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Chandra Mohan Mishra
शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक मुक्तक आप सभी के समीक्षार्थ माँ कमला भंडार भरें इस पूनो को। हमपे वो उपकार करें इस पूनो को। इक चाहत है अमन चैन की बात बने। नमन मेरा स्वीकार करें इस पूनो को। पंकज अंगार ललितपुर shivam kumar mishra #suman# OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की)
Chandra Mohan Mishra
#Pehlealfaaz एक प्रयास आप सभी के समीक्षार्थ *माँ कमला भंडार भरें इस पूनो को।* माँ कमला भंडार भरें इस पूनो को। हमपे वो उपकार करें इस पूनो को। जिनसे है इस जग की ये लीला सारी। वंदन मम स्वीकार करें इस पूनो को *हमपे वो उपकार करें इस पूनो को।* नहीं सुरक्षित कन्याएं हैं इस जग में। लज्जित होती अबलाएं हैं इस जग में। दुष्कर्मी और पापी के अपराध मिटाने माता फिर हुँकार भरें इस पूनो को। *हमपे वो उपकार करें इस पूनो को।* कुछ बालक तो अब भी प्रेम के भूखे हैं। हरी धरा के अब तो तरुवर सारे सूखे हैं। भूख,दरिद्रता, शोषण औ लाचारीपन। इन सबका उपचार करें इस पूनो को। *हमपे अब उपकार करें इस पूनो को।* *माँ कमला भंडार भरें इस पूनो को।* *हमपे वो उपकार करें इस पूनो को।* चन्द्र मोहन मिश्र "चंदन" @सर्वाधिकार सुरक्षित 9452460678 पंकज अंगार ललितपुर #suman# OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) tr.soumya chaudhary (madhubala) Gumnaam shayara
चिरावटिया
चिरावटिया
आपके समझ नहीं आऊंगा थोड़ा अजीब सा किरदार हूं मैं नफरत करो या मोहब्बत परवाह नहीं दोनों का हकदार हूं मैं ©चिरावटिया #WoSadak #चिरावटिया #chirawatiya Anshu writer माधुरी"मुस्कान"शर्मा Deepti gautam Pawan Paagal पंकज अंगार ललितपुर
चिरावटिया
DBN Agency
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि