वफा से वफा मिली नही,
सुकुन कि हवा भी चली नही,
हमे किसी से नफरत नही,
पर दिल्ल दुखाया हे जिसने मेरा जानबुज कर
उसे माफ करना भी लाजमी नहीं,
#शायरी#Darknight
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✍ अमितेश निषाद
तेरी बेचैनी तेरी चाल हर अदा समझता हूँ
वाकिफ हूँ तेरी वफा से वफादारी समझता हूँ ।।
आग कौन लगाता है यहां वहां के घरों में
बारूद तो