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Manjeet Kumar

"नेताजी" पर व्यंग्य #myvoice #बात

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Narayan Dixit

इश्क़ पर व्यंग्य #TuneWithTone

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Prashant Mishra

हिंदी दिवस पर व्यंग्य

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हिंदी की Student हूँ, बोला उसने
हिन्दी माता I love you बोला उसने
हिंदी दिवस की बधाईयां देने के लिए
Happy हिंदी Day to u बोला उसने

--प्रशान्त मिश्रा हिंदी दिवस पर व्यंग्य

दीपक सती

चापलूसों और दोगलो को समर्पित

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SWARNIMA BAJPAI

#Twowords जातिवाद पर छोटा सा व्यंग्य .

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जात–पात मानो सभी, जैसा हो व्यवसाय ।
और जो खाली होए, उसे नल्ला लियो बुलाए।।
पर जो नल्ला कहलाए , असल में होवे तेज।
घर में हाथ बटाएं वो, औ खर्च में करै परहेज।।
दूर रखो तुम जात को, जब होवे इनकी चाह।
खाना–पानी, नौकरी, और करने जाओ ब्याह।।
जात की धौंस में होएगी, बस खाने की पूर।
आरक्षण में नौकरियां, हो जायेगी चकनाचूर।।
सबसे ज्यादा प्रेमी डरे, उठती ऐसी पीर।
बन जाते है रांझड़ा, और कुछ बन जाते हीर।।
दिल टूटे आवे खिन्नता, होए अंधेरी रात।
क्योंकि फन फैलाए के, बैठा है जात–पात।।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords जातिवाद पर छोटा सा व्यंग्य .

vishwas Chandra bhatt

#कविता #सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा पर व्यंग्य #nojotovideo

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कमलेश

हास्य व्यंग्य #shyari #व्यंग्य #Love

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आसान मंज़िल पहले दोस्तों के साथ घूमने जाने के लिए घर में झूठ बोलते थे
अब गर्लफ्रेंड के साथ घूमने जाने के लिए झूठ बोलते हैं

©expresslove हास्य व्यंग्य
#shyari #व्यंग्य #Love

Rãjpøôt BãÑä Ãkâsh

हमें क्या फर्क पड़ता है, हमें क्या फर्क पड़ता है,
अगर आज कोई ठोकर खाता हैं,
कोई गड्डे में गिर जाता हैं,
अरे भाई इसी से तो ही वोट बैंक बनता हैंI
हमें क्या फर्क पड़ता है,
अगर दो माले की बिल्डिंग 20 माले का होता हैं, 
चाहे उस बिल्डिंग में दबकर लोग मरता हैं, 
पर भाई पैसा तो उधर से ही मिलता हैंI
हमें क्या फर्क पड़ता हैं, 
कोई भूखा मरता हैं, 
या कचरा प्लास्टिक खाता हैं, 
यार नेता है हमारा पेट तो भर जाता हैंI

Writer Akash✍️ #व्यंग्य

Rakesh Kumar Dogra

व्यंग्य

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"व्यंग्य"
शब्द की व्यंजना शक्ति द्वारा निकला एक गूढ़ार्थ होता है। 
इतना आसान नहीं है तुमने मज़ाक बना रखा है।
वो जहाँ होता है तुम्हे वहां तक घूमकर पहुंचना भी होता है।
वो सीधे सीधे नहीं होता लच्छेदार  होता है।
अपने साथ एक खूबसूरत मोड़ लिए होता है।
उसकी खिड़की से सारा दृश्य अभिसरित* होता है।
*एक ओर केन्द्रित होता है। व्यंग्य

Mr. Singh Hindi Classes

व्यंग्य

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ये तो माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगे हम,तुमको खबर होने तक। व्यंग्य
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