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shekhar prasoon
हर कल्पों के युगों युगों तक ,गायी जाये रामायण गाथा। हर त्रेता युग में अवतरित,होते है श्री कौशल नाथा।। नाना भांति राम अवतारा, रामायण शत कोटि अपारा, धर्म हेतु अवतार हैं लेते,परिभाषित राघव परिभाषा।शेखर जय सियाराम! 💐💐💐 #धारावाहिक रामायण के पारायण पर।
मनस्विनी
माता सीता के त्याग,तपस्या से सभी अच्छे से परिचित हैं फिर धीरे धीरे संतों की मधुर वाणी से लक्ष्मण की पत्नी माता उर्मिला का चरित्र भी उजागर हुआ और उनकी त्याग,तपस्या को सभी ने सीता के समकक्ष ही मान दिया लेकिन कल जब हमने भरत की पत्नी मांडवी के लिए जो सुना हृदय का रोम रोम द्रवित हो गया महाराजा जनक की कैसी परवरिश रही होगी जो ऐसे अनमोल रत्नों की चमक से सारी अयोध्या शोभायमान है।बहुत छोटा सा प्रसंग सुना जिससे सुनकर माता मांडवी का सारा चरित्र उजागर हो गया और हम उस चरित्र की खुशबू को बांटे बिना रह ही नहीं पाए। माता कौशल्या जब वन में भगवान राम से मिलकर लौटी तो बेहद दर्द था उन्हें,अपने पुत्र पुत्रवधु का चेहरा आंखों के सामने बार बार आ रहा था इसलिए वो सो नहीं पाईं पूरी रात्रि तभी उनकी दृष्टि पड़ी की राजमहल की छत पर कोई टहल रहा है आश्चर्य में पड़ गई कि इतनी रात कौन हो सकता तुरंत जाकर देखा तो ये तो भरत की पत्नी मांडवी थी पूछा मां ने अभी तक सोई नहीं तुम और भरत कहां है।बताया मांडवी ने जब से वो वन से आएं हैं उन्होंने भगवान राम की तरह वल्कल धारण कर महल से बाहर कुटिया बनाकर रहने का प्रण किया है कि भैया वन में रहें और मैं महल के सुख भोगूं ये मेरे लिए कभी संभव नहीं है। मां ने कहा फिर तुम साथ क्यों नहीं गई मांडवी। मांडवी का जब उत्तर सुना तो हृदय थोड़ा पीड़ित हुआ लेकिन गौरवान्वित भी कि ऐसी धरा पर जन्म का सौभाग्य हमें मिला। बोली मांडवी उनकी इच्छा थी कि तीनों मां को तुम्हारी सेवा की आवश्यकता है भैया राम और लक्ष्मण के बिना सबके हृदय बहुत पीड़ित हैं और मां सीता भी साथ नहीं है इसलिए तुम महल में रहकर अपना धर्म निभाओ।मांडवी के चरित्र को पहली बार जाना और महसूस किया माता सीता उर्मिला से कम नहीं है मांडवी का त्याग। सचमुच रामायण प्राण है हमारी इस धरा का।जय जय श्री राधे कृष्णा ©Reema Mittal रामायण का एक खुबसूरत चरित्र भरत की पत्नी मांडवी
परशुराम वशंज
कौन कौन चाहता है कि रामानंद सागर की रामायण फिर से सभी चैनलों पर दिखाई जाये जिससे नयी पीढी धर्म से जुड़ सके, जय श्री राम #रामायण
Aakash Gupta
बड़े होने की होड़ में छूट गया था वो बचपन, यादें ताज़ा हो गईं जब वो किरदार पुराने देखे #रामायण #रामायण
P.Kumar
आज NETFLIX & Amazon prime धरा का धरा रह गया जब दूरदर्शन पे रामायण का प्रसारण हुआ, इससे पता चलता है हमारी भारतीय संस्कृति में कुछ तो चमत्कार है जो एक पल में विदेशी अवधारना को दरकिनार करती है । रामायण
The Diary Talkies
रामायण हमारा इतिहास सीता हरण के साक्ष्य: रावण द्वारा सीता हरण करके श्रीलंका जाते समय पुष्पक विमान का मार्ग क्या था? उस मार्ग में कौनसा वैज्ञानिक रहस्य छुपा हुआ है ? उस मार्ग के बारे में लाखों साल पहले कैसे जानकारी थी ? पढ़ो इन प्रश्नों के उत्तर वामपंथी इतिहासकारों के लिए मृत्यु समान हैं। भारतबन्धुओ! रावण ने माँ सीता का अपहरण पंचवटी (नासिक. महाराष्ट्र) से किया और पुष्पक विमान द्वारा हम्पी(कर्नाटक), लेपक्षी(आँध्रप्रदेश ) होते हुए श्रीलंका पहुंचा। आश्चर्य होता है जब हम आधुनिक तकनीक से देखते हैं की नासिक, हम्पी लेपक्षी और श्रीलंका बिलकुल एक सीधी लाइन में हैं। अर्थात ये पंचवटी से श्रीलंका जाने का सबसे छोटा रास्ता है। अब आप ये सोचिये उस समय Google Map नहीं था जो Shortest way बता देता। फिर कैसे उस समय ये पता किया गया की सबसे छोटा और सीधा मार्ग कौनसा है ? या अगर भारत विरोधियों के अहम संतुष्टि के लिए मान भी लें की चलो रामायण केवल एक महाकाव्य है जो वाल्मीकि ने लिखा तो फिर ये बताओ की उस ज़माने में भी गूगल मैप नहीं था तो रामायण लिखने वाले वाल्मीकि को कैसे पता लगा की पंचवटी से श्रीलंका का सीधा छोटा रास्ता कौनसा है? महाकाव्य में तो किन्ही भी स्थानों का ज़िक्र घटनाओं को बताने के लिए आ जाता। लेकिन क्यों वाल्मीकि जी ने सीता हरण के लिए केवल उन्ही स्थानों का ज़िक्र किया जो पुष्पक विमान का सबसे छोटा और बिलकुल सीधा रास्ता था? ये ठीक वैसे ही है की आज से 500 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास जी को कैसे पता की पृथ्वी से सूर्य की दूरी क्या है? (जुग सहस्त्र जोजन पर भानु = 152 मिलियन किमी -हनुमानचालीसा), जबकि नासा ने हाल ही कुछ वर्षों में इस दूरी का पता लगाया है। अब आगे देखिये... पंचवटी वो स्थान है जहां प्रभु श्री राम, माता जानकी और भ्राता लक्ष्मण वनवास के समय रह रहे थे। यहीं शूर्पणखा आई और लक्ष्मण से विवाह करने के लिए उपद्रव करने लगी विवश होकर लक्ष्मण ने शूपर्णखा की नाक यानी नासिका काट दी। और आज इस स्थान को हम नासिक (महाराष्ट्र) के नाम से जानते हैं। Swipe Next➡ रामायण