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Naresh Chandra
Nojoto मुगलों की धोखे बाजी और इतिहास कारो द्वारा हिन्दुत्व पर हमला कृपया अनुशीर्षक मे जरूर पढ़े 🙏धन्यवाद🙏 ©Naresh Chandra 😢हिन्दू गद्दारों की वजह से हिंदुस्तान में हिन्दूओं पर संकट😢 *रक्षाबंधन के नाम पर सेक्युलर घोटाला-* बचपन में हमें अपने पाठयक्रम में पढ़ाया जात
Asif Hindustani Official
हिन्दू-मुस्लिम के झगड़े तो सैतालिस के बाद हुए, उससे पहले 'कर्णावती' के भाई 'हुमायूँ' होते थे। ©Asif Hindustani Official हिन्दू-मुस्लिम के झगड़े तो सैतालिस के बाद हुए, उससे पहले 'कर्णावती' के भाई 'हुमायूँ' होते थे। #shabd #AsifHindustani #nojoto #hindumuslim #
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते, रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं ने राखी की अजमत को निभाहा भी..... मेरी जानिब से आप सभी को रक्षाबंधन की तहेदिल से मुबारकबादियां 💐 ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #rakshabandhan याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं
PARBHASH KMUAR
रक्षाबंधन के पर्व पर बहने अपने भाई की कलाई को रेशम की डोर से सजाती हैं और मन ही मन, उनके सुख और कल्याण की कामना करती हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है और इससे जुड़ी काफ़ी कहानियां, आज भी चर्चा का विषय हैं। आज हम रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाओं को विस्तारपूर्वक जानेंगे- 1. पहली कहनी श्री कृष्ण और द्रौपदी जी से संबंधित है- रक्षाबंधन के विषय में महाभारत की एक बहुत रोचक कहानी मिलती है, जो द्वाराधीश भगवान श्री कृष्ण और पांडवो की धर्म पत्नी द्रौपदी के विषय में है। धर्मग्रंथों में यह निहित है, कि श्री कृष्ण पांडवों के गुरु समान थे। एक बार, युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के बाद, बड़े-बड़े राजा-महाराजाओं से भरे दरबार में श्रीकृष्ण की बुआ के बेटे, शिशुपाल ने उनका और भीष्म सहित अन्य कई लोगों का अपमान करना शुरू कर दिया। जब शिशुपाल को लाख बार समझाने के बाद भी वह नहीं रुका, तब श्री कृष्ण ने उसे अपने सुदर्शन चक्र द्वारा मार दिया। ऐसा करने से उनकी उँगलियों में भी चोट आई और रक्तस्राव होने लगा। जब द्रौपदी ने यह देखा, तो उन्होंने तुरंत ही अपनी साड़ी के एक हिस्से को फाड़कर, उसे श्री कृष्ण की चोट पर बांध दिया। कहा जाता है, कि उनकी करुणा से भावविभोर होकर, श्री कृष्ण ने उनको अपनी बहन का दर्जा दिया और कहा, “यह तुम्हारा मुझ पर ऋण है। तुम जब भी मुझे पुकारोगी, मैं तुम्हारी रक्षा हेतु अवश्य आऊंगा।” 2. चलिए अब रक्षाबंधन से जुड़ी हुमांयू और रानी कर्णावती की कहानी को जानते हैं- हुमांयू और रानी कर्णावती की यह रक्षाबंधन से जुड़ी एक सच्ची कहानी है, जो भारतीय इतिहास में दर्ज है। यह उस वक़्त की बात है, जब दिल्ली पर मुगलों का शासन था। उस वक़्त, राजस्थान के चित्तौड़ में राणा सांगा की विधवा, रानी कर्णावती अपना राज्य संभाल रही थीं, क्योंकि उनके पुत्र उस वक़्त आयु में काफ़ी छोटे थे। ऐसे में मौका पाकर गुजरात के शासक, बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर ©parbhashrajbcnegmailcomm रक्षाबंधन के पर्व पर बहने अपने भाई की कलाई को रेशम की डोर से सजाती हैं और मन ही मन, उनके सुख और कल्याण की कामना करती हैं। हिन्दू धर्म में इस
Anita Saini
(READ IN CAPTION) सिर्फ़ बेटी बचाओ एक नारा नहीं ध्येय हमारा है..! बने वो कल्पना ,सुनिता, ईन्द्रा या चन्दा... पर हर रूप में अक़्स हमारा है. !! जो भी बने जो करे
kaushik
पाटण की रानी रूदाबाई Caption में पढ़ें गुजरात से कर्णावती के राजा थे, राणा वीर सिंह वाघेला (सोलंकी), इस राज्य ने कई तुर्क हमले झेले थे पर कामयाबी किसी को नहीं मिली, सुल्तान बेघारा
R.S. Meena
रक्षा-बँधन अनमोल रिश्ता है भाई-बहिन का, खुबियाँ है इसमें अपार। नाम रक्षा बँधन इसका, रक्षा के वचनों से बँध जाएँ संसार।। हर मज़हब में भाई-बहिन का रिश्ता मिलता न्यारा, बहिन की रक्षा को तत्पर, सिंहासन हिलता सारा। कर्मावती की रक्षा को हुमायूँ ने की थी सेना तैयार। अनमोल रिश्ता है भाई-बहिन का, खुबियाँ है इसमें अपार। नाम रक्षा बँधन इसका, रक्षा के वचनों से बँध जाएँ संसार।। बात लबों पर आई है जो, आज वहीं दोहराऊँ, भार्या को छोड़, सबको माँ, बहिन और बेटी बुलाऊँ। सुसंस्कृत जीवन से ही मिट पाएँ, व्यसन भरा व्यवहार। अनमोल रिश्ता है भाई-बहिन का, खुबियाँ है इसमें अपार। नाम रक्षा बँधन इसका, रक्षा के वचनों से बँध जाएँ संसार।। मोह-माया से भरे जगत में बहिनों, रखना कदम संभाल, कदम-कदम पर अाग लगी है बहिनों, चलना परत उछाल। मात-पिता के समक्ष ना होने पाएँ कभी कोई तकरार। अनमोल रिश्ता है भाई-बहिन का, खुबियाँ है इसमें अपार। नाम रक्षा बँधन इसका, रक्षा के वचनों से बँध जाएँ संसार।। भाई-बहिन का पवित्र रिश्ता, बँधा है कोमल धागे से, बना रहे सबका पावन रिश्ता, बाधा खड़ी ना हो आगे से। भावों से भरा हुआ है, ये रिश्ता, धन से खड़ी करो ना दीवार। अनमोल रिश्ता है भाई-बहिन का, खुबियाँ है इसमें अपार। नाम रक्षा बँधन इसका, रक्षा के वचनों से बँध जाएँ संसार।। #rsmalwar सभी बहिनों को रक्षा-बँधन की अग्रिम शुभकामनाएँ🙏🙏 रक्षा-बँधन अनमोल रिश्ता है भाई-बहिन का, खुबियाँ है इसमें अपार। नाम रक्षा बँधन इ