पड़े उस "पत्थर" के समान होगा; जिसमें ईश्वर वास नहीं करता....!

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B Pawar

🌐www.whosmi.wordpress.com "सर्वमान्य"

मैं नमन करता हूं
उस चेतना को, जो
जैविक और अजैविक 
रूप में विद्यमान है।

मैं नमन करता हूं

"सर्वमान्य" मैं नमन करता हूं उस चेतना को, जो जैविक और अजैविक रूप में विद्यमान है। मैं नमन करता हूं #God #ishwar #Mahakaal #prayer #महाकाल #दिव्य #अलौकिक #महाशक्ति

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HINDI SAHITYA SAGAR

कविता : भोगलिप्सा

संकुचित है सोंच तेरी मानता तू क्यों नहीं?
सुप्त सब इन्द्रियाँ तेरी जागता तू क्यों नहीं?
आ रही अवसान वेला ज़िंदगी के दिवस की।
मोह-लोभ के बंधनों को तोड़ता तू क्यों नहीं?

छोड़कर यह मोह-माया छोड़ दो यह घर यहाँ।
साथ मेरे ही चलो तुम चलता है रहबर जहाँ।
दीवार घर की स्वयं ही के स्वेद से की तर जहाँ?
हो गए बच्चे बड़े जब तो तुम्हारा घर कहाँ?

सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ?
नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ?
सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा।
रहता वही उज्ज्वल-अदूषित जो सदा बहता रहा।

भोगने की अति लिप्सा, पाँव कब्र लटका रहा?
देखो मानव मन यहाँ है वस्तुओं में ही फँसा?
वस्तुएं होती अगर न सोंचो ये जाता कहाँ?
मौत ग़र होती न सच तो ये ठहर पाता कहाँ?

                      - शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #कविता #भोगलिप्सा #shailendra_rajpoot 
#hindisahityasagar  
कविता : भोगलिप्सा

संकुचित है सोंच तेरी मानता तू क्यों नहीं?
सुप्त सब इन्द्रियाँ

कविता भोगलिप्सा shailendra_rajpoot hindisahityasagar कविता : भोगलिप्सा संकुचित है सोंच तेरी मानता तू क्यों नहीं? सुप्त सब इन्द्रियाँ

247 Views

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Avadhoot Trinetra Dhar Dubey

जैविक हथियार

जैविक हथियार

47 Views

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Pradeep Kumar Chourasiya

आव चले गए जैविक खेती की ओर #जैविक खेती

#जैविक खेती

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Hemlatadew08

*जैविक घड़ी पर आधारित शरीर की दिनचर्या* 


*प्रातः 3 से 5 – इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से फेफड़ो में होती है। थोड़ा गुनगुना पानी पीकर खुली हवा में घूमना एवं प्राणायाम करना । इस समय दीर्घ श्वसन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता खूब विकसित होती है। उन्हें शुद्ध वायु (आक्सीजन) और ऋण आयन विपुल मात्रा में मिलने से शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिमान होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले लोग बुद्धिमान व उत्साही होते है, और सोते रहनेवालो का जीवन निस्तेज हो जाता है ।*

*प्रातः 5 से 7 – इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से आंत में होती है। प्रातः जागरण से लेकर सुबह 7 बजे के बीच मल-त्याग एवं स्नान का लेना चाहिए । सुबह 7 के बाद जो मल – त्याग करते है उनकी आँतें मल में से त्याज्य द्रवांश का शोषण कर मल को सुखा देती हैं। इससे कब्ज तथा कई अन्य रोग उत्पन्न होते हैं।*

*प्रातः 7 से 9 – इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से आमाशय में होती है। यह समय भोजन के लिए उपर्युक्त है । इस समय पाचक रस अधिक बनते हैं। भोजन के बीच –बीच में गुनगुना पानी (अनुकूलता अनुसार ) घूँट-घूँट पिये।*
9 -11 बजे तक ऊर्जा spleen me होता है
*प्रातः 11 से 1 – इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से हृदय में होती है। दोपहर 12 बजे के आस–पास मध्याह्न – संध्या (आराम ) करने की हमारी संस्कृति में विधान है। इसीलिए भोजन वर्जित है । इस समय तरल पदार्थ ले सकते है। जैसे मट्ठा पी सकते है। दही खा सकते है ।*

*दोपहर 1 से 3 - इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से छोटी आंत में होती है। इसका कार्य आहार से मिले पोषक तत्त्वों का अवशोषण व व्यर्थ पदार्थों को बड़ी आँत की ओर धकेलना है। भोजन के बाद प्यास अनुरूप पानी पीना चाहिए । इस समय भोजन करने अथवा सोने से पोषक आहार-रस के शोषण में अवरोध उत्पन्न होता है व शरीर रोगी तथा दुर्बल हो जाता है*

*दोपहर 3 से 5  इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से मूत्राशय में होती है । 2-4 घंटे पहले पिये पानी से इस समय मूत्र-त्याग की प्रवृति होती है।*

*शाम 5 से 7  इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से गुर्दे में होती है । इस समय हल्का भोजन कर लेना चाहिए । शाम को सूर्यास्त से 40 मिनट पहले भोजन कर लेना उत्तम रहेगा। सूर्यास्त के 10 मिनट पहले से 10 मिनट बाद तक (संध्याकाल) भोजन न करे। शाम को भोजन के तीन घंटे बाद दूध पी सकते है । देर रात को किया गया भोजन सुस्ती लाता है यह अनुभवगम्य है।*

*रात्री 7 से 9  इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से मस्तिष्क में होती है । इस समय मस्तिष्क विशेष रूप से सक्रिय रहता है । अतः प्रातःकाल के अलावा इस काल में पढ़ा हुआ पाठ जल्दी याद रह जाता है । आधुनिक अन्वेषण से भी इसकी पुष्टी हुई है।*

*रात्री 9 से 11  इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी में स्थित मेरुरज्जु में होती है। इस समय पीठ के बल या बायीं करवट लेकर विश्राम करने से मेरूरज्जु को प्राप्त शक्ति को ग्रहण करने में मदद मिलती है। इस समय की नींद सर्वाधिक विश्रांति प्रदान करती है । इस समय का जागरण शरीर व बुद्धि को थका देता है । यदि इस समय भोजन किया जाय तो वह सुबह तक जठर में पड़ा रहता है, पचता नहीं और उसके सड़ने से हानिकारक द्रव्य पैदा होते हैं जो अम्ल (एसिड) के साथ आँतों में जाने से रोग उत्पन्न करते हैं। इसलिए इस समय भोजन करना खतरनाक है।*

*रात्री 11 से 1  इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से पित्ताशय में होती है । इस समय का जागरण पित्त-विकार, अनिद्रा , नेत्ररोग उत्पन्न करता है व बुढ़ापा जल्दी लाता है । इस समय नई कोशिकाएं बनती है ।*

*रात्री 1 से 3  इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से लीवर में होती है । अन्न का सूक्ष्म पाचन करना यह यकृत का कार्य है। इस समय का जागरण यकृत (लीवर) व पाचन-तंत्र को बिगाड़ देता है । इस समय यदि जागते रहे तो शरीर नींद के वशीभूत होने लगता है, दृष्टि मंद होती है और शरीर की प्रतिक्रियाएं मंद होती हैं। अतः इस समय सड़क दुर्घटनाएँ अधिक होती हैं।*

 *ऋषियों व आयुर्वेदाचार्यों ने बिना भूख लगे भोजन करना वर्जित बताया है। अतः प्रातः एवं शाम के भोजन की मात्रा ऐसी रखे, जिससे ऊपर बताए भोजन के समय में खुलकर भूख लगे। जमीन पर कुछ बिछाकर सुखासन में बैठकर ही भोजन करें। इस आसन में मूलाधार चक्र सक्रिय होने से जठराग्नि प्रदीप्त रहती है। कुर्सी पर बैठकर भोजन करने में पाचनशक्ति कमजोर तथा खड़े होकर भोजन करने से तो बिल्कुल नहींवत् हो जाती है। इसलिए ʹबुफे डिनरʹ से बचना चाहिए।*

*पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का लाभ लेने हेतु सिर पूर्व या दक्षिण दिशा में करके ही सोयें, अन्यथा अनिद्रा जैसी तकलीफें होती हैं।*

*शरीर की जैविक घड़ी को ठीक ढंग से चलाने हेतु रात्रि को बत्ती बंद करके सोयें। इस संदर्भ में हुए शोध चौंकाने वाले हैं। देर रात तक कार्य या अध्ययन करने से और बत्ती चालू रख के सोने से जैविक घड़ी निष्क्रिय होकर भयंकर स्वास्थ्य-संबंधी हानियाँ होती हैं। अँधेरे में सोने से यह जैविक घड़ी ठीक ढंग से चलती है।*

*आजकल पाये जाने वाले अधिकांश रोगों का कारण अस्त-व्यस्त दिनचर्या व विपरीत आहार ही है। हम अपनी दिनचर्या शरीर की जैविक घड़ी के अनुरूप बनाये रखें तो शरीर के विभिन्न अंगों की सक्रियता का हमें अनायास ही लाभ मिलेगा। इस प्रकार थोड़ी-सी सजगता हमें स्वस्थ जीवन की प्राप्ति करा देगी।*

©Hemlatadew08
  #जैविक घडी
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Shambhu Singh Charan

#जैविक कृषि
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Mayank singh Lodhi

हम गरीब लोग तुम अमीर लोग
हम झोपड़ी bale और तुम ####वाले

©Mayank singh Lodhi हैं कृत हैं जैविक
#evening

हैं कृत हैं जैविक evening

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Deepak Kohli

सोचना हमारा मौलिक और जैविक स्वभाव है। हमें हमेशा सोच विचार करना चाहिए, तभी हमें कोई कदम या काम करना चाहिए, क्योंकि हमारे सोच और विचार में हमारे समाज का प्रभाव बेहद गहरे ढंग से होता है। हमारा मौलिक और जैविक अधिकार

हमारा मौलिक और जैविक अधिकार

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DR. LAVKESH GANDHI

जैविक युद्ध 

जाने अनजाने में चीन ने मानवता के खिलाफ 
छेड़ दिया है जैविक युद्ध इस  समूचे संसार में 
त्रस्त हो रही है पूरी मानवता इस जैविक युद्ध से 
देखो मौत से सुनसान हो रहीं इंसान की बस्तियाँ 

 #जैविक युद्ध #
#कोरोना वायरस #
#yqworldwise#yqkorona#

जैविक युद्ध # कोरोना वायरस # yqworldwiseyqkorona#

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Ravendra

समूह की महिलाएं जैविक खाद तैयार करती हुई

समूह की महिलाएं जैविक खाद तैयार करती हुई #न्यूज़

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Pawan Kumar

 Avic का जैविक खाद अपनाओ ओर 
धरती माता को बचाओ।

Avic का जैविक खाद अपनाओ ओर धरती माता को बचाओ। #nojotophoto

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Parasram Arora

दैहिक  प्रेम vs  देविक प्रेम

©Parasram Arora
  देहिक प्रेम vs दैविक  प्रेम

देहिक प्रेम vs दैविक प्रेम #कविता

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वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

अविद्यायामन्तरे वर्तमानाः स्वयं धीराः पण्डितं मन्य७मानाः।
जङ्घन्यमानाः परियन्ति मूढा अन्धेनैव नीयमाना यथान्धाः ॥

'अविद्या' के अन्दर बन्द रहने वाले ये लोग जो स्वयं को विद्वान् मानकर सोचते हैː ''हम भी विद्वान् तथा पण्डित हैं'', वस्तुतः मूढ हैं, तथा वे उसी प्रकार चोटें तथा ठोकरें खाते हुए भटकते हैं जैसे अन्धे के द्वारा ले जाया गया अन्धा।

They who dwell shut within the Ignorance and they hold themselves for learned men thinking “We, even we are the wise and the sages”-fools are they and they wander around beaten and stumbling like blind men led by the blind.

