Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सोहनलाल द्विवेदी की कविता ओस Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सोहनलाल द्विवेदी की कविता ओस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सोहनलाल द्विवेदी की कविता ओस.

    PopularLatestVideo

TARUN KUMAR

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती कविता : सोहनलाल द्विवेदी

read more
mute video

अशोक कुमार सैनी

सोहनलाल द्विवेदी जी द्वारा रचित कविता नयनों की रेशम डोरी से का काव्य पाठ

read more
mute video

savi soni

#MorningGossip पर्वत कहता शीश उठाकर प्रकृति की सीख सोहनलाल द्विवेदी

read more
mute video

SK Poetic

बढ़े चलो बढ़े चलो – सोहनलाल द्विवेदी #achievement #कविता

read more
न हाथ एक शस्त्र हो
न हाथ एक अस्त्र हो
न अन्न वीर वस्त्र हो
हटो नहीं, डरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।

रहे समक्ष हिम-शिखर
तुम्हारा प्रण उठे निखर
भले ही जाए जन बिखर
रुको नहीं, झुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।


 
घटा घिरी अटूट हो
अधर में कालकूट हो
वही सुधा का घूंट हो
जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।

गगन उगलता आग हो
छिड़ा मरण का राग हो
लहू का अपने फाग हो
अड़ो वहीं, गड़ो वहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।

चलो नई मिसाल हो
जलो नई मिसाल हो
बढो़ नया कमाल हो
झुको नहीं, रूको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।

अशेष रक्त तोल दो
स्वतंत्रता का मोल दो
कड़ी युगों की खोल दो
डरो नहीं, मरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।

©S Talks with Shubham Kumar बढ़े चलो बढ़े चलो – सोहनलाल द्विवेदी
#achievement

अशोक कुमार सैनी

सोहनलाल द्विवेदी द्वारा रचित वन्दना का काव्य पाठ #कविता

read more
mute video

UTKARSH DWIVEDI

ओस की बूंदें - उत्कर्ष वर्धन द्विवेदी #story #storytelling #कहानी #nojotovideo

read more
mute video

Dr. PRAMILA TAK

ओस की बूंदे....

read more
ओंस की बूँद चेहरे पर पड़ रही थी। आंसूओं की बूदें पलको से छलक रही थी


वो भी नादान आंसू के बदले

ओस की बूंदें पोछ रही थी ओस की बूंदे....

Kr Ankit Arav

ओस की katare

read more
mute video

Deepak Kumar 'Deep'

#सुबह की ओस #शायरी

read more
सुबह की ओस ने बयान  की  है 
तुम्हारी रात को कहानी
कि कैसेे मेरे बगैर
तुम भी गमगीन रहते हो...

Deepak Kumar 'Deep' #सुबह  की  ओस

Parasram Arora

ओस की बूँदे....

read more
रात्रि क़े
अंतिम प्रहर  क़े  सन्नाटे मे
कुछ ओस की बूँदे
लज़ाती हुई
कमल क़े पत्तों पर
उतर  आई  थीं
किन्तु सूरज  की पहली किरण
का  स्पर्श  पाते  ही  वे
वाष्पीभूत  हो हवाओं पर  बैठ
गई  और  फिर  बादलों की पीठ
तक   पहुंच  कर  उन्होंने अपनी
आगे  की   यात्रा 
स्थगित   करने की घोषणा.
कर दी

©Parasram Arora ओस की  बूँदे....
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile