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सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
mudassir yusuf
تو کیا سمجھتا ہے بھول جاؤں گا؟؟ میں یہ معاملہ محشر میں اٹھاؤں گا 💔 तू क्या समझता है भूल जाउंगा?? मे ये मामला कयामत में उठाऊंगा!! . . . . #nojotourdu #nojoto #nojotonews #ishq #urdupoetry #hindipoetry #mudass
Raju Bhargava
ग़म उठाऊंगा तो कुछ और संवर जाऊंगा तेरी जुल्फ नहीं जो खुलकर बिखर जाऊंगा जिंदगी मिली है तो मौत से क्या डरना यारो मौत आएगी तो एक फूल से मर जाऊ
MG Plus
मैं टूट के बिखर जाऊँगा सज़ा तो दो दिल से उतर जाऊँगा कोई वज़ह तो दो क्यूँ हर बार मना लेते हो मुझे रूठने दो मैं दीवार उठाऊंगा थोड़ी जगह तो दो ©MG Plus मैं टूट के बिखर जाऊँगा सज़ा तो दो दिल से उतर जाऊँगा कोई वज़ह तो दो क्यूँ हर बार मना लेते हो मुझे रूठने दो मैं दीवार उठाऊंगा थोड़ी जगह तो द
सत्यम सिहं " रिषू "
Rajeshwar Singh Raju
" चुप " मैं चुप था रहूंगा भी , पर अपने आप से कहूंगा भी ।
Pradeep Tiwari
Chandan Gusain
////////////////////////////////// में फिर आऊँगा!! में मिटा नहीं सिमटा हु काननु की आड़ में आजादी मिलेगी जब भी में फिर आऊंगा, में फिर आऊँगा।। आवाज उठाऊंगा तेरी भी जो दबा रखी चन्द मुखोटों ने छिन लेंगे हिस्सा अपना जो लूटा है चंद चोरो ने। में फिर आऊंगा, में फिर आऊँगा।। इस बिस्वाश में न रहे वो की हम सिमट गये कानूनों में खुद ही टूट जाएगी वो दीवारें जिन में कानून हमे सिमेटे है। में फिर आऊंगा, में फिर आऊँगा।। समय बुरा चल रहा उस से बड़ा कोई बलवान नही आज उन का है कल अपना होगा समय पर किसी की लगाम नहीं। में फिर आऊंगा, में फिर आऊँगा।। करना तुम गद्दारी उतनी जीतनी तुम्हारी हैसियत हो तिनके तिनके का हिसाब मागेंगे तुम किस शोहरत में हो। में फिर आऊंगा, में फिर आऊँगा।। मिटा नहीं सिमटा हु काननु की आड़ में आजादी मिलेगी जब भी में फिर आऊंगा, में फिर आऊँगा।। --------------------------------------------- पंचायती चुनाव ड्रामा-2019 ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ मोल्यार एक आस ---------------------------------------------- #पंचायती_चुनाव_ड्रामा #उत्तखण्ड2019 ////////////////////////////////// में फिर आऊँगा!! में मिटा नहीं
दि कु पां
कलम रुकी आश्की के किस्से लिखते लिखते, मुझे पता चला अब न होती मुहब्बत कहीं किसी को दिल से, लोग जेब तोल अब, जिस्म की ज़रूरत पूरी करने का नाम मुहब्बत दे रहे.. रुकी कलम~ न सीने पर है यंत्रणा, न हाथों में कलम है। न थिरकते कदम है, न ही है कोई पीड़ा।