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roshan
आना है तॊ आ जाना है तो जा.... घुटने पे बैठके तुम्हे मनाना मुझे शोभा देगा क्या? पानी का नही नाम साब्जी को नही दाम बता गोल्डन नेकलेस तुम्हे दिलाऊ कैसे? कुवा सुख गया है नदी नाला रुख गया है बता तेरे प्यार मे शलांग लगाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा.... बेजान सहै पत्थर पर बिना कुछ चडाये बता मान्नत मे तुझे उसीसे मांगु कैसे? भावनिक मै बहोत हू दिल मे तुम्हेहीं रखता हू पानी बचाते बचाते बता आसू अंखोसे बहाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा..... ....रोशन देसाई.... 12/02/20 इन हिंदी
Amarjeet Kumar
बायोग्राफी आँफ 420 लोग 420 लोग एक इंसान हैं क्या, वह इंसान नहीं एक शैतान हैं ? इंसान के रूप में इंसान नहीं हैं, वह शेर के खाल मे भेड़िया हैं। न आगे खुद बढ़ता हैं, नहीं किसी को आगे बढ़ने देता हैं। अगर हौसला जो रखें कुछ करने का, उसका भी काम बिगाड़ देता हैं। अगर मैं नहीं बढ़ सका आगे, तो किसी और को भी नहीं बढ़ने दुँगा आगे। इंसान के रुप में भेङिया हूँ, यही मेरी पहचान हैं। By Amarjeet Kumar बायोग्राफी आँफ 420 लोग
Ranu Gupta
#OpenPoetry एक बार वक़्त से लम्हा गिरा कहीं वहां दास्तां रह गई लम्हा कहीं नहीं थोड़ा सा हंसा के थोड़ा सा रुला के पल ये भी जाने वाला है #गीता दत्त
मनुस्मृति त्रिपाठी
खुशबु का यूँ फ़िज़ाओं में बिखरना... खुशबू का यूँ खज़ा में बिखरना कुछ तो कह रहा है नर्गिस ये नूर की खुशबू है तुझे तो पता है न नर्गिस लगता है बरसात में तेरा भंवरा भींग गया है नर्गिस तभी तो वापस अपने घर को वो चला है नर्गिस फ़िज़ाओं से कह दो कि अब जायें यहाँ से क्योंकि अब धीरे-धीरे बे-नूर से नूर हो रही है नर्गिस ये तुम्हारी आंखो का काजल बता रहा है नर्गिस तुम आज बड़ी खुश दिख रही हो नर्गिस नर्गिस बेनूरी खज़ा है नर्गिस
Hindi Spider
बिल गेट्स का बायोग्राफी पढें हिंद में ©Hindi Spider पढें दुनिया के अमीर आदमी बिल गेट्स का बायोग्राफी हिंदी में Sameer Nishad Neeraj ♛
मनुस्मृति त्रिपाठी
कब तक बहता रहेगा मेरा लहू नर्गिस उस अंधे देवता से क्या कहूँ नर्गिस ये सोच कर तो न आयी थी तेरी इस जमीं पे नर्गिस अब तू ही बता कहाँ रहे तेरी नर्गिस दूर से देखती थी इस जमीं को जब लगी थी मुझको ये हरी-भरी नर्गिस आसमां से चली थी मैं बन के इक परी नर्गिस आ देख ले खुदा कहां पर पड़ी है तेरी नर्गिस माँ का आँचल पिता का प्यार पाने को तरस रही जाने किस जमाने से नर्गिस मिला था जब से इक फरिश्ता तेरा मुझको तब से खुद को ही खो बैठी है तेरी नर्गिस नर्गिस के फूल पर वो नूर बन के जो पड़ा तो खिलखिला उठी ये नर्गिस देख ले तु भी खुदा हाल-ए-मोहब्बत नूर का हो गयी बे-नूर-ए-मोहब्बत तेरी प्यारी नर्गिस नर्गिस बेनूरी खज़ा तेरी नर्गिस
Vishal Charan
Sabra kar mere bhai udenge lekin Waqt per ©Vishal Charan शायरी इन हिंदी ,#shyari