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Rakesh Kumar Dogra

 झूलना चाहता है या लटकना चाहता है।

झूलना चाहता है या लटकना चाहता है।

7 Love

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Priyansh Sharma

________________________________________
अच्छा सुनो ना...

ये कानों में
लटकने वाले बड़े से
गोल - गोल झुमकों में फंसी हुई तुम्हारी लटकने..
और
इन लटकनों को
बड़ी मशक्कत से निकालने
की कोशिश करती तुम्हारी छोटी - छोटी उँगलियाँ...,

दांतो में फंसाया
हुआ ये ब्लेक क्लेचर
और तुम्हारे चेहरे की मासूमियत..
ये नशीली आंखे
और इनमें लगा हुआ स्याह काजल....

सुनो...तुम्हारा
मुझसे बोलना
मेरे दिल को भा जाता है...
कसम से...हर बार तुम पर दिल❤️ फिसल जाता है..।
________________________________________

©Priyansh Sharma
  अच्छा सुनो ना...

ये कानों में
लटकने वाले बड़े से
गोल - गोल झुमकों में फंसी हुई तुम्हारी लटकने..
और
इन लटकनों को
बड़ी मशक्कत से निकालने

अच्छा सुनो ना... ये कानों में लटकने वाले बड़े से गोल - गोल झुमकों में फंसी हुई तुम्हारी लटकने.. और इन लटकनों को बड़ी मशक्कत से निकालने #Love #SAD #ishq #nojotohindi #nojotoLove

27 Views

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Anita Saini

आसमान बाप सा बरसता है
वो किसे थामता है ! साहब
गोद माँ की पुकारती है बाहें फैलाकर
धरती के वक्ष पर ही सो सकता है प्राणी! आसमान बाप सा बरसता है
वो किसे थामता है ! साहब
गोद माँ की पुकारती है बाहें फैलाकर
धरती के वक्ष पर ही सो सकता है प्राणी!
#आसमान #गिरना #लटकना

आसमान बाप सा बरसता है वो किसे थामता है ! साहब गोद माँ की पुकारती है बाहें फैलाकर धरती के वक्ष पर ही सो सकता है प्राणी! #आसमान #गिरना #लटकना #खजूर #YourQuoteAndMine

0 Love

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एक अधूरी तम्मना

कोई यूं ही नही मर जाता है,
कोई यूं ही नहीं दुनिया को अलविदा कह देता है,हँसते मुस्कराते फांसी के फंदे पर लटकने से पहले,ज़हर का घूंट पीने से पहले वो मरता है रोज़ रोज़, अंदर के एकांत को, 
बाहर के शोर में छुपाए हुए,
जब कोई नही सुनने वाला होता तो वो चुनता है,
मौत😭😭😭
#तम्मना कोई यूं ही नही मर जाता है,
कोई यूं ही नहीं 
दुनिया को अलविदा कह देता है,
हँसते मुस्कराते फांसी के 
फंदे पर लटकने से पहले,
ज़हर का घूंट पीने स

कोई यूं ही नही मर जाता है, कोई यूं ही नहीं दुनिया को अलविदा कह देता है, हँसते मुस्कराते फांसी के फंदे पर लटकने से पहले, ज़हर का घूंट पीने स #SushantSinghRajput #तम्मना

18 Love

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Priyansh Sharma

_______________________________________
अच्छा सुनो....

गुलाब की दो
पंखुड़ियों के जैसे ये
लालिमा लिए हुए तुम्हारे होंठ...
और उनके नीचे
फबने वाला ये स्याह तिल..!

गालो पर गिरी हुई
लटकनों को कान के पीछे,
दबाती हुई तुम्हारी ये छोटी छोटी उंगलियाँ..
और
स्याह पलकों को
झुकाकर तुम्हारी शरमाने की ये मासूम सी अदा...

हाँ....
तुम मेरा वो ही ख्याल हो
जिसे मैंने ख़यालो में बहुत बार सोचा है...।
                         ❣️
_______________________________________

©Priyansh Sharma अच्छा सुनो....

गुलाब की दो
पंखुड़ियों के जैसे ये
लालिमा लिए हुए तुम्हारे होंठ...
और उनके नीचे
फबने वाला ये स्याह तिल..!

अच्छा सुनो.... गुलाब की दो पंखुड़ियों के जैसे ये लालिमा लिए हुए तुम्हारे होंठ... और उनके नीचे फबने वाला ये स्याह तिल..! #Love #SAD #ishq #nojotohindi #nojotoshayari

15 Love

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तुषार"आदित्य"

ये जीवन का खेल है,चलता रहता है।
हार-जीत का मेल है,चलता रहता है।

कुछ सिकंदर होते है,कुछ मजनू हो जाते है।
गिरना-उठना,लड़ना-डरना चलता रहता है।

कुछ लोग निवाले बन,काल के गाल पीसते है।
कुछ होते है जिनका तो सफ़ीना चलता रहता है।

कभी कोई"निर्भया"सड़क पे तड़प के मरती है।
हर वक्त एक"सुशांत" लटकना चलता रहता है।

हाँ!जैसे हो जो भी हो,हर हाल में दुनिया को।
चलना है और हरदम चलना चलता रहता है। ये जीवन का खेल है,चलता रहता है।
हार-जीत का मेल है,चलता रहता है।

कुछ सिकंदर होते है,कुछ मजनू हो जाते है।
गिरना-उठना,लड़ना-डरना चलता रहता है।

ये जीवन का खेल है,चलता रहता है। हार-जीत का मेल है,चलता रहता है। कुछ सिकंदर होते है,कुछ मजनू हो जाते है। गिरना-उठना,लड़ना-डरना चलता रहता है। #SushantSinghRajput #ripsushantsinghrajput #रहता_है #jusitceforshusant

0 Love

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Priyansh Sharma

मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश ये भी है कि..

वो जब मेरे
छोटे से किचन में आटा गुंथा करें,
तो मैं उसकी लटकनों को संवारा करूँ..।
वो जब 
कभी उदास रहे तो,
उसे हँसाने के बहाने ढूंढा करूँ..।

सामने बैठकर वो बात
करती है तो अच्छी लगती है,
दिल करता है कि उसे सुनता रहा करूँ..
और उसका गुस्से में
अच्छा, ह्म्म्म, ओके..तो ठीक है,
पर मुस्कुराती है तो लगता है सजदा करूँ...।

सुनो...
तुम्हें कहना तो
बहुत कुछ है मुझे
पर जब सामने होती हो
तो दिल कहता है होठों को काबू करूँ...।

©Priyansh Sharma
  मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश ये भी है कि..

वो जब मेरे
छोटे से किचन में आटा गुंथा करें,
तो मैं उसकी लटकनों को संवारा कर

मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश ये भी है कि.. वो जब मेरे छोटे से किचन में आटा गुंथा करें, तो मैं उसकी लटकनों को संवारा कर #लव

431 Views

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Priyansh Sharma

अब तुमसे
मिलेंगे तो खुलकर मिलेंगे,
जैसे अंधेरे को जुगनू मिलेंगे..
मैंने देखा है
इश्क़ को आंखों में तुम्हारी,
जब भी मिलेंगे मोहब्बत लेकर मिलेंगे...।

कोन है जो रखेगा
तुम्हारी लटकने संवार कर,
मिलने को लोग तुम्हें बेशुमार मिलेंगे..
तुम्हारी ज़िद
ही है जाने की तो जाओ,
अब इश्क़ को हमारे दरवाजे बंद मिलेंगे...।

ये मौसम,ये बारिस
ये ठंडी हवाएं और तुम,
पता नही ये साथ में अब कब मिलेंगे..
एक अरसा गुजर
गया है मेरी आंख के आगे से,
तुमने तो कहा था हम कल फिर मिलेंगे...।

सुनो...
ये दुआ भी है
और ख़्वाहिश भी है मेरी,
तुम्हें सफर में अब कांटे कम मिलेंगे...।

©Priyansh Sharma अब तुमसे
मिलेंगे तो खुलकर मिलेंगे,
जैसे अंधेरे को जुगनू मिलेंगे..
मैंने देखा है
इश्क़ को आंखों में तुम्हारी,
जब भी मिलेंगे मोहब्बत लेकर मिलें

अब तुमसे मिलेंगे तो खुलकर मिलेंगे, जैसे अंधेरे को जुगनू मिलेंगे.. मैंने देखा है इश्क़ को आंखों में तुम्हारी, जब भी मिलेंगे मोहब्बत लेकर मिलें #Love #SAD #ishq #nojotohindi #mohabbat #nojotoLove

12 Love

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Aparna Shambhawi

 #paki #nojotohindi #poem

कहुँ साँझ-साँझ अाँगन में,
राग रंग अनुरागी दूँ,
हिंडोल, मेघ आरोहण में,
बहार मीर सारं दूँ।

भरी बदरिया सावन में,

#paki #nojotohindi #poem कहुँ साँझ-साँझ अाँगन में, राग रंग अनुरागी दूँ, हिंडोल, मेघ आरोहण में, बहार मीर सारं दूँ। भरी बदरिया सावन में,

