Nojoto: Largest Storytelling Platform

New धनिकः Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about धनिकः from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धनिकः.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Usha Yadav

धनिका #waiting #ज़िन्दगी

read more
धनिका 
उपन्यास 'धनिका' को पढ़ने के बाद सच में छोड़ने का मन ही नहीं होगा। जब तक की ये खत्म ना हो जाए ।11 अध्याय और 159 पेज का यह उपन्यास, हर एक लड़की जैसे शादी ना होने के पहले और शादी होने के बाद की परिस्थितियों और अपनी मजबूरियों को बयां करती है। 5 बच्चों का हंसता खेलता पूरा परिवार जिसमें से चार तो लड़कियां ही हैं। हर लड़की की अपनी एक अलग कहानीहैं। बड़ी लड़की धनिका की बच्चेदानी अंदर पेट में सड़ने की वजह से बच्चेदानी ही निकाल दी जाती है। पति तथा पत्नी के जीवन से वात्सल्य और आनंद सब कुछ बुहार कर गहरे समंदर में किसी ने फ़ेक दिया हो। फिर भी घर की बड़ी लड़की होने के कारण और पति की तरफ से अवसान निर्जीव सी उस घर में पड़ी रहती है। कहते हैं" ना पीड़ा जब सहनशीलता की सीमा पार कर ले, जब बेहतरी के सारे रास्ते बंद हो जाए। तब सहानुभूति की जैसी जरूरत थी खत्म हो जाती है। घर आए भी तो कैसे बाबा ने जो कुछ जोड़-तोड़ के रख रखा था, या रख रहे थे। बाकी बहनों के दहेज के लिए। ताकि उनकी बेटियों की अच्छी जगह शादी हो सके। इसी प्रकार अर्चना जो ताउम्र वासु से प्यार करती है। वासु भी उसे धोखा देकर चला गया। शादी होने की बावजूद उसकी निगाहें सिर्फ
 "कटी पतंग का निगाहों के दायरे से 
बहुत दूर बादलों में विलय हो जाना 
जैसा हमेशा उसे महसूस करती है" वह पढ़ना चाहती थी। परंतु मां बाबा की हालत देखकर बेचारी अपनी पढ़ाई छोड़ कर स्कूल में पढ़ाने लगी। हर लड़की की अपनी एक अलग सी कहानी है। जिसे पढ़कर एक भावात्मक जुड़ाव हो जाता है। शादी के बाद जब कोई लड़की अपने छात्र जीवन के अल्हड़ गलियारों में पहुंच जाए तो उस समय कहते हैं" ना वक्त केवल बीतता है। गुजरता नहीं मायके की जर्रे जर्रे…. में अतीत जीवन तड़पता है। इसके बाद यदि उसका ही पति जब उसकी ही छोटी बहन को अपने ही घर पर लाकर उसके साथ घूमने जाए और हमबिस्तर होने लगें तो उस स्त्री पर क्या गुजरती होगी। यह तो सिर्फ वही जान सकती है। एक स्त्री सिर्फ अपनी बच्चेदानी या बच्चा पैदा करने से ही नहीं जानी जाती। उसका भी अपना वजूद है उस व्यक्ति के साथ संबंध है जो सात जन्मों का वचन देकर उसे अपने घर पर ब्याह कर लाता है। यादों की पीड़ा का अवसान किस के मन में कितना है। कौन जाने यह तो "मधु चतुर्वेदी" को ही पता है। सलाम है आपकी लेखनी को मैम। 'धनिका' उपन्यास को पढ़ते वक्त सचमुच इस जुड़ाव सा हो गया। जिसे सिर्फ एक दिन में ही पढ़ कर खत्म किया। बहुत कुछ है इस उपन्यास में परंतु अभी मैं सिर्फ एक छोटी सी समझा ही कर रही हूं।बाकी जब आप इसे अपने आप ही इसे पढेंगे तो खुद ब खुद समझ आ जाएगा।
धन्यवाद 
उषा यादव

