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Satish Mapatpuri
गुल गुलाब सा दिवस में, ताजमहल तू रैन देख विधाता का सृजन, कुदरत भी बेचैन ...... सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri विधाता का सृजन
Parasram Arora
हमने अपनी शक्ल मे परमात्मा को गढ़ लिया है और उसे पथ्हर मे तराश कर मंदिर मे बैठा दिया है ताकि इस भांति हम अपनी ही पूजा करते रहे और अपनी इस आभासी आस्था को भुनाते रहे ताकि जगत मे धार्मिक दिखने की छाप अपनी छोड़ सके सृजन परमात्मा का
Yadav Raj
अगर आपके काम का साख( क्रेडिट) किसी और को मिल रहा है, तो घबराइए मत क्योंकि इतिहास गवाह है - सदियों से घी और बाती जलते आ रहे हैं परंतु लोग कहते हैं कि दीया जल रहा है। Give me super thanks please follow me ©Yadav Raj #moonnight#काम का साख #यादवराज
veeresh bhati
अब दिल और दिमाग की सिर्फ एक ही चाहत है ये जीवन देश के काम आए जय हिंद #नए जीवन का सृजन
Abhilasha Dixit
धरती पाताल गगन में तू प्रकृति तत्व से खेला इसलिए तो अब आई है यह महाविनाश की लीला किस युग का सृजन करेगा अपने समाज को खोकर जो बचेंगे आहत होंगे अपनों के गम में रो कर ©Abhilasha Dixit किसयुग का सृजन करेगा?
रमेश प्रेमी
सुन्दर तो है, पर खुला आसमान है तन्हाई में जैसे ज़िंदगी, वीरान है !! अकेला कब तक रह सकता इंसान है ! इसीलिए वह एक से दो होने को परेशान है !! गर यह भाव न होता तो श्रष्टि न होती ! परमात्मा की इस ओर दृष्टि न होती !! श्रष्टि सृजन का राज.....
Himanshu Pandey Harsh
सब गुण धन के साधन हैं, तुम गुणी बनो, पढ़ो नहीं, मगर सीखो, कीमती बनो, सीखो जो कुछ जीवन में, अनुसरण करो, मुक्त करो अपने मन को, चिर सुखी बनो। अभ्यास बिना कोई ज्ञान कभी सधता नहीं, ज्ञान शक्ति है, समझो, साधो, बली बनो। विद्या धन कोई चोर चुरा सकता नहीं, इस धन का संग्रह करो और धनी बनो। यह धन बांटे से कभी घटता नहीं, बांटो, इतने कृपण कभी तुम नहीं बनो। ज्ञान, सृजन सब सद्गुण हैं उस सृष्टा के, सृजन करो या कम से कम तुम कवि बनो। कवि - हिमांशु पांडेय "हर्ष" 30/09/2020 ©Himanshu Pandey Harsh सृजन का आनंद #faraway
hema Sinha
जा रहा है कुछ मीठी यादें लेकर ये साल आयेगा नव वर्ष कुछ नवीन स्वप्न सजाकर भर देगा दिलों में उमंगें हज़ार। ©hema Sinha नवीन स्वप्न का सृजन
'दीपक' अवस्थी
साख से बिछड़ते, पत्तो को नही पता होता दुबारा मिलना उनका हो नही पाता। फिर भी हवा के चलने पर फड़फड़ाते रहते हैं। #साख