28 Love

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gaTTubaba

#NaaHaarenge 
पंखे से लटकने का इरादा रखता हैं
तो पंखे की तरह चलने का भी इरादा रख सकता हैं तू

ट्रेन के सामने कटने की हिम्मत रखता हैं
तो ट्रे

#NaaHaarenge पंखे से लटकने का इरादा रखता हैं तो पंखे की तरह चलने का भी इरादा रख सकता हैं तू ट्रेन के सामने कटने की हिम्मत रखता हैं तो ट्रे #शायरी

770 Views

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AB

......      
   न मोह तुम्हारा न टोह कोई फिर भी तुम में बसती हो जैसे रूह मेरी, पलकों पर बैठो ना औंन्स बन ये आंसू अब न मेरी थाह लेते हैं, हाँ थाम लो

न मोह तुम्हारा न टोह कोई फिर भी तुम में बसती हो जैसे रूह मेरी, पलकों पर बैठो ना औंन्स बन ये आंसू अब न मेरी थाह लेते हैं, हाँ थाम लो

0 Love

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Vikas Sharma Shivaaya'

ॐ नमो नीलकण्ठाय।


“मुख दधि लेप किए सोभित कर नवनीत लिए-घुटुरुनि चलत रेनु तन मंडित मुख दधि लेप किए।

चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिलक दिए-लट लटकनि मनु मत्त मधुप गन मादक मधुहिं पिए।

कठुला कंठ वज्र केहरि नख राजत रुचिर हिए-धन्य सूर एकौ पल इहिं सुख का सत कल्प जिए। “


कृष्ण के बचपन के बारे में बताया गया है कि जब वह छोटे थे, तब वे अपने घुटनों के बल चल रहे थे। उसने हाथों में ताजा मक्खन लिया और उसका पूरा शरीर कीचड़ से ढक हुआ है। उनके चेहरे पर दही हैं। उसके उभरे हुए गाल बहुत प्यारे लगते हैं और उसकी आँखें चंचल हैं। कान्हा के माथे पर गोरोचन का तिलक है। उसके बाल घुंघराले और लंबे हैं जो चलते समय उसके गाल पर आ जाते हैं और ऐसा लग रहा है कि भावरा रस पीने के लिए इधर-उधर भटक रही है। कान्हा के गले में पड़ा हार और शेर का नाखून उनकी सुंदरता में इजाफा करता है। अगर किसी को कृष्ण के इस सुंदर रूप के दर्शन हो जाएं, तो उसका जीवन सफल हो जाता है। अन्यथा, सौ दोषियों के लिए भी जीवन व्यर्थ है।


🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ नमो नीलकण्ठाय।


“मुख दधि लेप किए सोभित कर नवनीत लिए-घुटुरुनि चलत रेनु तन मंडित मुख दधि लेप किए।

चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिलक दिए-लट लट

ॐ नमो नीलकण्ठाय। “मुख दधि लेप किए सोभित कर नवनीत लिए-घुटुरुनि चलत रेनु तन मंडित मुख दधि लेप किए। चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिलक दिए-लट लट #समाज

7 Love

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BRIJESH KUMAR

#OpenPoetry वो झुमके कितनें प्यारे थे...

जैसे कानों पे लगते सितारे थे....


जब भी खुशी में झुमती थी...

लटकनें उसके गालों को चुमती थी....


बैरन बड़ी वो चूड़ी थी...

बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी.....


 जैसे छुई -मुई सा -पल्लव हो

     ऐसे -वो-शर्माती थी.....


नैनों से अक्सर मुझे ,

उसके बड़ी शिकायत होती थी.....


मेरे लाख गुज़ारिश करने पे

जब आँखों में काजल लगाती थी......


काजल लगते ही आँखों में वो मेरा चाँद

पूरा हो जाता था.....


 गौर से झाँकता उसकी आँखो में

चक्छुओ में जब प्रतिबिंब बस मेरा नजर आता था.....


अजब अदा थी,उसकी ईठलाती और बलखाती थी

बात -बात पे घूँट -घूँट वो पानी मुझे,

पिलाती थी.....


साँस ले के थम जाता दिल वहीं पलभर में

जब दाँतों में दबा क्लिप को अपने

वो स्वतंत्र #जुड़ा बनाती थी

ओह.........

      सच री.... सखी.....वो दिन कितनें प्यारे थे

जब सजनी संग हमारे थे


बिरह कि आग लगी है, ह्रदय में ,

प्रीत में लिपट के तन, मन, दिल

जल रहा है ,धधक -धधक


फूँक दिया है, जमाने के 150 लोगों ने

कर दिया #ब्रजेश को अलग -थलक


सच्च वो  दिन  कितनें प्यारे थे

जब झुमके कानों से होकर,गुजरते हुए

गालों से लगे तुम्हारे थे......

 😊😊😊😊😊
#एक #छोटी-#सी #कोशिश

✒.ब्रजेश कुमार वो झुमके कितनें प्यारे थे...

जैसे कानों पे लगते सितारे थे....


जब भी खुशी में झुमती थी...

लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी.... #एक #सी #कोशिश #छोटी #जुड़ा #ब्रजेश #OpenPoetry

10 Love

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BRIJESH KUMAR

 वो झुमके कितनें प्यारे थे...
जैसे कानों पे लगते सितारे थे....

जब भी खुशी में झुमती थी...
लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

बैरन बड़ी वो चू

वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी.... बैरन बड़ी वो चू #Poetry #Photography #Instagram #Facebook #एक #सी #कोशिश #छोटी #जुड़ा #ब्रजेश

3 Love

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Veer Keh Raha

फिर से ढलती ढलती शामें मन को छूकर जाती है,
मीठे गीत सुहाने फिर से आज हवाएं गाती है।

फिर से सब कुछ बदला बदला और अनोखा लगता है,
रंग सुनहरा फु

फिर से ढलती ढलती शामें मन को छूकर जाती है, मीठे गीत सुहाने फिर से आज हवाएं गाती है। फिर से सब कुछ बदला बदला और अनोखा लगता है, रंग सुनहरा फु #Love #ValentineDay #कविता #nojotovideo

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SURAJ आफताबी

दराज  में  पड़ा  पहला  खत  प्रियवर  को  जाने को  हर वक्त अड़ा रहता है
पहली तो हिचकिचाहट बाधा, दूसरा पता नहीं किस गली वो अब रहता है!

करता  है वो खत सँवाद मुझसे कुछ यूँ कहते हुये...
जब  पहली  बार  खत  लिखने  की  बारी  आई  थी
क्यों तूने उसकी मुस्कुराहट मेरे बदन पर बिछाई थी
तब  तो  कहता  था  मेरी  थाली  से  किताबों तक  वो ही झलकता रहता है
अब लगा कुछ अर्थपूर्ण कार्य उसका जो सीने में व्यर्थ ही फुदकता रहता है !

बड़े क्रुद्ध तेवर में खत अपनी पीड़ा बयां करते कह रहा...
क्यों तूने उसके गिरे झुमके की लटकन अपने अध्ययन कक्ष में लटकाई थी
फिर  तूने  मुझे  लिखने  की कोशिश में अनगिनत पन्नों की लाशें बिछाई थी
क्यों  तू  ये  कहता  था  उसका  यूँ  कनखियों  से  देखना  घायल  करता रहता है
पीले दुपट्टे से गोरी का छनकर आना मुझे उसके रूप का कायल करता रहता है !

क्यों  तुम  मुझे  यूँ  ऐसे ही दराज में छुपाये  रखे हो
शायद प्रतीक्षा में वो भी आतुर नैन बिछाये बैठी हो
बताओ  आफताबी  जब  हर  रात  वो  तेरी  बाँसुरी  में धुन सा बजता रहता है
है ये रोग लाइलाज पता है तुमको, फिर उसे मुझको प्रेषित क्यों नहीं करता है ! कनखियों से देखना- तिरछी नजर से देखना

Thanku so much love love  dost for remembering me 😊
YourQuote Didi YourQuote Baba 
#yqdidi #yqbaba #hi

कनखियों से देखना- तिरछी नजर से देखना Thanku so much love love dost for remembering me 😊 YourQuote Didi YourQuote Baba #yqdidi #yqbaba hi #Hindi #hindipoetry #yqlove #surajaaftabi

0 Love

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Harshita Dawar

Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
कुछ एहसास छलक गए।
कुछ अरमान छलक गए।
बचपन के परिंदे उड़ते नज़र आए
जज़्बात ए  ज़िन्दगी के सफ़र तय करने लगे।

See caption #childhood #memories #deepthoughts #yqbaba #yqtales #yqhindi 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
कुछ अरमान छलक गए
कुछ एहसास छलक गए
मेरे आंखो

#Childhood #Memories #Deepthoughts #yqbaba #yqtales #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat कुछ अरमान छलक गए कुछ एहसास छलक गए मेरे आंखो

0 Love

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AK__Alfaaz..

