Find the Latest Status about जोर का ब्लेड from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जोर का ब्लेड.
Darlo the king 🦁🐯
शब्दों का जोर था हम समझ नहीं पा रहे थे मन में तो तेरे पहले से ही कोई और था । शब्दों का जोर था हम समझ नहीं पा रहे थे मन में तो तेरे पहले से ही कोई और था । बेवजह नहीं थी बो बाते मेरी ये भी तुम्हे समझ आजाना था में पागल ही सही पर तेरा दीवाना था। हां थी मुझे भी बहुत सी बुराइयां या कमिया भी पर तूने कभी बताया नहीं और तूने ना कहा सच्च अपना कभी हमसे और हमने अपना कोई चेहरा तुमसे कभी छिपाया नहीं । जरा सोचना बैठ के अकेले में क्या कमी रही होगी मेरे प्यार में को आज खड़ा हूं अकेला इस दुनिया के मेले में। तन्हा ही सही पर गुमान है मुझे मेरी खुदारी पे ओर तूने लाख छिपाए चहरे अपने पर आज तरस आता है तेरी सूरत बेचारी पे। तूने समझ के बेचारा मुझे मुझपे भी कई एहसान किए होंगे पर याद तुम्हे भी होगा तेरे एक एक जवाब के इंतजार में मैने भी दर्द सीने में समेले होंगे। मुझे नहीं मालूम आज तू पहले ख़ुश थी या आज है पर अब कोई नहीं होगा दुबारा तेरे जैसा ये मेरा खुदसे खुदका आगाज है। .........✍️ साधु बाबा शब्दों का जोर
R Raj Kumar
ये उनकी बेवफाई है जब उनके साथ उन्ही के सलीके का इस्तेमाल होने लगा तो खफा होकर चल दिये समीके का जोर
Ayush kumar gautam
उसने ब्रेड पर मक्खन की जगह जहर लगाकर दिया हमसे वफा की आजमाइश हो रही है बस यही सोंचकर हमने सब जानते भी हुए चुपचाप खा लिया आयुष कुमार गौतम उसने ब्रेड पर मक्खन की जगह जहर......
Aabha Sharma
"बारिश ने मिलाए दो दिल" वो दिन तो याद होगा बारिश का मौसम था काले घने बादल थे और बिजली कड़कने का चारों ओर शोर था, बारिश की बूँदें गिर रही थी तुम्हारे काले सूट पर और तुम्हारे उड़ रहे बाल हवा के जोर पर, हवाओं का जोर था,घटाओ का जोर था,और बिजली कड़कने का चारों ओर शोर था मुझसे देखा नहीं गया तुम्हे भिगता हुआ मैं चल पड़ा तुम्हारी ओर था, मैं अकेला खड़ा था तुम भी अकेली खड़ी,फिर भी हम दोनों के सर पर छतरी मैंने ले ली थी दो से दो आँखे हमारी चार हुई वहाँ पंख खोलकर खड़ा एक मोर था हवाओं का जोर था घटाओ का जोर था वह खड़ी थी बारिश में और उसके चेहरे पर बारिश की बूँदें थी उसके होठों से बारिश की बूंदों का रस टपक रहा था,चेहरे पर ज़ुल्फे गिरी हुई थी।। ।।बारिश ने मिलाए दो दिल।। हम मिले-तुम मिले हमारे दिलों का हुआ जोड़ था हवाओं का जोर था, घटाओ का जोर था और बिजली कड़कने का चारों ओर शोर था।।
Aabha Sharma
"बारिश ने मिलाए दो दिल" वो दिन तो याद होगा बारिश का मौसम था काले घने बादल थे और बिजली कड़कने का चारों ओर शोर था, बारिश की बूँदें गिर रही थी तुम्हारे काले सूट पर और तुम्हारे उड़ रहे बाल हवा के जोर पर, हवाओं का जोर था,घटाओ का जोर था,और बिजली कड़कने का चारों ओर शोर था मुझसे देखा नहीं गया तुम्हे भिगता हुआ मैं चल पड़ा तुम्हारी ओर था, मैं अकेला खड़ा था तुम भी अकेली खड़ी,फिर भी हम दोनों के सर पर छतरी मैंने ले ली थी दो से दो आँखे हमारी चार हुई वहाँ पंख खोलकर खड़ा एक मोर था हवाओं का जोर था घटाओ का जोर था वह खड़ी थी बारिश में और उसके चेहरे पर बारिश की बूँदें थी उसके होठों से बारिश की बूंदों का रस टपक रहा था,चेहरे पर ज़ुल्फे गिरी हुई थी।। ।।बारिश ने मिलाए दो दिल।। हम मिले-तुम मिले हमारे दिलों का हुआ जोड़ था हवाओं का जोर था, घटाओ का जोर था और बिजली कड़कने का चारों ओर शोर था।।
Siddhant
कुछ तुम बदले, कुछ बदली तुम्हारी बातें। कुछ ना बदला तो सिर्फ ये है, कि ना बदली तुम्हारी यादें। वक़्त का जोर है। बदलेगा जरूर।