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Lata Sharma सखी
आज ये सावन बरस रहा है, या मेरे आंखों से दरिया बरस रहा है.. यूँ लगता है मुझको आज, ये सावन मेरे साथ रो रहा है.. हर टिप टिप कर गिरती बूंद को जैसे, टूटे दिल की तड़प का एहसाज़ है.. गिरते गिरते आँसुओं को पी रही है, जैसे ये बूंदें आज मेरे गम में बरस रही हैं.. क्या कसूर था मेरा आज बता दो मुझे, जो आज इस दिल से ये लहु बरस रहा है.. आँखें भी तो दरिया हो गई है मेरी, रुकती नहीं तोड़ गई हर बांध, मेरे गम का एहसास लिए ओ सावन तू क्यों बरस रहा है... खत्म हुई जीने की इच्छा अब तो मेरी, मौत भी तो न है सखी अब मेरी.. आसमाँ से बरसता ये अब्र आज क्यों, मेरे मन को जला रहा है.. कभी भीगती थी खुल कर इस सावन में मैं, तो यही सावन ठहाका लगा हंसा करता था, आज मैं रो रही हूँ तो, ये सावन भी मेरे साथ रो रहा है... ©सखी #gif सावन बरस रहा है #सावन
Neha Maurya
आ रहा है सावन का महीना फिर से तुम्हारी याद दिलाने फिर से हर जख्म को ताज़ा करने... मै तुम्हारे रूह में तो उतर गई थी पर तुम दिल में ना उतार सके पहुच गई थी तुम्हारी नसो में पर तुम धड़कनों में ना उतार सके तो क्यूं ना इस सावन में, मै तुम्हारी हर चीज को बारिश में बहा दू जब तुम मेरे साथ भिगोना ही नहीं चाहते... Neha Maurya # अा रहा है सावन..
Hariom Mishra
पवन भी चल रहा है पंछिया भी चहचहाने लगी हैं इस उपवन में यादों की आग सुलग उठी है इस तन में सबको ये मौसम भा रहा है बारिस की हल्की हल्की बूंदो से सावन आ रहा है जहाँ देखो वहाँ भोले बाबा कके नशा है और इस नशा में सब झूम रहे हैं सावन आ रहा है
Hariom Mishra
पशु पंछी बेखौफ घूम रहे हैं नन्हे से उस बालक कके कश्ती को देख कर अपना बचपन याद आ रहा है सबके दिलों पर राज करने वाला सावन आ रहा है जिंदगी में थोड़ा ,खुशी थोड़ा गम है आसमान में काले बादल को देख कर किसानों के आँखे खुशी से नम है रिमझिम बारिश से प्रेम करनेवालो का दिल मचला जा रहा है यादों की हल्की हल्की बूंदो से सावन आ रहा है सावन आ रहा है,, continue
govind bundelkhandi
संसद के बनाये कानून पर धर्म का रंग चढ़ रहा है लगता है कहीं वोट पड़ रहा है धर्म का रंग चढ़ रहा है dharm ka rang
Kavita Choubey
"सावन अब आने को है" सावन में यूँ तो चारो ओर एक हरी चादर सी बिछ जाती है साथ ही मन में भी एक सावन सा खिल उठता है।उस पर जब ये बारिश की बूंदे अठखेलियां करने लगती हैं न,तब ये मन बस मयूर हो जाता है।भूल जाना चाहता है सारे कायदों,सारे बंधनों को;और भीग जाना चाहता है इस बारिश में। एक तो भीगा मौसम और उस पर मन को भिगोती तुम्हारी याद।सच हैं न कि यादें ही जीवन संगिनी होती है....अथ से इति तक... याद तो होगा तुमको इस बारिश में उन कच्चे रास्तों से होकर जाना।भीगने के लालच में अक्सर बिना रेनकोट के चली जाया करती थी ,और वो तुम्हारा गुस्से से घूरना।वैसे तो मैं भी थी एक no की अकड़ू,पर सच में तुम्हारा हक़ जता के डाँटना अच्छा लगता था।और मेरा सारा अकडूपन तुम्हारी मासूम सी मुस्कराहट से हार जाता था। आजकल भी अक्सर भीग जाती हूँ इन बरसती बूंदों में और ये सोचकर खुश हो जाती हूँ कि यही बादल तुम पर भी बरस रहे होंगे,और इतने दूर हम साथ साथ भीग लेंगे। पता है कभी तुम्हें लेकर कोई उम्मीद ,कोई सपना नहीं सजाया इन आँखों में;पर फिर भी तुम्हे कब और कैसे हर एहसास में बसा लिया कि आज तुम मुझमें मुझसे कहीं ज्यादा हो।ये रिश्ता शायद कोई न समझे..... 'जिसमे न मिलन है ,न मिलने की तड़प है.. न कोई उम्मीद है,न उसके न पुरे होने की कसक है।' बस प्यार है निस्वार्थ प्यार...जो चाहता है तुम्हे अपने अंदर बसाये रखना,देह और दैहिक संबंधो से परे इस रिश्ते को सजाये रखना।और मेरी इस कोशिश में आज मेरे साथ है सावन की मस्त बूंदे।पर जब सावन जाने को है ... तुम बस जाओ मुझमें बनकर तुम्हारी याद... क्योंकि सावन अब आने को है। Kavita... सावन अब आने को है...
Das Sumit Malhotra Sheetal
देखो इश्क़ का जुनून ऐसा चढ़ रहा है, देखो ये दिल नादान बेकाबू हो रहा है। देखो इश्क़ का जुनून हमें चढ़ रहा ही, देखो उनके मन में पता न चल रहा है। ©Das Sumit Malhotra Sheetal देखो इश्क़ का जुनून ऐसा चढ़ रहा है, देखो ये दिल नादान बेकाबू हो रहा है। देखो इश्क़ का जुनून हमें चढ़ रहा ही, देखो उनके मन में पता न चल रहा
Mickey
इश्क एक ही जात में हो.. जरूरी है क्या!! वो राजी हर एक बात पर हो.. जरूरी है क्या!!! और हम दिल दे बैठे जिस मौसम में वो मौसम पतझड़ का था अरे मोहब्बत बस बरसात में हो जरूरी है क्या!!!! ©Abhimanyu Pandey सावन का मौसम चल रहा है प्यार भी जोरदार चल रहा है देखते हैं क्या यह सावन मुझे भी गाता है क्या मुझे इस सावन प्यार हो पाता है।।