Find the Latest Status about कपीला पशु आहार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कपीला पशु आहार.
BHARTIYA Prakash{santosh}
शाकाहारी आहार सर्वश्रेष्ठ ©BHARTIYA Prakash शाकाहारी आहार सर्वश्रेष्ठ🌿 इससे किसी पशु मारा नहीं जाता है।
Saurav Dangi
जो हम खाते हैं, वह हम, बन जाता है, ज्यादा खाते हैं, तो हम वह,बन जाते हैं.. इसीलिए जितना हो सके निर्धारित कर निरंतर,हल्का,सुपाच्य और सात्विक आहार ही ग्रहण करें... saurabh #आहार
Rajeswari Rath
आहार तीन(3) प्रकार के होते है-सात्विक,राजसिक और तामसिक ।आहार से ही आचरण और प्रवृत्ति को आकार मिलता है। आहार
Sunil Kumar Maurya Bekhud
इंसान हो या शेर Iनिसाने पर पर खड़ा हूँ भूख किसी की भी हो सूली पर चढ़ा हूँ जब रही है साँस दौड़ लगाया हूँ तीर् लगते ही घायल गिर पड़ा हूँ ए रब किसी का क्या बिगाड़ा मैंने हरदम जमाने की निगाहों में गड़ा हूँ s ©Sunil Kumar Maurya Bekhud पशु
Âñmôĺ Jâiñ
आदि को हो गये आहार, झूम उठा सारा संसार! देवों ने हीरे मोती पुष्प बरसाएं, मानव ने जयकारे लगाए, जय हो आदि रटते-रटते, राजा श्रेयांश में आहार कराएं!, चिड़िया चहक ने लगी, प्रभु की भक्ति में बहक ने लगी! आकाश में दिव्य ध्वनियां बजी, पूरी सृष्टि महक ने लगी!! अक्षय तृतीय का पावन दिन बन गया, जब प्रभु ने एक वर्ष बाद आहार किए! धन्य धन्य है वो राजा, जिसने पहली बार भगवान को आहार दिए!! आदि को हो गये आहार, झूम उठा सारा संसार! -अनमोल जैन !!अक्षय तृतीय की अनेकानेक शुभकामनाएं!! !! हो गये आहार!!
manoj kumar jha"Manu"
राजस आहार कड़वे, खट्टे, नमकयुक्त, बहुत गरम, तीखे, रूखे, जलन उत्पन्न करने वाले और दुःख, चिन्ता तथा रोगों को उत्पन्न करने वाले आहार अर्थात भोजन करने के पदार्थ राजस व्यक्तियों को प्रिय होते हैं। - श्रीमद्भगवद्गीता अ०१७/९ #गीता_ज्ञान राजस आहार
Ek villain
आहार मनुष्य के विचारों को भी प्रभावित करता है आहार की शुद्धता मानसिक सुधीरता की प्रेषक है अर्थव्यवस्था यह कहा गया है कि जैसे आहार होगा वैसा ही विचार होगा और जैसे विचार बनेगा यह व्यवहार में उतर जाएगा आधार तुम्हारा व्यवहार कहीं ना कहीं हमारे आर से भी संबंध रखता है हम यदि मादक पदार्थ का सेवन करेंगे तो हमारा व्यवहार अपनी सुचिता होने लगेगा शुद्ध सात्विक आहार हमारे भीतर सातवीं गुना का विकास करता है इसके विपरीत तामसिक आहार उत्तेजना और क्रोध आदि अवगुणों को पोषण देता है ©Ek villain आहार की शुद्धता
Negi Girl Kammu
Village Life यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम। मैंने बचपन से देखा है, अपनी दादी को । जो सुबह उठते ही मुंह धोने से पहले चारा देती हैं हमारी गाय को। घर के आंगन में बधे पशु जाने कैसे मेरी दादी की आहट को सुन लेते है। दरवाजे खुलने की आवाज न जाने वह कैसे पहचान लेते हैं। वो भी समझ जाते हैं कि काली घनी अंधेरी रात अब जा चुकी है। सुबह का सूरज बस उगने वाला ही है । जैसे ही दादी घास की गठरी को उनके आगे फैकती है। वह भी झट से उठकर दादी के हाथों को चाटते हैं । अपनी लंबी सी जीव निकाल के कभी दादी की धोती पर तो कभी दादी के बालों को चाटने लगते हैं । शायद वह भी दादी को प्यार करते हैं। घास के बदले में पशु दादी को ढेर सारा प्यार देते हैं। अपने सुबह के चारे को देख पशु खुशी से झूम उठते हैं। चारा खाने के बाद पशु अब कुछ पानी पीना चाहते हैं। और वह लंबी सी जीभ को निकाल के अपने मुंह के दाएं बाएं फेरते है । मेरी दादी साक्षर नहीं है, उसने कभी भी पशुओं के लिए कोई अलग सी पुस्तक नहीं पढ़ी, लेकिन वह उनकी भाषा को जानती है। दादी समझ जाती है ,कि उसे अब प्यास लगी है । और फिर क्या दादी झट से एक बाल्टी भर के पानी ले आती है। और रख देती है गौशाला में पशुओं के आगे। सभी झट से पानी को पीने लगते हैं । वह बहुत देर तक बाल्टी में सर डुबो के चुस्कियां लेते है। यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम। यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।। ©Negi Girl Kammu पशु प्रेम।