Find the Latest Status about ओपीएस भदौरिया मेहगांव from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ओपीएस भदौरिया मेहगांव.
Ankur Mishra..
कुछ दिन पहले हम अपने गांव में रहा करते थे अपने भाईयो जैसे दोस्त के साथ खेला करते थे ना जाने किसकी नजर लग गई उन दिनों को अब तो हम अपनो से ही दूर रहा करते है। ए शहर तू तो सजी है बहुत पर ,मेरे गांव जैसे नहीं दिखती महक तो बहुत है तेरे में पर ,मेरे गांव की मिट्टी जैसे नहीं लगती कहानियां तो बहुत सिखाती है तू ए शहर पर मेरे दादाजी के कहानी के आगे तेरा कुछ सुनाई ही नही देता। सुबह सुबह चिड़ियों का चहचहाना अच्छा लगता है शाम होते ही दोस्तो के साथ खेलना अच्छा लगता है दो अंगुलियों के मिलने से सच्चा मित्र मिल जाए, अच्छा लगता है इस हरियाली में सांस लेना अच्छा लगता है मम्मी की डांट उसके बाद अपने ही हाथों से खाना खिलाना, अच्छा लगता है दादाजी के साथ उनके बचपन को जीना अच्छा लगता है और ना जाने कितने यदि को अपने में समेटी ए गांव मुझे तो बस तू ही अच्छी लगती है। ©Ankur Mishra.. #मेरागांव
Sharma Hansu Hanshiv
मत समझो कम हमें की हम गाँव से आये है। तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने ही सजाये है॥ वह इज्जत में सर सूरज की तरह ढलते है। चल आज हम उसी गाँव में चलते हैं । ... ~हंसू #मेरागांव
Anand mokhra
जन्नत से कम नहीं होते गांव हमारे कभी ठहर कर देखो तो सही ठिकाने हमारे ज़िन्दगी से मोहब्बत ना कर बैठो तो कहना शब्द ग़लत थे हमारे ©Anand mokhra #मेरागांव
Bharat Bhati
हर बीमारी का इलाज मिलता है...... आओ कभी मेरे गांव यहां बस प्यार मिलता है । ©Bharat Bhati #मेरागांव
Dr. मंसूर Lilhare
आज कल रिश्ते सूर्य फुल के तरह हो गए हैं जिधर फायदा दिखे उधर ही मुड़ जाते हैं ©Dr. मंसूर Lilhare महलगांव
Rashmi Shankar
रस्ता और गाँव वो अपने गांव की मिट्टी, और मुट्ठी भर का धूल दूर दूर तक हरीयाली, और बगीया में वो फूल बच्चों में मसुमियत , वो लोग सीधे साधे सच्ची सारी रस्में और सच्चे सबके वादे मेरे हसिन ख्वाब , और घना सा वो मंजर पेड़ पौधे, पहाड़, और छोटा-सा वो कंकड़ सौ शब्द भी कम है, वो खुशियों का बहार मेरा कैसे करुं बयां बड़ा प्यारा है वो गांव मेरा!! बड़ा प्यारा है वो गांव मेरा!! #मेरागांव
Bipul Das
जाने दो रंगों से त्यौहार नहीं फुटबॉल से प्यार आसमान से यार नहीं गुलशनो से विहार। मरिगांव
Neeraj Saroha
कहीं गांव जैसी ताजी हवा नहीं, ना गांव जैसा मीठा पानी , कोयल की यहां कुकू हैं, ओर मोर का नाच दिखाना, यहां चारों तरफ हैं हरियाली, और दूध दही का खाना, गांव में सारे रिश्ते है, ओर रिश्तो में प्यार पुराना, जन्नत से भी सुंदर है, ये गांव मेरा हरसाना।। ©Neeraj Saroha #मेरागांव##gaon