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फ़लक
सुनो जब तुम कानो में कुछ कहती हो... मै सुन नही पता बस दिल मे गुदगुदी होती है और मन मचल जाता है -फ़लक #दिल#घंटियां
vishwadeepak
दर पे उसके घंटियां खूब लगीं थीं, शायद गूँज में उसकी वो मेरी कभी सुन ना सका...... ©Deepak Chaurasia #दर पे उसके घंटियां खूब लगीं थीं, शायद गूँज में उसकी वो मेरी कभी सुन ना सका...........
sk chodhry
Sumit Pandey
देखते ही तुझको दिल मे होती जटिल परिक्रिया, ना यह धड़कने रुके ! ना यह दिल धड़के ! ना ही मरने दे ! ना ही जान बक्शे ! Sound Weird...😅 दिल मे घंटियां भी बजती है, देख कर तुम्हे !! सुन रही हो ना ....... #sumitpandey #thesptales #yqdidi #lovequotes #weird
Sachin Gupta
जहाँ लोगो की सुबह की नींद घड़ियों के अलार्म की जगह मंदिरों के घंटों से खुलती हो, जहाँ रात को सोते समय लोगो के कान में लोरियां नही आरती की घंट
mukesh verma
Supriya Verma
प्यार में चलके मैं थक गयी हूं प्रिये ,प्यार की छांव में मुझको विश्राम दे। मैं हूं राही भटकटी रही जिस लिए, सूर्य ढलने को है वह ह सीं शाम दे। ऐ उजालों जरा; वस्त्र को डालिए, हर किसी को नहीं रौशनी चाहिए। चैन भी दे सके रैन भी दे सके, जिंदगी को एक ऐसा धनी चाहिए। कंठ मेरे तेरे रो लिए हैं बहुत ,पास आके इन्हें अब तो आराम दे। प्यार में चलके मैं थक गयी हूं प्रिये... बाँह की छांव में मुझको विश्राम दे। है बहकती पवन गंध तेरे लिए, वह तुझे भूल जाए ये मुमकिन नहीं। मंदिरों में सुबह जब बजे घंटियां ,नाम तेरा ना लूं ऐसा मुमकिन नहीं। एक दूजे को हम;देवता मान लें, जिंदगी के लिए एक नया धाम दे। प्यार में चल के मैं थक गयी हूं प्रिये ...बांह की छांव में मुझको विश्राम दे। जब फुहारों की चाहत में बैठे रहे ,अब घटाएं चढ़ी तो कहां चल दिए। कुछ पुरानी किताबों में ख़त जो मिले,खोलकर चूम करके कहां रख लिए। वृंदावन मौन है राधिका मौन है , बासुरी की मधुर गान घनश्याम दे। प्यार में चलके मैं थक गयी हूं प्रिये..... बाँह की छांव में मुझको विश्राम दे। ...….......for *** #Hopeless प्यार में चलके मैं थक गयी हूं प्रिये ,प्यार की छांव में मुझको विश्राम दे। मैं हूं राही भटकटी रही जिस लिए, सूर्य ढलने को है वह ह सी
Garima Mahnot Jain
कुछ कहना है तुझसे ऐ स्कूल (Read in caption ) सुन ले ऐ स्कूल! मेरी यादों के किस्सों को तुझे याद करके रोता हूँ आज भी तुझे याद करके रोता हूँ आज भी ऐ स्कूल! सुन ले मेरी उन सिसकियों को
Deepak Kanoujia
मंदिरों में बैठ कर घंटिया बजाने वाले क्या जाने क्या है शांति... {शेष अनुशीर्षक में....} Only those know "what is peace" who witness the battlefield... Read here for full piece: मंदिरों में बैठ कर घंटियां बजाने वाले क्या जाने