Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पकौड़ी की मीनिंग Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पकौड़ी की मीनिंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पकौड़ी की मीनिंग.

    PopularLatestVideo

Sanjit.Rajbhar

प्याज टमाटर की मीनिंग #कॉमेडी

read more
mute video

kuldeep singh

पकौड़ी से बने बप्पा #ज़िन्दगी

read more
mute video

Nova Changmai

दर  क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है,  
और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। 
जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening

Akn Sayri

पकौड़ी बस बैठे बैठे खइस ये पिया #म्यूज़िक

read more
mute video

Anshula Thakur

mute video

कवि प्रदीप वैरागी

#जलपान छोले भटूरे /कचौड़ी या चाय पकौड़ी Satyaprem VARSHA KUSHWAH Divya Joshi Kalyani Shukla Kamal Joshi #DearZindagi

read more
#DearZindagi  एक सामूहिक सर्वेक्षण 
_________________
आपको सुबह नाश्ते में और दोपहर के 
खाने में क्या पसंद है? #जलपान छोले भटूरे /कचौड़ी 
या चाय पकौड़ी  Satyaprem VARSHA KUSHWAH Divya Joshi Kalyani Shukla Kamal Joshi

गौरव दीक्षित(लव)

*कड़कड़ाती ठण्ड के दृष्टिगत सम सामयिक रचना* वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो चाय का मजा रहे, प्लेट पकौड़ी से सजा रहे #कविता

read more
*कड़कड़ाती ठण्ड के दृष्टिगत सम सामयिक रचना* 
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
चाय का मजा रहे, प्लेट पकौड़ी से सजा रहे
मुंह कभी रुके नहीं, रजाई कभी उठे नहीं
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
मां की लताड़ हो या बाप की दहाड़ हो
तुम निडर डटो वहीं, रजाई से उठो नहीं
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
मुंह भले गरजते रहे, डंडे भी बरसते रहे
दीदी भी भड़क उठे, चप्पल भी खड़क उठे
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
प्रात हो कि रात हो, संग कोई न साथ हो
रजाई में घुसे रहो,  तुम वही डटे रहो
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
एक रजाई लिए हुए एक प्रण किए हुए
अपने आराम के लिए, सिर्फ आराम के लिए
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
कमरा ठंड से भरा, कान गालीयों से भरे
यत्न कर निकाल लो,ये समय तुम निकाल लो
ठंड है यह ठंड है, यह बड़ी प्रचंड है
हवा भी चला रही, धूप को डरा रही
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो।।
रजाई धारी सिंह दिनकर😂😂😂😂
G@ur@v ✍️😁😜😂 *कड़कड़ाती ठण्ड के दृष्टिगत सम सामयिक रचना* 
वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो
चाय का मजा रहे, प्लेट पकौड़ी से सजा रहे

prashant Singh rajput

Call Drop मीनिंग इन हिंदी क्या है कॉल ड्रॉप जानिये हिंदी मे ? पूरा पढ़े नीचे दिए गए लिंक पर तुरंत क्लीक करें 👇👇👇👇👇👇👇 https://techadvicesps0

read more
 Call Drop मीनिंग इन हिंदी क्या है कॉल ड्रॉप जानिये हिंदी मे ? पूरा पढ़े नीचे दिए गए लिंक पर तुरंत क्लीक करें 👇👇👇👇👇👇👇

https://techadvicesps0

Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

read more
उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

read more
बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile