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Marutishankar Udasi
माहे मोहब्बत फिर से लौट आया तुझमें बेवफाई अब भी वही नजर आया उसका दिल बदला न मेरा बदला उदासी कल तक हम दोनो जावा थे आज बच्चे अपने जावा हो गए ©Marutishankar Udasi जावा हो गए
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कोरोना वायरस से लङने के लिए आपको कुछ नहीं करना है बस हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहो अपने घर में ठीक है कोरोना वायरस हारेगा
Musafeer K S Adhikari
Haaye Mai Marjaavaan जब तुमने आंखो में आंखे डाल के बोला, तुम तो जान हो मेरी। मेरा रिप्लाई- #हाई में में जावा
RC...✍️
Haaye Mai Marjaavaan जब मेरी बेबी ने पहली बार कहा- माँ-मम्मा।। मैं- हाय मैं मर जावा।।
naresh kumar
माना कि अंधेरा सा ह सब ओर कुछ वक्त में नई सुबह भी आएगी ये संकट के बादल भी छंट जायेगे वतन से फिर चहचहाती अलफोर भी आएगी मेरे वतन ने पहले भी देखे ह संकट के दिन ये कोरोना क्या खाक बिगाड़ेगा हम सब का हमारी चेतना संकल्प हिम्मत भी तो काम आएगी चीन की बीमारी फैल गयी वैश्विक महामारी डटे रहो घर पर ये भारत से ही मात खा के जाएगी ####नरेश कुमार कोरोना हारेगा भारत जीतेगा
HP
👉 धर्म जीतेगा और अधर्म हारेगा चारों ओर फैले हुए पाप पाखंड को नष्ट करने के लिए वर्तमान समय में जो ईश्वरीय अवतारी प्रेरणा अदृश्य लोक में उत्पन्न हुई है, उसका प्रभाव जागृत आत्माओं पर विशेष रूप से पड़ रहा है। जिसका अन्तःकरण जितना ही पवित्र है, जिसकी आत्मा जितनी ही निर्मल है वह उतना ही स्पष्ट रूप से ईश्वर की आकाशवाणी को, समय की पुकार को, सुन रहा है और अवतार के महान कार्य में सहायता देने के लिए तत्पर हो रहा है। समय की समस्याओं को वह ध्यान पूर्वक अनुभव कर रहा है और सुधार कार्य में क्रियात्मक सहयोग प्रदान कर रहा है। जिन लोगों की आत्माएं कलुषित है, पाप, अनीति और घोर अन्धकार ने जिनके अन्तःकरण को ढ़क रखा है, वे उल्लू और चमगादड़ की तरह प्रकाश देखकर चिढ़ रहे हैं। वे कुछ काल से फैली हुई अनीति को सनातन बताकर पकड़े रहना चाहते है। सड़े गले कुविचारों का समर्थन करने के लिए पोथी पत्र ढूंढ़ते हैं। किसी पुराने व्यक्ति की लिखी हुई कुछ पंक्तियाँ यदि उन सड़े गले विचारों के समर्थन में मिल जाती हैं तो ऐसे प्रसन्न होते हैं मानो यह पंक्तियाँ साक्षात् ईश्वर ने ही लिखी हों। परिस्थितियाँ रोज बदलती हैं और उनका रोज नया हल ढूँढ़ना पड़ता है। इस सच्चाई को वे अज्ञान ग्रस्त मनुष्य समझ न सकेंगे और ‘जो कुछ पुराना सब अच्छा जो नया सो सब बुरे’ कहकर अपने अज्ञान और स्वार्थ का समर्थन करेंगे। दीपक बुझने को होता है तो एक बार वह बड़े जोर से जलता है, प्राणी जब मरता हे तो एक बार बड़े जोर से हिचकी लेता है। चींटी को मरते समय पंख उगते हैं, पाप भी अपने अन्तिम समय में बड़ा विकराल रूप धारण कर