अपने,
​जीवन की प्रस्तावना,
​लिखकर,
​अपनी श्वाँसों के,
​उपसंहार तलाशती वो,
​मृत्यु..,
​पहला व अन्तिम,
​निबंध है उसके जीवन का,
​उसके..,
​जीवन की पुस्तक का,
​पहला पन्ना कोरा है,
​और..दूसरे पन्ने पर लिखी है,
उसके ​श्वाँसों की विषय सूची,
​उसकी अश्रुओं की स्याही से,
​कुल ग्यारह..,
​पीर अनुसूचियों में, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#आर्तनाद_एकादश

​अपने,
​जीवन की प्रस्तावना,
​लिखकर,
​अपनी श्वाँसों के,

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #आर्तनाद_एकादश ​अपने, ​जीवन की प्रस्तावना, ​लिखकर, ​अपनी श्वाँसों के, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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poonam maurya

# भटकन #

# भटकन #

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Parasram Arora

जिंदगी मे  भटकने का भी एक मजा है और
भटक कर  पा लेने  का मजा  और भी ज्यादा
जि सने खोया नहीं  उसे पाने का  मजा  कहाँ  आता. है
दूर  हुए  बिना  पास  होने का मजा कहा  मिल पाता है
विरह की अग्नि  बिना  मिलन का फूल  कहां
खिल पाता  है और
मौत क़े  अँधेरे क़े बिना  जीवन मे  प्रकाश  कहां  दिख
पाता है
दूरी  पास  आने  की पुकार है  और हर  दुख
जगाने  की  अज़ान  क्योंकि
दुख क़े बिना   कोई  जाग  कहा   पाता  है

©Parasram Arora भटकन.......

भटकन.......

13 Love

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SHIVAM SINGH TOMAR

लाख आशिक हैं , तेरे जमाने में ।
याद मुझको भी रखना, अपने ठिकाने में

मैं भटक भी जाऊ हे!  प्रभु कभी,

तुम रखना मुझे नज़राने में।

©Shivam Tomar भटकन

भटकन #शायरी

17 Love

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Parasram Arora

जीवन की इस भटकन को तुम अपना अनुभव बनालो
सही  राह सही दिशा पाने के लिए ये जरूरी था

सागर मे  उठे  इस ज्वार से  जीवन की किश्ती को कैसे बचाये
अब तो  किश्ती की पतवार को  अपने हाथ मे ले लेना जरुरी था

©Parasram Arora भटकन

भटकन #कविता

9 Love

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Arora PR

सोचा भी नहीं था कि मेरा  वास्ता इन पथरो से पड़ने वाला है
अपनापन  ढूंढ़ने के लिए मै 
अभी भी गली गली भटक रहा था

©Arora PR
  भटकन

भटकन #कविता

27 Views

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Parasram Arora

कुछ  हसीं   ख्वाब  और कुछ  आँसू
उम्र भर की यही  कमाई है

दुनिया  का  एतबार करें भी तो क्या करें
आँसू तो  अपनी  आँख का  अपना  हुआ नहीं है

यही जिंदगी  मुसीबत  यही जिंदगी  मसर्रत
यही जिंदगी  हकीकत  यही जिंदगी फसाना  है.

हज़ारों  खिज्र  पैदा कर चुकी  है नस्ल  आदमी की
ये सब तस्लीम  पर आदमी  अब तक भटकता  है

©Parasram Arora भटकन.......

भटकन.......

10 Love

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Amit Shukla

सभ्यता के घने आवरण हो गए।
प्रश्न जीवन के सब आमरण हो गए।
उर्मिला बन के महलों में तुम ही रहीं।
हम भटकते हुए लछमण हो गए।
           अमित शुक्ला #NojotoQuote #भटकन
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Sachin Pratap Singh

तुम्हारे बाल गोयल से काले है
हमे आकर्षित करने वाले है

आँखे तुम्हारी सागर से भी गहरी है
पलके केवट सी पेहेरी है

तुम्हारी मुस्कान इतनी चंचल है
जैसे रखी चेहरे पे मेरी भटकन है

©Sachin Pratap Singh #भटकन 

#Ocean
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DR. LAVKESH GANDHI

लटकी हुई है तलवार गर्दन पर 
इस कदर बेवसी का आलम है 
सोच कर भी सिहर उठता हूँ 
देख कर मौत का क्रूर  मंजर  #तलवार #
#लटकी हुई तलवार #
#yqtalvar #yqaavaj #

तलवार # लटकी हुई तलवार # yqtalvar yqaavaj #

0 Love

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Ashish Singh

पंखे मे लटक गया

पंखे मे लटक गया #Quotes

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