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#maxicandragon

आज कई महीनो बाद जब निकला तो नज़र गई उन सड़क के किनारे लगे जंगल पर , और शब्द निकले 

"जंगलो के झांकते झरोखो ने कर दी बयां दास्ताँ 
शहर से कितने रुखसत हो गए"
 
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon आज कई महीनो बाद जब निकला तो नज़र गई उन सड़क के किनारे लगे जंगल पर , और शब्द निकले 

"जंगलो के झांकते झरोखो ने कर दी बयां दास्ताँ 
शहर से कितने

आज कई महीनो बाद जब निकला तो नज़र गई उन सड़क के किनारे लगे जंगल पर , और शब्द निकले "जंगलो के झांकते झरोखो ने कर दी बयां दास्ताँ शहर से कितने #Sadharanmanushya #DryTree

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MANJEET SINGH THAKRAL

धीरे-धीरे रेगिस्तान में बदलते बुंदेलखंड के छतरपुर जिले का बक्स्वाहा क्षेत्र का हरा-भरा जंगल इस इलाके की पहचान है, मगर अब इसी जंगल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, वास्तव में यह सिर्फ जंगल ही नहीं है बल्कि यहां जीवन का बसेरा है।

©MANJEET SINGH THAKRAL धीरे-धीरे रेगिस्तान में बदलते बुंदेलखंड के छतरपुर जिले का बक्स्वाहा क्षेत्र का हरा-भरा जंगल इस इलाके की पहचान है, मगर अब इसी जंगल पर संकट के

धीरे-धीरे रेगिस्तान में बदलते बुंदेलखंड के छतरपुर जिले का बक्स्वाहा क्षेत्र का हरा-भरा जंगल इस इलाके की पहचान है, मगर अब इसी जंगल पर संकट के #विचार #savebuxwahaforest #HaritSatyagrah #UnitedForBuxwaha

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Harshita Dawar

Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat

ख़ुद कश्ती खुद पतवार।
ख़ुद शेर अपनी ताकत से जंगल 
पर राज करता है।
वहां कोई चुनावी दल नहीं होते।
मुश्किलों से क्या घबराना।
ख़ुद बाज़ी लगानी।
ख़ुद बाज़ मारने।
ख़ुद की खोज की।
ख़ुद मिसाल बने।
इसको गूरूर ना समझना ए दोस्त।
खुद पर हो यकीं तो किस्से भी होते है मशहूर। हम आप ही कश्ती हैं और हम आप ही पतवार 
हमें आप ही होना है इस भव सागर से पार।
#कश्तीपतवार #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating wit

हम आप ही कश्ती हैं और हम आप ही पतवार हमें आप ही होना है इस भव सागर से पार। #कश्तीपतवार #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating wit #jazzbaat

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Shivank Shyamal

आवाज़ों के जंगल में,
इक शोर सुनाई देता है,
जो कानों के दरवाज़ों पर,
ख़ूब ढिंढोरा पीटता है।।
मैं सपनों में उठ जाता हूं,
फ़िर बड़ी चपलता से उठकर,
वही आवाज़ ढूंढने लगता हूं।
और पूरा दिन फ़िर कोलंबस सा,
मैं चप्पा चप्पा छानता हूं,
फ़िर सूरज की छिपती किरणों से,
मैं मदद मांगने लगता हूं।।
एक इशारा वह कर देता है,
वो आवाज़ जहां से आती है,
मैं सुन्न हो गया वह जगह देखकर,
मैं ठहर गया वह महल देख कर,
जिसपर मृत देह सजी पड़ी थी।
लकड़ी के उस जंगल पर,
तमाम आवाजें उठती हैं,
और वहीं कहीं पर मैंने देखा,
तमाम आवाज़ें भी मरती हैं।।
Shivank Srivastava 'Shyamal' #InspireThroughWriting 
आवाज़ों के जंगल में,
इक शोर सुनाई देता है,
जो कानों के दरवाज़ों पर,
ख़ूब ढिंढोरा पीटता है।।
मैं सपनों में उठ जाता हू

InspireThroughWriting आवाज़ों के जंगल में, इक शोर सुनाई देता है, जो कानों के दरवाज़ों पर, ख़ूब ढिंढोरा पीटता है।। मैं सपनों में उठ जाता हू

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Sunita D Prasad

#समरसता

एक आँसू
एक सिसकी
एक क्रंदन
और एक क्षोभ
बस....
फिर खो देगी धरा 
अपनी समरसता..!

तब..
अतिरेक क्षार के बोझ से
उफनने लगेंगे समुद्र..!
आँखों की रिक्तता से तर जाएगा आसमान..।
विषाद/अवसाद से ढक जाएँगे पहाड़-जंगल..।

पर ऐसा होगा नहीं..!!!!!

एक आस
एक विश्वास
और एक मुस्कान से..
बना रहेगा.. संतुलन..।
नाभि पर अपनी, साध लेगी धरा..
गहरे से गहरा, खारे से खारा समुद्र..।
अनघ किलकारियों से फूट पड़ेंगे
जलप्रपात और नदियाँ..!
तितलियों के रंगों और पक्षियों की चहचहाहट से
भर जाएगी, 
आसमान की रिक्तता..।
हल के एक प्रहार से..
कोंपलों के स्फुटन से..
चटक जाएगा
पहाड़ों-जंगलों को घेरता 
गहरे से गहरा संताप..।

हर क्षोभ, हर विषाद 
और हर अवसाद पर 
भारी है..
एक मुस्कान
एक सृजन और
एक उम्मीद..!!

--सुनीता डी प्रसाद💐💐 #समरसता

एक आँसू
एक सिसकी
एक क्रंदन
और एक क्षोभ
बस....
फिर खो देगी धरा

#समरसता एक आँसू एक सिसकी एक क्रंदन और एक क्षोभ बस.... फिर खो देगी धरा #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo

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Navin Kishor Mahto

पवित्र बंधन घड़ी की सुइयों सी रिश्ता बनाए रखना कहता ये बेचैन मन पास आओ, पास आओ मुझे अपनी और खींच लेना प्रेम का धागा बांध लिया है मैंने ते

पवित्र बंधन घड़ी की सुइयों सी रिश्ता बनाए रखना कहता ये बेचैन मन पास आओ, पास आओ मुझे अपनी और खींच लेना प्रेम का धागा बांध लिया है मैंने ते

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MANJEET SINGH THAKRAL

बक्सवाहा के जंगल सिर्फ पेड़ों का एक स्थल नहीं है, बल्कि यहां जिंदगी और संस्कृति दोनों का बसेरा है। वास्तव में इस जंगल में सिर्फ पेड़ नहीं है

बक्सवाहा के जंगल सिर्फ पेड़ों का एक स्थल नहीं है, बल्कि यहां जिंदगी और संस्कृति दोनों का बसेरा है। वास्तव में इस जंगल में सिर्फ पेड़ नहीं है #savebuxwahaforest #UnitedForBuxwaha #I_Stand_With_Buxwaha

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Divyanshu Pathak

सबसे पहले मैं माफ़ी मांगता हूँ हज़रत हौव्वा से। 
मैंने ही अफ़वाह उड़ाई थी कि उस ने आदम को बहकाया था
और उसके मासिक धर्म की पीड़ा उसके गुनाहों की सज़ा है
जो रहेगी सृष्टि के अंत तक। 
मैंने ही बोये थे बलात्कार के सबसे प्राचीनतम बीज।

