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Preeti Karn

# श्याम रंग #निमिष:( blink) #yq didi

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निमिष निमिष अपलक निहारूँ
प्रेम सुधा  नैनन  सों वारूँ
क्षण क्षण तेरी बाट निहारूँ
प्रीत रंग चुनर रंग डारूँ
उलझन में बस तुम्हें पुकारूँ ।

        प्रीति

     # श्याम रंग
#निमिष:( blink)
#Yq didi

Sunita Singh

नाग पंचमी की शुभकामनाएं सुनीता निमिष सिंह

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शिव के गले की शोभा बन
पाया उच्चा स्थान।
शुक्ल पक्ष की पंचमी को
पूजा, रुद्राभिषेक से करते सम्मान।
तुम्हारी पूजा शिव को अतिप्यारी
देते वो वरदान।
सुख ,शांति, संबार्धी हो सबके घर में
करे जो नाग पंचमी का ध्यान।।
नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

Sunita Nimish Singh नाग पंचमी की शुभकामनाएं
सुनीता निमिष सिंह

Sunita Singh

एक सच written by सुनीता निमिष सिंह

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Sunita Singh

🍁 प्रण 🍁 लेखिका : सुनीता निमिष सिंह

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:  प्रण :

🍁 चलो आज खुद को पहचान लेते हैं        

पूजा , इबादत, अजान सब इंसानियत के रूप है
 ये मान लेते  है हम।

कोरोंना तेरे कहर को ढ़ा देगे
ये प्रण ठान लेते हैं हम।

तेरा दुख मेरा हुआ और मेरा सुख तेरा
दिल से य‌॓ मान लेते हैं हम।

लम्बा हो सफर चाहे कठिन हो डगर
चुन कर कटों से राहों को
एक दूजे को थाम लगे हम।

राहें अलग हो, मंजिल अलग हो
एक ही लक्ष्य के मुसाफ़िर हैं, 
ये जान लेते  है हम।

चलो आओ खुद को पहचान लेते है हम।🍁

                            सुनीता निमिष सिंह 🍁 प्रण 🍁 
       लेखिका : सुनीता निमिष सिंह

Sunita Singh

🌹दोस्ती🌹 लेखिका : सुनीता निमिष सिंह

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Sunita Singh

कविता शीर्षक :- विनती🙏 लेखिका :- सुनीता निमिष सिंह

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🙏 विनती🙏
मेरे  " प्रभु" 
न ही भूले है और 
न ही कभी भूलेगे।
तेरी रहमेते देख कर
अक्सर तराजू टूट जाते है।
माना खफा है तू अभी अपने बंदों से
खिलवाड़ कर बैठे हैं जो कुदरत से अनजाने में।
वरना यू ही तू अपने मंदिरों के पट बन्द नहीं करता।
यू ही वेबजह गुरुद्वारों से 
लंगर नहीं उठता।
यू ही मस्ज़िदों में अजन नहीं रुकती ।
"करोना" को सृष्टि मुक्त करो ना 
नहीं तो प्रलय को आते देर न लगेगी 
धारा की कोख सुनी हो जाएगी।
जानते है " प्रभु "
देख अपनों कि बरबादी का आलम देख 
तू भी बारिश की बूंदों संग रो रहा है।
बख्श दे अपने बंदों के गुनाह को।
माफ़ कर उनके हर बुरे कर्म को।
पनाह में ले  अपने बंदों को ।
रहमत की वो आस लगा के बैठे है।
पता है हमें तेरे बख्शीश की
कोई तारीख नहीं होती।
तेरी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता।
तभी तो इस संसार में
 सिर्फ एक तू ही तू नज़र आता है।🍃🍂
🙏🙏
(सुनीता निमिष सिंह) कविता
शीर्षक :- विनती🙏
लेखिका :- सुनीता निमिष सिंह

Sunita Singh

कविता शीर्षक: ऐक संदेश लेखिका : सुनीता निमिष सिंह

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Sunita Singh

विचार सोच हमेशा सकारात्मक रखे। सुनीता निमिष सिंह

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ये  "कोरोना"  तेरा कहर भी गजब ढा गया ।   

घर की मायूसी, अकेलेपन और विरानी को खा गया।

                                           सुनीता निमिष सिंह विचार
सोच हमेशा सकारात्मक रखे।
   सुनीता निमिष सिंह

Sunita Singh

कविता शीर्षक : अंतः द्वंद लेखिका : सुनीता निमिष सिंह

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Sunita Singh

विश्व परिवार दिवस written by सुनीता निमिष सिंह

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