Find the Latest Status about संप्रेषण के प्रकारों का उल्लेख from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, संप्रेषण के प्रकारों का उल्लेख.
Ghanshyam Shah Advocate
बहस सिर्फ यह सिद्ध करती है कि "कौन सही है" जब की बातचीत यह तय करती है कि "क्या सही है" हमेशा बातचीत करते रहो, क्योंकि बातों से ही बात बनती हैं... संप्रेषण
Parasram Arora
न होते अगर कल्पनाओ के स्वप्नलोक न होते अगर पर्वतो की पीठ पर लदे इन बादलो का घटाटोप न होते अगर प्रेम मृदुता औऱ मधुरता के झरने औऱ न होती कभी आसथाओ पर डकैती.... तो उद्वेलित होकर भावनाये कैसे बहती.. फिर कवियों की कविता में उल्लेख किसका होता? न होता अगर जीवन में जीवन मरण का प्रश्न तो भरा होता मन में खलीपन... न होता जीवन में अगर..वियोग औऱ मिलन का क्षण न होती अगर जीवन में सांसारिक झल्लाहट औऱ. प्यार की गुनगुनाहट तो फिर कवियों की कविता में उल्लेख किसका होता? कविता में उल्लेख किसका?
স্বান্তির পথ
Dheeraj Rajoriya
बचपन की यादें बहुत खास होती है हम कब बड़े हो जाते हैं पता नहीं चलता या कब ये जिम्मेदारी हमारी कंधों पर होगी ये भी पता होता वो दिन बहुत खास ©Dheeraj Rajoriya बचपन की बातें #बचपन #उल्लेख #जीवन #अनुभव
Priya Kumari Niharika
महाभारत वह अध्याय है जो धर्म का अभिप्राय है जहां धर्म न्याय का मान है, वहीं भूमि का कल्याण है विध्वंस के शुरुआत का धर्म के प्रभात का उद्देश्य नहीं संघार का, है धर्म के संग्राम का कहीं लोभ था राज का, कहीं चिंता धर्म काज का था समर जीत ना हार का केवल जग के उद्धार का कुरुक्षेत्र के सौभाग्य का, अन्याय के दुर्भाग्य का सत्य और यथार्थ का, स्वार्थ और परमार्थ का कर्मों के परिणाम का, कलंक और कल्याण का दर्द के उपचार का , धर्म के सुविचार का कर्तव्य के निर्वाह का, सामर्थ्य के प्रवाह का सत्यवती की महत्वाकांक्षा का, शकुनी की आकांक्षा का पांडु और धृतराष्ट्र का , अपराध गांधार राज का गांधारी के विवाह का, सौ पुत्रों के उत्साह का धर्म के साम्राज्य का , कौरवों के अन्याय का चौसर के हर चाल का , कुरुक्षेत्र के भीषण हाल का दुर्वासा के आशीर्वाद का , अखिलेश्वर के प्रसाद का भीष्म के भीषण प्रण का, द्रोपदी के वस्त्र हरण का कुरु वंश के आधार का, प्रपंच के कुविचार का सत्ता के अधिकार का, भीष्म के प्रतिहार का इच्छा के संताप का, संतोष के प्रताप का गुरु द्रोण के दिए ज्ञान का अर्जुन के एकाग्र ध्यान का युधिष्ठिर के धर्म का, अर्जुन के महाकर्म का सहदेव नकुल के रण का, संग भीम के महाबल का श्री कृष्ण के सामर्थ का, कौरवों के महा अनर्थ का सुभद्रा के अनुदान का, वीर अभिमन्यु महान का दुर्योधन के व्यभिचार का , कौरवों के अत्याचार का यह कर्ण के बलिदान का, पांचाली के अपमान का कुरु वंश के अभिमान का, विध्वंस के आह्वान का ग्रहण ये अंशुमान का, धर्म के विहान का समर नहीं अंधकार का, अधर्म के प्रतिकार का सृष्टि के नव निर्माण का, मनुष्य के कल्याण का कुरु वंश के रक्तपात का, कुकर्म के हालात का यह धर्म के आह्वान का, अधर्म के अवसान का है ©verma priya महाभारत वह अध्याय है जो धर्म का अभिप्राय है जहां धर्म न्याय का मान है, वहीं भूमि का कल्याण है विध्वंस के शुरुआत का धर्म के प्रभात का उद
Balaram RD
यदि प्रेम वास्तव में महान है, तो यह केवल इतिहास की पुस्तकों और कब्रिस्तानों में है। अगर प्यार शादी में बदल जाए और परिवार का जन्म हो जाए, तो यह बिल्कुल अच्छा नहीं होगा। इसलिए, प्रेम केवल इतिहास में मौजूद है। समाज में उनका कोई भविष्य नहीं और यही सत्य है। **बलराम आरडी** plz read caption👇👇👇 ©Balaram RD यह उल्लेख केवल उन लोगों की विचारधारा से मौजूद है जो कि प्रेम के प्रतीत के बारे में समझते नहीं हैं।और प्रेम के इतिहास को नहीं जानते हैं।