मैं माफ़ी माँगता हूँ उन तमाम औरतों से 
जिन्हें मैंने पाप योनी में जन्मा हुआ घोषित करके 
अज्ञान की कोठरी में धकेल दिया 
और धरती पर कब्ज़ा कर लिया
और राजा बन बैठा।
और वज़ीर बन बैठा।
और द्वारपाल बन बैठा।
मेरी ही शिक्षा थी यह बताने की कि औरतें रहस्य होती हैं ।
ताकि कोई उन्हें समझने की कभी कोशिश भी न करे।
कभी कोशिश करे भी तो डरे, उनमें उसे चुड़ैल दिखे । शीतकालीन अवकाश की हार्दिकि शुभकामनें 25 /31 दिसंबर तक (साल के अंतिम दिनों ) का भरपूर लाभ उठाएं आओ आज आपके साथ साझा करता हूँ फ़रीद खान की कवित

शीतकालीन अवकाश की हार्दिकि शुभकामनें 25 /31 दिसंबर तक (साल के अंतिम दिनों ) का भरपूर लाभ उठाएं आओ आज आपके साथ साझा करता हूँ फ़रीद खान की कवित #पंछी #rajesh #पाठक #हरे #Roopa

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Saad Ahmad ( سعد احمد )

"थोड़ा सा रावण हर बार बच जाता है"
..
.
पूरा कैप्शन में पढ़ें 
(Read in caption)
. 
. थोड़ा सा जला देते हैं रावण हम 
थोड़ा सा बचा लेते हैं रावण हम 

थोड़ा सा रावण बचा कर रखते हैं आँखों में 
फिर रावण भरी वो आँखें घूरती फिरती हैं

थोड़ा सा जला देते हैं रावण हम थोड़ा सा बचा लेते हैं रावण हम थोड़ा सा रावण बचा कर रखते हैं आँखों में फिर रावण भरी वो आँखें घूरती फिरती हैं

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AB

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    अच्छा तुमने करीब से समंदर की लहरों को देखा क्या कभी,? अरे,.. ऐसे रियेक्ट न करो मैं जस्ट पूछ रही हूँ, देखा ही होगा न तुमने पूरी की पूरी

अच्छा तुमने करीब से समंदर की लहरों को देखा क्या कभी,? अरे,.. ऐसे रियेक्ट न करो मैं जस्ट पूछ रही हूँ, देखा ही होगा न तुमने पूरी की पूरी

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Sunil itawadiya

नदिया मुझसे कह रही है

कैप्शन जरूर पढ़ें
🙃🙂 👇नदियां मुझ से कर रहीं, चुभता एक सवाल

कहाँ गया पर्यावरण ,जीना हुआ मुहाल।
तान कुल्हाड़ी है खड़ा ,मानव जंगलखोर
मिटा रहा पर्यावरण ,चोर मचाये शोर

👇नदियां मुझ से कर रहीं, चुभता एक सवाल कहाँ गया पर्यावरण ,जीना हुआ मुहाल। तान कुल्हाड़ी है खड़ा ,मानव जंगलखोर मिटा रहा पर्यावरण ,चोर मचाये शोर #feelings #Collab #YourQuoteAndMine #पर्यावरणदिवस

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Anamika Nautiyal

      सिर पर गागर रखे छोटी-छोटी बालिकाओं का समूह किसी गाँव के रास्ते की तरफ  बढ़ रहा था उन लड़कियों में सबसे आगे चलने वाली लड़की तेज कदमों से चल र

सिर पर गागर रखे छोटी-छोटी बालिकाओं का समूह किसी गाँव के रास्ते की तरफ बढ़ रहा था उन लड़कियों में सबसे आगे चलने वाली लड़की तेज कदमों से चल र #अनाम_प्रेम #अनाम_कहानी #हरि_वृंदा #जीवंत_प्रेम #पहाड़ीकहानी

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Richhpal Singh Kajla

हम जानवर है इशान नहीं, 
परन्तु हम आज मोहब्बत कि इस दुनीया मै, 
ईशानो से जयादा, वफादार होते है॥

©Richhpal Singh Kajla #जंगल 
#जंगली 

#gurpurab
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ज़िंदादिल संदीप

#OpenPoetry बागी सा परिंदा हूं मैं..अक्सर खुद से ही शर्मिंदा हूं मैं..
खुदा ने जो बनाई बेमिसाल सी कुदरत.. हां वहां का बाशिंदा हूं मैं ..
कब जाना ..कब समझ सका दर्द तेरे .... ए मेरे दोस्त बेजुबान..
हरगिज़ नहीं इंसान रहा..लालच भरा दरिंदा हूं मैं .. जंगल बचाओ ...मंगल बनाओ..

जंगल बचाओ ...मंगल बनाओ.. #OpenPoetry

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Anjana Gupta Astrologer

मंगल का दंगल
मंगल ऊर्जा हे सृजन और विध्वंस की आज मंगल से लाइफस्टाइल पर असर देखे बंसल चैनल पर दोपहर दो बजकर तीस मिनट पर अंजना ज्योतिषाचार्य से मंगल का दंगल

मंगल का दंगल

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Feroz Khan Suroor Malihabadi

चलो चल के जंगल में मंगल मनाये

चलो चल के जंगल में मंगल मनाये

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RAKESH KUMAR. SINGH

जगल में मंगल

जगल में मंगल

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Satendra Sharma

🙏🙏ॐ नम: शिवाय 🌹🌹

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर चहुं ओर उल्लास की लहर छा जाये, 
आतंक, हिंसा, अन्याय रूपी विष को पीने फिर शिव आ जाये। 
फिर से हो समुद्र मंथन, समभाव, सद्भाव से सबके मन का घट भर जाय, 
शान्ति, समृद्धि, खुशहाली का अमृत जन-जन पा जाये।   
                                      ...... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' महाशिवरात्रि पर मंगल कामनायें.....

महाशिवरात्रि पर मंगल कामनायें.....

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Madhav Chaudhary

Poets should go on Mars first लगता है सारे नेता 
कवियों से बचने की 
योजना बना रहे हैं...😊 #NojotoQuote मंगल पर भेजकर खुदका मंगल
#Mars #kavi #writer #neta #नेता #मंगल #हिंदी

मंगल पर भेजकर खुदका मंगल #Mars #kavi #writer #neta #नेता #मंगल #हिंदी

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Dharmendra Azad

एक शे'र-

सड़क जाती है जो जंगल से होकर 
उसी से फिर वो जंगल भी गुजरता 

@धर्मेन्द्र तिजोरीवाले "आज़ाद" #जंगल
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prathamesh zore

मकानों के जंगल मे
एक पौधा अपना हो
तुटी हुई छत,
कर कर ता पंखा,
जली हुई बत्ती,
और निंदो मे एक सपना हो.... #जंगल
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Kalam_Kasturi

 #जंगल
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Jain Saroj

#जंगल
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Randeep Yagyik

रणदीप का प्रणाम

     तुम   जंगल   काटो
     वहां शहर  वसा  दो
     तुम   कहते   हो   न
    जंगलों में असभ्यता है
    याद है..................?
    राम ने वहां मान पाया
    जंगल से  ही  सभ्यता
   का सबको पाठ पढ़ाया
     जंगल   नहीं   होगा
   तब वनवास नहीं होगा
   अतः तब फिरसे कोई
     राम   नहीं   होगा !
          
                 - रणदीप 'पुष्पवीर'

©Randeep Yagyik " जंगल"

" जंगल"

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Smita Sapre

मॉल की जगमगाहट नही है
 कृत्रिम रोशनी की बरसात नही है
  पर
जंगल के पत्तों की सुगबुगाहट 
हिरणों के झुंड की आहट
और दोस्तों की खिलखिलाहट
 जीने को और क्या चाहिए।

©Smita Sapre
  जंगल

जंगल #प्रेरक

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AJAY SOLANKI

#जंगल
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****#शुन्य*****

निकलूं तेरी यादों की चार दिवारी से बाहर ,,,इस शहर में मेरे लिए पनाह बहुत है ,,

पर डर लगता है कहीं वहशी ना हो जाऊं,,मेरे घर के बाहर जंगल घना बहुत है ।।

©#शुन्य
  #जंगल

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SAINI KING Saini

जंगल

जंगल #हॉरर

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