Find the Latest Status about पहर के पर्यायवाची शब्द from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पहर के पर्यायवाची शब्द.
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Prakash Aditya
साँझ सांझ के पहर लगे कितने सुहावने, बना दे हर कोई को अपना दिवाना, चिड़िया घोसले की ओर कतार लगाकर उड़ान लगी बढ़ाने ,रूठी हुई पत्नी को कर्तव्यनिष्ठ पति जाकर मनाना।। #saanjh ##सांझ के पहर
manoj kumar jha"Manu"
धरती का दुःख क्यों, समझते नहीं तुम। धरा न रही अगर, तो रहोगे नहीं तुम।। सुधा दे रही है वसुधा हमें तो, भू को न बचाया, तो बचोगे नहीं तुम।। "भूमि हमारी माता, हम पृथिवी के पुत्र"* वेदवाणी कह रही, क्या कहोगे नहीं तुम।। (स्वरचित) * माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: (अथर्ववेद १२/१/१२) धरती का दुःख हम नहीं समझेंगे तो कौन समझेगा। इसमें धरती के पर्यायवाची शब्द भी हैं।
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चाँद जब से उगने लगे,दिल के मरीज बढ़ने लगे है सितारों से गगन सजने लगे है चाँदनी के सौंदर्य में चेहरों पर नूर खिलने लगे है रात्रि के आगोश में परवाने मिलने लगे है ओठो पर ठहर गयी सब हसरते दिल की धड़कनों में प्यार की लहरे मचलने लगी है ना उधर से कोई शब्द ना ईधर बात रात्रि के पहर निशब्द हो चले है खामोशी में भी एक दूसरे के जज्बात समझने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" रात्रि के पहर निशब्द हो चले है
Mahima Jain
•| पर्यायवाची कविता |• ' गर्व ' जिसको करना था, ' घमंड ' था उसने कर लिया। ' मान ' सम्मान सब मिट गया, ' अहंकार ' भी चकनाचूर हुआ।। मेरी पहली पर्यायवाची कविता। ❤️ शब्द - अहंकार पर्यायवाची - गर्व, घमंड, मान ____________________________________________ Challange done for -