लेता। युग परिवर्तन की संध्या में पाप का इतना प्रचंड, उग्र और भयंकर रूप दिखाई देगा जैसा कि सदियों से देखा क्या सुना भी न गया था। *दुष्टता हद दर्जे को पहुँच जायगी, एक बार ऐसा प्रतीत होगा कि अधर्म की अखंड विजयदुन्द भी बज गई और धर्म बेचारा दुम दबा कर भाग गया, किन्तु ऐसे समय भयभीत होने का कोई कारण नहीं, यह अधर्म की भयंकरता अस्थायी होगी, उसकी मृत्यु की पूर्व सूचना मात्र होगी। अवतार प्रेरित धर्म भावना पूरे वेग के साथ उठेगी और अनीति को नष्ट करने के लिए विकट संग्राम करेगी। रावण के सिर कट जाने पर भी फिर नये उग आते थे फिर भी अन्ततः रावण मर ही गया। संवत् दो हजार के आसपास अधर्म नष्ट हो हो कर फिर जीवित होता हुआ प्रतीत होगा उसकी मृत्यु में बहुत देर लगेगी, पर अन्त में वह मर ही जायेगा। तीस वर्ष से कम आयु के मनुष्य अवतार की वाणी से अधिक प्रभावित होंगे वे नवयुग का निर्माण करने में अवतार का उद्देश्य पूरा करने में विशेष सहायता देंगे। अपने प्राणों की भी परवा न करके अनीति के विरुद्ध वे धर्म युद्ध करेंगे और नाना प्रकार के कष्टों को सहन करते हुए बड़े से बड़ा त्याग करने को तत्पर हो जावेंगे। तीस वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिकाँश की आत्मा भारी होगी और वे सत्य के पथ पर कदम बढ़ाते हुए झिझकेंगे। उन्हें पुरानी वस्तुओं से ऐसा मोह होगा कि सड़े गले कूड़े कचरे को हटाना भी उन्हें पसंद न पड़ेगा। यह लोग चिरकाल तक नारकीय बदबू में सड़ेंगे, दूसरों को भी उसी पाप पंक में खींचने का प्रयत्न करेंगे, अवतार के उद्देश्य में, नवयुग के निर्माण में, हर प्रकार से यह लोग विघ्न बाधाएं उपस्थित करेंगे।* इस पर भी इनके सारे प्रयत्न विफल जायेंगे, इनकी आवाज को कोई न सुनेगा, चारों ओर से इन मार्ग कंटकों पर धिक्कार बरसेंगी, किन्तु अवतार के सहायक उत्साही पुरुष पुँगब त्याग और तपस्या से अपने जीवन को उज्ज्वल बनाते हुए सत्य के विजय पथ पर निर्भयता पूर्वक आगे बढ़ते जावेंगे। अधर्म से धर्म का, असत्य से सत्य का, अनीति से नीति का, अन्धकार से प्रकाश का, दुर्गन्ध से मलयानिल का, सड़े हुए कुविचारों से नवयुग निर्माण की दिव्य भावना का घोर युद्ध होगा। इस धर्म युद्ध में ईश्वरीय सहायता न्यायी पक्ष को मिलेगी। पाँडवों की थोड़ी सेना कौरवों के मुकाबले में, राम का छोटा सा वानर दल विशाल असुर सेना के मुकाबले में, विजयी हुआ था, *अधर्म अनीति की विश्व व्यापी महाशक्ति के मुकाबले में सतयुग निर्माताओं का दल छोटा सा मालूम पड़ेगा, परन्तु भली प्रकार नोट कर लीजिए, हम भविष्यवाणी करते हैं कि निकट भविष्य में सारे पाप प्रपंच ईश्वरीय कोप की अग्नि में जल-जल कर भस्म हो जायेंगे और संसार में सर्वत्र सद्भावों की विजय पताका फहरा वेगी। 📖 अखण्ड ज्योति जनवरी 1943 पृष्ठ 4 https://awgpskj.blogspot.com/2020/04/blog-post_87.html धर्म जीतेगा अधर्म हारेगा।