Nojoto: Largest Storytelling Platform

New धाल विद्रोह Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about धाल विद्रोह from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धाल विद्रोह.

    PopularLatestVideo

Raja Kiran

हमारे लिए जमीं तो परिंदो के लिए आसमां है।।
यही जग, यही जन्नत और यही सारा जहां है।
लेकिन मैं पूछूं की इसमें जीवन कहां है?
फिर मेरे दिल से आवाज आई कि
•••
जीवन हमारे हर एक पल का वह काल है।
जिसमें बीते मेरे हर एक साल है।
इसमें पके हर किसी के बाल है।
अब क्या लिखूं कि बातें भी कमाल है।
क्योंकि हर किसी के जीवन का बस यही हाल है।
✍️(जीवन..राजा किरण..)✍️

©Raja Kiran जीवन का हाल..✍️😄
#मेरी_कलम_से✍️😊 
#जीवन#जमीं#आसमां#काल#साल#बाल#कमाल#हाल#मेरे_दिल_कि_बातें

vaibhav

विद्रोह #poem #nojotovideo

read more
mute video

V Singh KyS

विद्रोह

read more
मेरे पास अब सिर्फ कागज के तीर है और जब भी कोई तीर चलता है, तो वो पानी नहीं मेरा लहू मांगता है। विद्रोह

Dayanand Kanakdande

विद्रोह #poem

read more
mute video

somnath gawade

 साहेबांची 'उपद्रवी'
कृती वाढली की, 
कर्मचारी 'विद्रोह'
 वृत्ती कडे वळू
  लागतात.
 #विद्रोह

Author Harsh Ranjan

विद्रोह

read more
पेट भारी होता है!
पहली बार एक गर्भवती ने ये बोला था,
उससे पहले खास कर कि
मर्दों को ऐसा लगता था कि पेट और परिवार 
दुनिया की दो सबसे बड़ी प्रेरणाएं हैं।
मैंने लंबे रास्ते पर गौर किया
हरेक के पैर से कुछ पेट बंधे हैं।
अब मुझे लगता है कि पेट 
परंपरा के जूतों से भी भारी है।
शौक, जज्बे और जोश की,
कुछ कर गुजरने के सोच की
ये राहें अब सफर के लिहाज से ठंडी हैं।
यहाँ अब कुछ बड़ी दुकानें और
कुछ रईस लोगों की मंडी हैं,
यहाँ के समान शोपीस के लिए उत्तम हैं,
जिन्हें चखा जा सके वो 
प्रसाद से कहाँ कम हैं!
मुझे पता है कि चम्मच बेचकर
मैं वहाँ जा नहीं सकता,
सफर का लती हूँ सो निकल गया,
मेरे पेट में सिर्फ चलने की मंशा जलती है,
कुछ नफ़रतें, कुछ चाहतें
बेरोक-टोक मेरी नसों में चलती हैं।
मेरे कानों में एक साधु की बात गूंजती है,
कुछ न पाने का वैराग्य,
कुछ न खोने की निश्चिन्तता का भाव
इंसान को अलग राह मोड़ देता है
उसका छिटक जाना कल-पुर्जों की भीड़ से
एक तंत्र को बीचो-बीच तोड़ देता है। विद्रोह

Author Harsh Ranjan

विद्रोह

read more
पेट भारी होता है!
पहली बार एक गर्भवती ने ये बोला था,
उससे पहले खास कर कि
मर्दों को ऐसा लगता था कि पेट और परिवार 
दुनिया की दो सबसे बड़ी प्रेरणाएं हैं।
मैंने लंबे रास्ते पर गौर किया
हरेक के पैर से कुछ पेट बंधे हैं।
अब मुझे लगता है कि पेट 
परंपरा के जूतों से भी भारी है।
शौक, जज्बे और जोश की,
कुछ कर गुजरने के सोच की
ये राहें अब सफर के लिहाज से ठंडी हैं।
यहाँ अब कुछ बड़ी दुकानें और
कुछ रईस लोगों की मंडी हैं,
यहाँ के समान शोपीस के लिए उत्तम हैं,
जिन्हें चखा जा सके वो 
प्रसाद से कहाँ कम हैं!
मुझे पता है कि चम्मच बेचकर
मैं वहाँ जा नहीं सकता,
सफर का लती हूँ सो निकल गया,
मेरे पेट में सिर्फ चलने की मंशा जलती है,
कुछ नफ़रतें, कुछ चाहतें
बेरोक-टोक मेरी नसों में चलती हैं।
मेरे कानों में एक साधु की बात गूंजती है,
कुछ न पाने का वैराग्य,
कुछ न खोने की निश्चिन्तता का भाव
इंसान को अलग राह मोड़ देता है
उसका छिटक जाना कल-पुर्जों की भीड़ से
एक तंत्र को बीचो-बीच तोड़ देता है। विद्रोह

VivekG poetry

मुझे एक ढाल न बनाया जाय।
मैं जीता,जागता हु महज एक खाल न बनाया जाय।
मेरी नजरो में ही  झलकता है चेहरा तेरा,
ये तुम्हे देखे तो सवाल न बनाया जाय।
खुद ही फ़ँस चुका हूं तेरी रेशमी जुल्फों में,
 मुझे फ़साने के लिए कोई जाल न बनाया जाय।

©Actor vivek poetry #ढाल
#खाल

Shailendra Shainee Official

#हाल चाल #शायरी

read more
mute video

Bhanu priya

साल बदला है, जनाब हाल नहीं!!!!! #साल#हाल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile