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New नव सृजन संस्था Quotes, Status, Photo, Video

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श्वेता शर्मा

नव सृजन

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Lalit Tiwari

नव समाज का सृजन

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नेहा

बात ख़त्म हो गई,
अब और न बढ़ाओ,
जो बीत गया कल,
अब उसे न दोहराओ।
मिले जो सबक उनसे,
वक़्त रहते संभल जाओ।
नव आलोक का करो स्वागत,
नवसृजन में बढ़ जाओ।
'नेह' रखो सबसे,
कड़वे पल भूल जाओ।
 #नव सृजन
#drnehagoswami 
#yqdidi
#yqhindi 
#yqthoughts

kavi Deepak tiwari deepak

साहित्यिक संस्था सृजन पथ एवं रेलवे विभाग के तत्वाधान में विराट कवि सम्मेलन #nojotovideo

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himani panchal

#सृजन

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गर तुझे ज़िद है,
मुझे मिटाने की।
तो याद रख ,
मै भी सृजन का बीज हूँ ।
मुझ में जीजिविषा है,
फिर से उग जाने की ।। #सृजन

संजय श्रीवास्तव

सृजन

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तुमको तो पा लिया मैने 
बस उसी एक पल में
जिसमें शामिल थी 
तुम्हारी मौन स्वीकृति
अनंत आकाश सा मन 
सप्तअश्वो से बंधे रथ में
भागता हुआ अकेला 
अनजान पथ पर जिसमें
थी तुम्हारी मधुर स्मृति
हर पल तेरे अहसास की खुशबू
अंतर्मन में समेट कर 
मैं अचेतन मूक सांकल की तरफ 
नजरें गड़ाये 
तमाम दिवास्वप्न के यथार्थ मे उतरने के
अद्भुत क्षण की.प्रतीक्षा में 
व्यग्र आतुर मन
कंंपकंपाते हाथ की
दस्तक ने
आखिर भंग कर दी
छायी हुई नीरवता
एक क्षण भी व्यर्थ 
किये बिना
खुल गया सांकल
और फिर
सृष्टि की अनुपम कृति
मेरे समक्ष 
अकथनीय अकल्पित निःशब्द
अनिद्य सौंदर्य
को दृष्टिपात करता 
व्याकुल नयन
शायद इन्ही अनमोल 
क्षणों में हुआ
एक खामोश कविता का हुआ
सृजन सृजन

Arora PR

सृजन #कविता

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Parasram Arora

सृजन

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हाँ  मैं ही  हूँ
वो तथाकथित  ईश्वर
जिसने  इस   बदरंग  दुनिया का 
निर्माण किया है
पर  तुम ये बात   भूल से भी किसीको
कह  मत  देना  कि ये दुनिया  मैंने  बनाई है
अन्यथा  लोग  देरी किये बिना
बिना  समझें  ही  मेरा  कत्ल कर देंगे
वो भी इसलिए कि  आखिर  मैंने क्यों 
इतनी  विकृत  और  विषैली  दुनिया  का  सृजन
कर दिया  है

©Parasram Arora सृजन

Kamlesh Kandpal

"सृजन "

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मैं टूटते तारों के बारे में क्यों लिखूं? 
 मैं बाढ़ में समा गये  खेतों बारे में क्यों लिखूँ 
 
मुझे अच्छा लगता है, लिखना, पल्लवित होते  पुष्प के बारे में
 मुझे अच्छा लगता है लिखना, उगते सूरज के बारे में
 मैं डरता हूं उदासी से, तन्हाई से 
मै डरता हूँ अँधेरे से, बेहयाई से 
 मुझे सृजन के गीत सुन लेने दो जरा, 
मुझे जीवन के राग गुन लेने दो जरा "सृजन "

Dharmendra singh

सृजन

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सृजन ही सृष्टि का सौंदर्य है।

©Dharmendra singh सृजन
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