©Usha Yadav धनिका

#waiting

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है।पैरों #समाज

read more
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
                   
एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है।पैरों में महँगे और नये जूते होने पर सोचता है कि क्या करूँ?यदि बाहर उतार कर जाता हूँ तो कोई उठा न ले जाये और अंदर पूजा में मन भी नहीं लगेगा; सारा ध्यान् जूतों पर ही रहेगा। उसे बाहर एक भिखारी बैठा दिखाई देता है। वह धनिक भिखारी से कहता है " भाई मेरे जूतों का ध्यान रखोगे? जब तक मैं पूजा करके वापस न आ जाऊँ" भिखारी हाँ कर देता है...,

अंदर पूजा करते समय धनिक सोचता है कि " हे प्रभु आपने यह कैसा असंतुलित संसार बनाया है? किसी को इतना धन दिया है कि वह पैरों तक में महँगे जूते पहनता है तो किसी को अपना पेट भरने के लिये भीख तक माँगनी पड़ती है! कितना अच्छा हो कि सभी एक समान हो जायें...,

 वह धनिक निश्चय करता है कि वह बाहर आकर भिखारी को 100 का एक नोट देगा...,

बाहर आकर वह धनिक देखता है कि वहाँ न तो वह भिखारी है और न ही उसके जूते ही। धनिक ठगा सा रह जाता है...,

वह कुछ देर भिखारी का इंतजार करता है कि शायद भिखारी किसी काम से कहीं चला गया हो। पर वह नहीं आया। धनिक दुखी मन से नंगे पैर घर के लिये चल देता है। रास्ते में फुटपाथ पर देखता है कि एक आदमी जूते चप्पल बेच रहा है...,

धनिक चप्पल खरीदने के उद्देश्य से वहाँ पहुँचता है, पर क्या देखता है कि उसके जूते भी वहाँ रखे हैं...,

जब धनिक दबाव डालकर उससे जूतों के बारे में पूछता हो वह आदमी बताता है कि एक भिखारी उन जूतों को 100 रु. में बेच गया है...,

 धनिक वहीं खड़े होकर कुछ सोचता है और मुस्कराते हुये नंगे पैर ही घर के लिये चल देता है। उस दिन धनिक को उसके सवालों के जवाब मिल गये थे समाज में कभी एकरूपता नहीं आ सकती, क्योंकि हमारे कर्म कभी भी एक समान नहीं हो सकते। और जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन समाज-संसार की सारी विषमतायें समाप्त हो जायेंगी। ईश्वर ने हर एक मनुष्य के भाग्य में लिख दिया है कि किसको कब और क्या और कहाँ मिलेगा। पर यह नहीं लिखा होता है कि वह कैसे मिलेगा...,

यह हमारे कर्म तय करते हैं। जैसे कि भिखारी के लिये उस दिन तय था कि उसे 100 रु. मिलेंगे, पर कैसे मिलेंगे यह उस भिखारी ने तय किया...,

शिक्षा:हमारे कर्म ही हमारा भाग्य, यश, अपयश, लाभ, हानि, जय, पराजय, दुःख, शोक, लोक, परलोक तय करते हैं। हम इसके लिये ईश्वर को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं..!

Note:-If you want to learn/join course of Affirmations,basic & advance Tarot Card,Chinese Lo Shu Grid, Mobile Numerology, Spiritual Remedies with Indian Spices, Numerology,Vedic remedies for routine problems solution ,etc on Zoom or offline , kindly whatsapp me (+91-8619753510).

Also you can contact me for Motivational seminar for every purpose like students seminar-corporate seminar-sales marketing seminar -personal counseling for any problem (Relationship -Health-Finance-Career- Growth-Management etc)solution.

