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Dinesh Sharma Dinesh
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ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥” May LORD GANESHA keep their blessings all over. On the happy occasion of Ganesh Chaturthi, I wish that good fortune may always be on your side. May the grace of God keep enlightening your lives and bless you always. #GaneshChaturthi ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥” May LORD GANESHA keep their blessings all over.
Kamal
ऊं गं गणपतयै नमः सुप्रभात। गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि । गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि । गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि । एकदंताय
Vikas Sharma Shivaaya'
सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक माने जाते हैं. बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है. सूर्य से निकटता के कारण इनका प्रकाश प्रखर है. ग्रहों की परिषद में बुध को युवराज कहा गया है. बुधवार को विशेष रूप से गणपति का और लक्ष्मी जी का वार भी माना गया है. बुध(Mercury )प्रार्थना मंत्र ? उत्पात रूपी जगतां चंद्रपुत्रो महाद्युतिः। सूर्य प्रिय करो विद्वान पीडां दहतु में बुधः।। गणेश गायत्री मंत्र: - ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।। एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 67 से 77 नाम 67 ज्येष्ठः सबसे अधिक वृद्ध या या बड़ा 68 श्रेष्ठः सबसे प्रशंसनीय 69 प्रजापतिः ईश्वररूप से सब प्रजाओं के पति 70 हिरण्यगर्भः ब्रह्माण्डरूप अंडे के भीतर व्याप्त होने वाले 71 भूगर्भः पृश्वी जिनके गर्भ में स्थित है 72 माधवः माँ अर्थात लक्ष्मी के धव अर्थात पति 73 मधुसूदनः मधु नामक दैत्य को मारने वाले 74 ईश्वरः सर्वशक्तिमान 75 विक्रमः शूरवीर 76 धन्वी धनुष धारण करने वाला 77 मेधावी बहुत से ग्रंथों को धारण करने के सामर्थ्य वाला 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक म
Vikas Sharma Shivaaya'
'ॐ वक्रतुण्डाय हुं-'यह मंत्र शत्रुओं से बचाता है। अरी अनोखी बाम तू आई गौने नई ! बाहर धरसि न पाम है छलिया तुव ताक में !! इस दोहे में रसखान जी गोपियों से कहते है – अरी अनुपम सुंदरी तुम नई नवेली गौना द्विरागमन कराकर ब्रिज में आई हो , क्या तुम्हे कन्हैया का सवभाव मालूम नहीं है ! अगर तुम घर से बाहर निकली तो वह तुम्हे अपने प्रेम जाल में फंसा लेगा ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 'ॐ वक्रतुण्डाय हुं-'यह मंत्र शत्रुओं से बचाता है। अरी अनोखी बाम तू आई गौने नई ! बाहर धरसि न पाम है छलिया तुव ताक में !! इस दोहे में रसखान
Vikas Sharma Shivaaya'
"ॐ "वक्रतुण्डाय हुं " ज़िन्दगी की यही रीत है-हार के बाद ही जीत है-थोड़े आँसू हैं, थोड़ी हँसी-आज ग़म है, तो कल है ख़ुशी-ज़िन्दगी की यही रीत... ज़िन्दगी रात भी है, सवेरा भी है ज़िन्दगी-ज़िन्दगी है सफ़र और बसेरा भी है ज़िन्दगी-एक पल दर्द का गाँव है, दूसरा सुख भरी छाँव है-हर नए पल नया गीत है-ज़िन्दगी की यही रीत... ग़म का बादल जो छाए, तो हम मुस्कराते रहें-अपनी आँखों में आशाओं के दीप जलाते रहें-आज बिगड़े तो कल फिर बने, आज रूठे तो कल फिर मने-वक़्त भी जैसे इक मीत है-ज़िन्दगी की यही रीत... खेलते-खेलते एक तितली ना जाने कहाँ खो गयी-एक नन्ही किरण क्यूँ अँधेरे में यूँ सो गयी-सबकी आँखों में फ़रियाद है-सबकी दिल में तेरी याद है-तू नहीं है, तेरी प्रीत है-जिन्दगी की यही रीत है... 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' "ॐ "वक्रतुण्डाय हुं " ज़िन्दगी की यही रीत है-हार के बाद ही जीत है-थोड़े आँसू हैं, थोड़ी हँसी-आज ग़म है, तो कल है ख़ुशी-ज़िन्दगी की यही रीत... ज़ि