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JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
मोहब्बत के शौंक इंहा कोन ल रिहिस.. तैं पास आते गेस अउ मोहब्बत होगे....।। #मोहब्बत के #शौंक #इंहा कोन ल #रिहिस.. तैं #पास आते गेस अउ मोहब्बत होगे.... #jainesh_kumar #love #poetry
Vishal rajput
काला नमक 200ग्राम/अपने हिसाब से सेदा नामक 200ग्राम/अपने हिसाब से हींग हीरा 1 तोला जीरा 50ग्राम सोठ 100ग्राम नोसादर 200ग्राम समुद्री झाग 500ग्राम हर छोटी 200ग्राम बड़ी हर 200ग्राम आमला 250ग्राम पीपल 4 लोग 50 बालम खीरा 300/400/500ग्राम अपने हिसाब से तुलसी के सुके 20 पत्ते गैस पेट दर्द सिर दर्द बुखार पेट गड़बड़ी इत्यादि आंतरिक रोगों के लिए आयुर्वेदिक इलाज नोट :- विशाल राजपूत 👍🏻 ये सब 1साल से 2साल तक लिए सामग्री है ©Vishal rajput घर का सबसे अच्छा और और सरल उपाय पाए सभी रोगों के लिए #Health गेस पेट दर्द सर दर्द , जुखाम खासी पेट के सभी रोगों के लिए इत्यादि #Nojoto
Ashwin Gohotre
बचपन की बात ही कुछ और थी उसकी एक झलक पाने के लिए उसके पीछे पीछे जाना उसकी और ध्यान बनाए रखने के लिए उसकी बाजू वाली डेस्क के लिए झगड़ना उसे छूने के लिए जन्मदिन का महीनों महीनों से ईतजार करना बस एक झलक देखने के लिए उल्टे सीधे बहाने बना के उसके पीछे जाना हर रोज उसकी गलियों से गुजरना, रुकने के लिए सायकल की चैन गीराने का बहाना बनाना हर रोज की उसकी छवि को दिल में संभाल के रखना, उसके कपड़े पहने का पैटर्न याद करना और हर रोज घर से निकलने से पहले उसकी ड्रेस का कलर गेस करना, हो सके तो वहीं कलर का ड्रेस पहन के जाना _Jerry 😎 बचपन की बात ही कुछ और थी उसकी एक झलक पाने के लिए उसके पीछे पीछे जाना उसकी और ध्यान बनाए रखने के लिए उसकी बाजू वाली डेस्क के लिए झगड़ना उसे
Jaishree Bedi Nanda
आजकल छोटी छोटी चीजें रखकर भूल जाती हूँ...कभी गेस पर दूध रख कर भुल जाती हूँ... कभी सब्ज़ी रख कर... अभी शायद यह "भूल जाना" बहुत कैज्युलि लगता है...पर क्या पता अपने 60 की उम्र में यह अल्जाइमर बन कर उभर जाए?मेरी मम्मी को था अल्जाइमर...सब भुल गयी थी मम्मी... धीरे धीरे अगर मैं भी सबकुछ भूलने लगी तो? पर सच कहूं तो लगता है कि, यह एकमात्र बीमारी है जिसमें रोगी को कोई कष्ट नहीं होता होगा.. उनके घरवालों की प्रॉब्लम छोड़ दें तो अलग बात है... कितना अच्छा हो कि इंसान सब भूल जाए... सारी तकलीफ़....खुद को दुःख पहुंचाने के कारण... कुछ लोग..खुद से हुई गलतियां और ऐसे सपने जो कभी पूरे न होने की टीस देते रहतें हो... तब तो उम्र का वो दौर सिर्फ हँसी खुशी में बीतेगा ..है ना...सोच कर ही हँसी आ गई... आजकल छोटी छोटी चीजें रखकर भूल जाती हूँ...कभी गेस पर दूध रख कर भुल जाती हूँ... कभी सब्ज़ी रख कर... अभी शायद यह "भूल जाना" बहुत कैज्युलि लगता ह
कलमकार
हाँ क्या लिखूँ?? (अनुशीर्षक में पढ़िए) --ध्रुवार्थी तन्मय #lockdown3 हां क्या लिखूँ? क्या लिखूँ?? कहने को कुछ है, मगर सबकुछ नहीं। सहने को सहजता है , मगर शक्ति नहीं। आसमां में गर्जना है, छलकती बारि
thvachl ;
हा , मैं लडूंगी.......................,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, लडूंगी , लडूंगी , लडूंगी मैं खुद के वजूद को दुनिया से लडूंगी मैं_____________, कुछ भी बोलने से पहले सौ बार है सोचना , कुछ भी करने से पहले
Sunil itawadiya
*अभी जिंदा रहने की उपयोगी सावधानियां* 🙏 👆अपने पूरे परिवार *को *बचाना हो तो इस उपयोगी (होमवर्क) सावधानियों को जरूर अमल करे* 🙏 अगर हम इ
lalitha sai
मेरी मन की खिड़कियां.... (एक छोटी सी कहानी ) एक दिन दोपहर के समय पर काम पूरा ख़त्म करके बस ऐसे ही खिड़की के पास बैठ गई थी.. बस अचानक से जितनी धूप थी, उतने में ही काले बदल छाए हुए दिख गए ब