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
सर्वधर्म समाधान

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
                   
एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है।पैरों

i am Voiceofdehati

धनहीनो न हीनश्च, धनिक: स सुनिश्चयः। विद्यारत्नेन हीनो यः,स हीनः सर्ववस्तुषु।। धनहीन व्यक्ति यदि विद्यारूपी धन से युक्त है तो वह दीन-हीन नह #hindutva #Sanskrit #nitisatkam #suvicharquotes

read more
धनहीनो न हीनश्च, धनिक: स सुनिश्चयः।
विद्यारत्नेन हीनो यः,स हीनः सर्ववस्तुषु।।

 धनहीन व्यक्ति यदि विद्यारूपी धन से युक्त है तो वह दीन-हीन नही होता अपितु वह निश्चय ही धनवान होता है, किन्तु विद्यारूपी रत्न से जो वंचित है वह निश्चित ही सभी प्रकार से दीन-हीन होता है। धनहीनो न हीनश्च, धनिक: स सुनिश्चयः।
विद्यारत्नेन हीनो यः,स हीनः सर्ववस्तुषु।।

 धनहीन व्यक्ति यदि विद्यारूपी धन से युक्त है तो वह दीन-हीन नह

Anita Saini

आप वो धनिक हैं जिसके पास अथाह भंडार तो है परन्तु आय और व्यय का विवरण नहीं देना पड़ता! विधा वो अपार भंडार है जितना व्यय करेंगें, उतनी ही वृद्ध #yqdidi #YourQuoteAndMine #वसंतपंचमी #yqrestzone #collabwithrestzone #rzhindi #rzविद्याहैतो

read more
आप वो धनिक हैं जिसके पास
अथाह भंडार तो है परन्तु
आय और व्यय का
विवरण नहीं देना पड़ता!
विधा वो अपार भंडार है
जितना व्यय करेंगें,
उतनी ही वृद्धि होगी।
संसार में विद्याधन को चुरा नहीं सकता!
विधा के व्यय से ज्ञान विकसित होगा
ज्ञान विकसित होगा तो बुद्धि अधिक विकसित होगी
समाज की सोच बढ़ेगी और परिवर्तित होगी
जिससे समाज मानसिक स्वास्थ्य की ओर अग्रसर होगा— % & आप वो धनिक हैं जिसके पास
अथाह भंडार तो है परन्तु
आय और व्यय का
विवरण नहीं देना पड़ता!
विधा वो अपार भंडार है
जितना व्यय करेंगें,
उतनी ही वृद्ध

Mahfuz nisar

#message शीर्षक:::::शब्द शब्द की बात ना करियो, ये निर्मल है, निश्चल है, इसकी धरा मजबूत है, जिसपे टिका संसार, मामूली अंतर पर आ जाता है इनमे #poem

read more
शीर्षक:::::शब्द

शब्द की बात ना करियो,
ये निर्मल है, निश्चल है, 
इसकी धरा मजबूत है,
जिसपे टिका संसार,
मामूली अंतर पर आ जाता है इनमें विकार,
शब्द है, जैसे कोई बाण, 
क्या नहीं है,शब्द,
शब्द शीप के भीतर की मोती है,
चमचमाति विभूति है,
वो जो चरणों में ला दे राक्षस को,
वो जो कर दे सफ़ल जीवन को, 
वो जो निर्धन की भी है उतनी,
जितनी की धनिक सेठों की,
मज़दूरों की,कामगारों की,
उतनी ही किसानों की,नेताओं की, 
वो जो सबको जोड़े,
वो जो पल में बन जाए कारण युद्ध का,
शब्दों की बात ना करियो,
कहीं लिखे, कहीं पढ़ें, कहीं बोलें,
हर धरातल पर है इसके अर्थ,
मानव,
शब्दों का ही तो कर्ज़दार है,
जिनको जाप मिले है,उसको स्वर्ग, 
और ग़लत इस्तेमाल पर अभिशाप,
उन्मत,उध्रित,शब्दों से,
कल्पित,यथार्थ,शब्दों से,
किरणों की माला,
बरगद की छाया है शब्द, 
शब्दों में बड़ी चुनौती है,
शब्दों में कई नीति है,
शब्दों से ही संविधान,
शब्दों का ही ज़मीं-आसमान,
शब्द अतीत था, आज है और कल भी होगा।

✍mahfuz nisar © #message शीर्षक:::::शब्द

शब्द की बात ना करियो,
ये निर्मल है, निश्चल है, 
इसकी धरा मजबूत है,
जिसपे टिका संसार,
मामूली अंतर पर आ जाता है इनमे
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile