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Death_Lover
मन आज शिथिल हो रो पड़ा, जैसे कोई अंग शरीर से अलग हुआ हो, दिल बस तेरे न होने से कहीं खो पड़ा, मानो जैसे इस शरीर में कोई मुर्दा गड़ा हुआ हो, कुछ कहने को तो बहुत कुछ कह जाता "हिमांश", मगर जो चुप हुआ तो हुआ है, जैसे हादसा क़ोई दोतरफा हुआ हो॥ द्वन्द्व...
Kailash Yede
(अंतर्मन का द्वन्द ) खिल जाऊं या मुरझा जाऊं... खिल गया होगा क्या मुरझा गया होगा.. खिल रहा होगा या मुरझा रहा होगा... खिल गया था या मुरझा गया था... खिलने देगा या मुरझाने देगा... खिलेगा या मुर्झायेगा.... खिलेगा... मुरझायेगा... द्वन्द #shadesoflife
Parasram Arora
हंसो क्योंकि तुम हँस सकते हो. रोओ क्यिंकि तुम रौ भी सकते हो हंसी प्रेम और पवित्रता की अभिव्यक्ति है जबकि रुदन संवेदनाओं को पौष्टिकता देने की पध्यति है रुदन और हास्य की इस मानवीय गुणवत्ता से जीवन मे शालीन उपलब्धिया और द्वन्द मुक्त दिनचर्या हासिल हो सकती है ©Parasram Arora द्वन्द मुक्त..... #alone
Dulamani Patel (सारथी)
कई द्वंद चल रहे मेरे मन में। ये कहां आ पहुंचा सघन वन में।। सब तो हैं फिर भी नहींं कोई। लगता है जिंदा लाश हैं यहां हर कोई।। न किसी को जानने की कोशिश। न किसी को समझने की कोशिश।। अंधेरा है जलाओ लालटेन। जिंदगी जीना है सबसे कठिन।। संघर्षों से मिलता है इनाम। यहां बिना गलत किए हो रहे बदनाम।। ©दुलामणी पटेल ©Dulamani Patel (सारथी) #जीवन #संघर्ष #द्वन्द
Sukhdev
मोगैम्बो खुश हुआ पढ़ लिखकर लाट साहब बनना चाहता था मोगैम्बो। विश्वविद्यालय चला गया। एक अच्छे दिन जब उसने अपना बेहतर मिजाज़ व्यक्त करना चाहा तो शब्दों में उलझकर रह गया। माहौल ऐसा बन गया था कि न तो मोगैम्बो खुश हो सकता था, न ही मोगैम्बो प्रसन्न हो सकता था। ख़ाक मोगैम्बो खुश हुआ होगा। ©Sukhdev भाषाई द्वन्द्व और सिसकती अभिव्यक्ति। #Mogambo
Vickram
मेरी दुनिया तेरे ईर्द गिर्द घूमती है अक्सर जैसे कोई भंवरा घूमता हो अपना सब कुछ छोड़कर वो अपना अधिकार जताता है हमेशा ऐसा करके कहीं कोई उसे उसकी खुशियों से जुदा ना कर दे ©Vickram द्वन्द्व जिंदगी का अपने ही आप से,,
KRISHNADEV BHAGAT
"धर्म के लिए द्वन्द करने वाले मेरे हृदय में कभी भी अपनी जगह नहीं बना सकते चाहे वे मुझे कोई भी लालच दें। " ©KRISHNADEV BHAGAT धर्म द्वन्द एक निम्नता है जो दिखता नहीं।
Dr. Vishal Singh Vatslya
मैं खुद को खुद से बचाने की कोशिश में लगा हूँ बार बार मैरे माथे पर यें मौत सबार होती हैं... Dr.Vishal Singh कभी कभी हालातों से हम निकल नहीं पाते बस एक द्वन्द अपने आप से लङना पङता है .. #द्वन्द #मौत #feelings #yourquotedidi