( मुण्डकोपनिषद् १.२.८ ) #मुण्डकोपनिषद् #मूर्ख #पाखंडी #छद्म #पंडित #पंडे #अवैदिक #दुष्ट
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अदनासा-

बोलबचन बाबा के अनमोल वचन


वर्तमान में बिना धन अर्जित किये, जीवन का प्रवाह अवश्य बाधित होगा, इसलिए अबाधित जीवन प्रवाह के लिए, मन से अपना कार्य या परिश्रम करो एवं धन कमाओं, परंतु स्मरण रहे धन का श्रोत या माध्यम अनैतिक ना हो, अन्यथा अनैतिक मार्ग से अर्जित धन, आपको पथभ्रष्ट कर अनवरत दुर्दशा की ओर ही ले जाएगा।

©अदनासा-
  #हिंदी #बाबाबोलबचन #विचार #धन #मन #अनैतिक #Instagram #Pinterest #Facebook #अदनासा

हिंदी बाबाबोलबचन विचार धन मन अनैतिक Instagram Pinterest Facebook अदनासा

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Chandraprakash Hardeniya

#WritersMotive मैं भारत के सभी किसान भाइयों से निवेदन कर रहा हूं आप ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती करें जय हिंद

#WritersMotive मैं भारत के सभी किसान भाइयों से निवेदन कर रहा हूं आप ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती करें जय हिंद #प्रेरक

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संगीत कुमार

(जैविक हथियार क्यों  बना  डाला) 

चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। 
भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल  क्यों मचा डाला?।।
मानव बीच दहशत क्यों  फैला डाला, मनुज मन  क्यों डरा बैठा ?। 
संसार में दहशत  तूने फैला डाला।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

मानवता तुझ में न रहा, विवेक शून्य तू बन बैठा । 
ऐसा क्यों जघन्य अपराध किया?।। 
विश्व को  तू तबाह कर डाला, त्रासदी  छा गया। 
मनहीन तू तर्कहीन , किस ओर तू चल पड़ा?।। 
चीन तूने जैविक  हथियार क्यों बना डाला। 

प्रकृति तुझे न माफ करेगी, प्रकृति  से  जो खिलवाड़ कर बैठा । 
अप्राकृतिक विपदा बना कर जग को तूने रूला डाला।। 
किस सोच में तू बैठा है?, मनहूस क्यों बन बैठा है।
विश्व मे सर्वोच्च  तू बनना चाहता, तू नीच बन रह जायेगा।।
चीन तू जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

ताँडव तू मचाने लगा, जग को अशांत कर बैठा । 
शापित है तू नष्ट हो जायेगा, आगे बढ़ न पायेगा।। 
तेरा करतूत जग-जाहिर है, हँसी का पात्र बन बैठा है। 
तुझे अपना न कोई समझेगा  ऐसे ही तू वर्वाद हो जायेगा।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

कैसा कहर कोरोना का ,जग मे तू बरसा दिया ?।
चहुँदिस रोना पसर गया, जग पीड़ित सा हो गया।। 
ऐसा क्यों  तू चाल चला ?,प्राण  सब का बेहाल हुआ। 
दानव बन तू बैठा है, मानवता का संहार किया।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

(संगीत कुमार /जबलपुर)
✒️स्व-रचित कविता 🙏🙏 (जैविक हथियार क्यों  बना  डाला) 

चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। 
भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल  क्यों मचा डाला?।।
मानव बीच दहश

(जैविक हथियार क्यों बना डाला) चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल क्यों मचा डाला?।। मानव बीच दहश

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
जो अनैतिक ओर गन्दे तरीके से 
धन कमाते हैं, उनके चारो और 
विस ही विस् (जहर) रहता है।।

©N S Yadav GoldMine #lonely {Bolo Ji Radhey Radhey}
जो अनैतिक ओर गन्दे तरीके से 
धन कमाते हैं, उनके चारो और 
विस ही विस् (जहर) रहता है।।

#lonely {Bolo Ji Radhey Radhey} जो अनैतिक ओर गन्दे तरीके से धन कमाते हैं, उनके चारो और विस ही विस् (जहर) रहता है।। #ज़िन्दगी

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Abhysheq Shukla

ब-दस्तूर हाक़िम सा, वो झूठ फैलाता है
सय्याद भी मुल्क में, सहाफ़ी कहलाता है..

फ़ेल-ए-बद की फ़िक्र किसे, इस दौर में
ब-दस्तूर जो झूठ है, वहीं सच कहलाता है.. फ़ेल-ए-बद- अनैतिक कार्य 
ब-दस्तूर -As usual
हाक़िम - Ruler
सय्याद - शिकारी 
सहाफ़ी - Journalist

#quotes #lifequote #lifequotes #yqbaba #quote

फ़ेल-ए-बद- अनैतिक कार्य ब-दस्तूर -As usual हाक़िम - Ruler सय्याद - शिकारी सहाफ़ी - Journalist #Quotes #lifequote #lifequotes #yqbaba #Quote #Inspiration #motivationalquotes #yqtales

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अशेष_शून्य

जल की "जैविकी"
तो आती नहीं थी
मुझे;
हां मगर पहले कभी
"अग्नि" का आवरण 
थी मैं,
उसने मेरी "आत्मा" स्पर्श करके
 मुझे "पृथ्वी" कर दिया।।
-Anjali Rai
 ❣️🌸.... पृथ्वी (जीवन)
_____________________

Wording - जैविकी का अर्थ जीव विज्ञान (  Biology)

_______________

#अशेष_शून्य

❣️🌸.... पृथ्वी (जीवन) _____________________ Wording - जैविकी का अर्थ जीव विज्ञान ( Biology) _______________ #अशेष_शून्य #yqdidi #yqhindiquotes #yqaestheticthoughts

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साहस

गम मिलते है,तो साफ राहें कंकड़ों सी गड़ने लगती है।
गम मिलते है, तो आंखों में किरकिरी मिलने लगती है।। Neeti Agrawal
Vestige Network Marketing
जैविक खेती के लिए संपर्क करें👇
7879529375
Thank you so much 😊♥️🙏

#anusha #yqquotes #latest #trendin

Neeti Agrawal Vestige Network Marketing जैविक खेती के लिए संपर्क करें👇 7879529375 Thank you so much 😊♥️🙏 #Anusha #yqquotes #latest trendin #Trending #YourQuoteAndMine

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brijesh mehta

..

क्या दिल और आत्मा से
सिर्फ "एक" कि ही उमंग और चाह
अनुचित और अनैतिक हो सकती है 

बस अब 
सिर्फ यही समझना
बाकी है नैतिक चरित्रवानो से !!

#मंमाधन

©brijesh mehta
  क्या दिल और आत्मा से
सिर्फ "एक" कि ही उमंग और चाह
अनुचित और अनैतिक हो सकती है 

बस अब 
सिर्फ यही समझना
बाकी है नैतिक चरित्रवानो से !!

क्या दिल और आत्मा से सिर्फ "एक" कि ही उमंग और चाह अनुचित और अनैतिक हो सकती है बस अब सिर्फ यही समझना बाकी है नैतिक चरित्रवानो से !! #Thoughts #मंमाधन

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Paramjeet kaur Mehra

 सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती है और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बिना किसी चिंता के जीवन जीता है।सत भक्ति कर

सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती है और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बिना किसी चिंता के जीवन जीता है।सत भक्ति कर #poem #nojotophoto

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Paramjeet kaur Mehra

 सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती है और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बिना किसी चिंता के जीवन जीता है।

सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती है और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बिना किसी चिंता के जीवन जीता है। #Shayari #nojotophoto

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Akash Das

 #सतभक्ति_से_अद्भुत_लाभ
सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती है और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बिना किसी चिंता के ज

#सतभक्ति_से_अद्भुत_लाभ सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती है और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बिना किसी चिंता के ज #nojotophoto

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Mohit Das

Sant Rampal ji Maharaj

©Mohit Das #santrampaljimaharaj सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जी

#santrampaljimaharaj सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जी #Motivational

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