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Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ माँ भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह जी की जयंती पर उन्हें नमन..। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 ठाकुर रोशन सिंह जी का जीवन अदम्य साहस, त्याग व संघर्ष का प्रतीक था। काकोरी कांड के नायक के रूप में उनकी वीरगाथा समस्त देशवासियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी..। ✍️Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ माँ भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह जी की जयंती पर उन्हें नमन..। 🙏🏵🙏🏵
Aनुभा
कहाँ छिपे हो ओ भगवान।कितना याद करे इन्सान।अब तो इस धरती पर आओ।बढ़ता पाप देख कर जाओ।।क्यों नारी के साथ हो रहे अत्याचार बताओ।।आकर न्याय करो अब देर न लगाओ।। उन्नाव कांड....शर्म नाक#@nu.
करन सिंह परिहार
राजपथों के ढोंगी नायक चंदन चाहे जितना मल लो। सत्ता हथियाने की खातिर चाहे जितनी चालें चल लो। पर मैं अपनी रचनाओं से तुम्हें पराजित सदा करूंगा। और पसीने से लथपथ हर माथे के मैं गले लगूंगा। जो खेतों के संन्यासी हैं सूर्य ताप से नित मिलते हैं। फटी कमीजों में अपने जो ओस बूंद के कण सिलते हैं। जिसके साथ हमेशा रहता धुंध कुहासे का अपनापन। जिसके आगे झूम - झूम कर मोर नित्य करते हैं नर्तन। मैं उन मेहनतकश अंगों में फूलों का मकरन्द भरूंगा। और पसीने की-------------------------------------(१) जाति-पांति का जहर घोलकर तुमने अपने भाग्य संवारे। और तुम्हारी कूटनीति से जगह -जगह दहके अंगारे। धर्मवाद की दग्ध चिता मानवता को झोंका तुमने। आम - जनों को मिलने वाले अधिकारों को रोंका तुमने। पर मैं अपने हर गीतों में तुम्हें धरा का बोझ कहूंगा। और पसीने-------------------------------------------(२) जिन हाथों की गीली मेंहदी सीमाओं पर हुई निछावर। भरी जवानी विलग हो गया जिन पैरों से नेह महावर । जिनकी कच्ची उम्र जवानी के दर्पण को त्याग चुकी है। और नींद जिन-जिन आंखों से अगणित रातें जाग चुकी है। उन आंखों से बहते आंसू का जीवन संग्राम लिखूंगा। और पसीने------------------------------------------(३) ©करन सिंह परिहार #राजपथों के ढोंगी नायक
Pawan
निठारी कांड अभियुक्त बड़ी ©Pawan निठारी कांड के अभियुक्त रिहा
Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777
शीर्षक-राष्ट्रगान के नायक हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ मैं राष्ट्र गीत तुम्हारे गाता हूँ दिया जो भारत को राष्ट्रगान, याद उसे फिर मैं करता हूँ हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |1| दी पहचान इस भारत को हे जन गण मन के नायक आव्हान तुम्हारा करता हूँ हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |2| भारत की संस्कृति,सभ्यता से गहरा नाता है किया दौरा विश्व का फिर भी कोई न भाता है दिलाई एक नई पहचान भारत को विश्व मे, हर भारतीये जन गण मन गण गीत गाता है |3 | हे देवेंद्र के लाल,तुम हो शान-ऐ-बंगाल बंगाल प्रान्त की तुम हो शान भारत देश की हो तुम पहचान लिखा जो राष्ट्रगान आपने वही मैं गाया करता हूँ हे रविन्द्र शत वार प्रणाम तुम्हें मैं करता हूँ |4| रचनाकार-अरुण चक्रवर्ती ©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 हे राष्ट्रगान के नायक #RABINDRANATHTAGORE
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी जन गण मन के अधिनायक बने भारतीयता के नायक जन जन को कर्तव्यों से बांधा उनके अधिकारों के लिये सारी शक्तियों को चार भागो में बांधा निरंकुश न हो जाये सत्ता और प्रशासन संविधान को पारखी नजरो से भीमराव अंबेडकर ने कई अनुच्छेद में ढाला प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" जनमन के अधिनायक बने भारत के नायक #nojotohindi
Abhi_Amreen
काँच सा दिल कांच का तोहफा न देना कभी रुठ कर लोग तोड़ दिया करते है जो बोहत अच्छे होते है उनसे प्यार न करना *क्योकि * अक्सर अच्छे लोग ही दिल तोड़ दिया करते है कांच के दिल