Find the Latest Status about तुष्टीकरण का अर्थ in hindi from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तुष्टीकरण का अर्थ in hindi.
Sameera Raghuwanshi
मोह बंधन व्यर्थ है, बस प्रेम का ही अर्थ है.! ©Sameera Raghuwanshi #umeedein #प्रेम #का #अर्थ #Hindi #Love #Poetry
Ek villain
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के आने से पहले पूरे देश में ही जातिवाद हावी था सारा राजनीति जोड़ घटा जातियों और संप्रदायों को लेकर किया जाता था मोदी ने ना केवल सबका साथ सबका विकास का नारा दिया आपूर्ति जनकल्याण की अनेक योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू करके आम गरीब लोगों तक पहुंचाया इसे जमीने कार्य कह सकते हैं राजनीति में जनता में जुड़े जमाने के लिए जमीनी स्तर के कार्य को कोई विकल्प नहीं है गरीबों के लिए आवास शौचालय उज्जवल गैस आयुष्मान कार्ड गरीब कल्याण योजना से करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन जमीनी स्तर के कार्य के उदाहरण इस के लाभार्थी अधिकतर पिछड़े और दलित समाज से ही आते हैं इसलिए चुनाव जाति व संप्रदाय की अपेक्षा विकास के मुद्दे पर लड़े जा रहे हैं विपक्ष की राग कि भाजपा केवल सरवानिया पार्टी है अब आमजन स्वीकार नहीं कर रहा इसका एक कारण यह भी है कि भाजपा छोटे बड़े सभी चुनाव में पिछड़ों व दलितों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दे रही है वह मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री के पद पर आसीन भी है ©Ek villain #lonely #तुष्टीकरण की राजनीति छोड़े विपक्ष
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...
Kumar Gunjan
"सफलता" कभी भी अर्थ शिक्षा, पद या गरिमा द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती सफलता एक संतुष्टि हैं, जिसे आप निर्धारित करते है। सफलता का अर्थ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
जीवन का अर्थ ..........…........... इस पृथ्वी पर मानव आता है, जीता है,चला जाता है। लेकिन जीने का अर्थ कम ही लोग समझ पाते हैं। जिस जीवन में दया,क्षमा,परोपकार न हो उसका कोई अर्थ नहीं होता।त्याग भी जीवन का एक अभिन्न अंग है। लेकिन समय, काल और परिस्थिति के अनुसार कब किसका त्याग करना उचित होगा इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सुमार्ग पर चलना,कल्याणकारी काम करना ही जीवन का अर्थ होता है। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जीवन का अर्थ।