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    PopularLatestVideo

vishwas Chandra bhatt

#कविता #सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा पर व्यंग्य #nojotovideo

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Anita Najrubhai

#snow # सड़कों पर #ज़िन्दगी

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छोटे-छोटे बच्चों को महेनत करते देखा है
हाथ में नोट बुक और पेन से लिखते हुए नहीं
पर उसी पेन को सड़कों पर बेचते हुए देखा है

©Anita Najrubhai #snow # सड़कों पर

Praveen Jain "पल्लव"

महामारी की दुर्दशा पर कोरे आश्वासन है #SavingTime

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पल्लव की डायरी
खड़े हो गये वे  हठ कौरवो जैसी करते है
सत्ता की बदौलत उपहास जनता का करते है
विपरीत धारा में चलकर समय को चुनौती है
अभिमन्यु जैसी जनता को चक्रव्यूह में फँसाकर
सौ सौ तरह की मौते देते है
द्रौपदी के चीरहरण पर ठहाके देते है
जुआ समझ राष्ट धरोहर दाँव पर लगा देते है
 त्राही त्राही करे प्रजा को
महँगाई की भेंट चढ़ा देते है
महामारी की दुर्दशा पर कोरे आश्वासन है
श्मशान की अंतिम यात्रा का हक भी
अब छीन बैठे है
                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" महामारी की दुर्दशा पर कोरे आश्वासन है

#SavingTime

Geeta Sharma

### सड़कों की बदहाली ।

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Lalit Tiwari

चमन की दुर्दशा

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फूल फूलते आज चमन मैं,

                 जिसको सींचा कुर्बानी नेॽ

लहू दिया था किसने इसको ॽ
             
                     किसने दिया हवा और पानीॽ

     किसने छाया बन सहलाया ॽ

                   किसने कांटों से तड़पाया ॽ

किसने छांटा इसके कद को ॽ

                  किसने बांटा आज इसी को ॽ

मज़हब की गाली देकर के,

                  आज खड़ा रोता इसका तन,

अपने कटते भागों पर,

                        अरे मत काटो,अरे मत बांटो,

मेरे लाल बिछुड़ जाएंगे,

                      लहू गिराकर हमें संवारा,

हम क्या उन्हें भूल पाएंगे ॽ

                 गहरी थकन लड़ाई से 

जो सोए हैं चिर निद्रा में,

                  जागते होते आज वही जो,

तो क्या। मेरा हाल ये होता,

                     न ही पाक अलग हो पाता,

न तिब्बत का हाल ये होता,

                       काबुल भी सीमान्तर होता ,

चीन भी अपनी हद में रहता,

           लेकिन ओछी राजनीति ने,

  बंटवारे का बीज उगाया,

ईर्ष्या और और द्वेष में भरकर,

भाई भाई का लहू बहाया,

बंटवारे का दंश अभी तक,

निकला नहीं शियाओं से,

अलगाववाद, आतंकवाद

और नफरत मिली दुआओं से,

जो नफरत के व्यवसायी थे

वो देश के पहरेदार बने,

नारदान में बहने वाले

कंगूरे की ईंट बने,

राष्ट्र नमन करता है उसको

जो एक सूत्र में बांध सके

पिता वही होता है काबिल

जो आचरणों में ढाल सके। ।

वन्दे मातरम् चमन की दुर्दशा

Devnarayan Meena

पहाड़ों की दुर्दशा #न्यूज़

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Avinash atal

भारती की दुर्दशा

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हम रहें ना रहें


रहे वतन ये मेरा 

ऐ वतन तेरी बुलंदियों पर

मिट जाए तन ये मेरा 

इन जात-पात के झगड़ों ने 

किया बेड़ा गर्क तेरा

इन धर्म के दंगों ने 
।
किया धूमिल आंचल तेरा 


तेरी सुनहली धरती पे 

अब आग उपज रही है 

नेताओं के करतूतों से 


अग्नि बरस रही है 

देख के  तेरी दुर्दशा 

दुःखी है मन ये मेरा

तेरी बुलंदियों पे 
मिट जाए तन ये मेरा 
फिर से जनों माँ भारती 
क़ोई किशन कन्हैया
जो रख ले लाज़ तेरी 
मेरी सुनो ओ मैया
हो रहा है चीर हरण 
तेरी द्रौपदी का 
बने हैं मुक् दर्शक 
मेंरे देश के ये नेता
सत्ता के मद् मे उनकी 
मती गई है मारी 
कर दे उद्धार उनकी 
मेरी सुनो ओ मैया 
तेरी बुलंदियों पे 
मिट जाए तन ये मेरा!

तेरी बुलंदियों पेमि भारती की दुर्दशा

Saurabh Baurai

दुर्दशा इस जग की । #कविता

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ढल रही है यह धरा
घनघोर तम की छाव से।
ओझल सि लिपटी कोई बेड़ी
जकड़े मनुज को पाव से।।

सत्य अब जख्मी सा होकर
कैद होने है लगा।
चंद सिक्कों की लालसा में
डकैत अब होने लगा।।

मच रहा है शोर हर क्षण 
झूठ की हर जीत का।
उल्लास में है हर प्राणी
इस अनोखी रीत का।।

गिर रहा है श्वेत पंछी 
धूर्त रण की बाह से।
बह रही है रुधिर तटिनी
असुर युग के प्रभाव से।।

हो रहा नरसंहार हरदिन
मौनता और धीर से ।
अंजान होकर जन है सोया
विवश बंध जंजीर से ।। दुर्दशा इस जग की ।

DR. LAVKESH GANDHI

sadak # # सीधी सपाट सड़कों पर#

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सड़क

 सीधी सपाट सड़कों पर
 चलती टेढ़ी-मेढ़ी जिंदगियांँ
 सफर कब आसान होता है
 अपनी जिंदगी का आजकल
 बधाएंँ आती ही रहती हैं मार्ग में
 मगर एक पथिक रुकता ही है कब

©DR. LAVKESH GANDHI #sadak #
# सीधी सपाट सड़कों पर#

Anuj Ray

'तनहाई की सड़क पर'

और कितनी रात तन्हा, 
ये सफ़र ज़ारी रहेगा।
डूबा हुआ मायूसियों में,
 तन्हाई की सड़क पर।

ख़्वाब उम्मीदें लगाए हैं खड़े,
एक दिन पिघ लेंगे पत्थर फूल 
बनकर, जब प्रेम की शबनम 
पड़ेगी ,इस अभागे हृदय पर



#तन्हाईकीसड़क #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi with anujkumar heyay kshatriy 
 
Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/anuj-ray-qana/quotes/aur-kitnii-raat-tnhaa-ye-sphr-jaarii-rhegaa-dduubaa-huaa-men-cpb5rh

©Anuj Ray #तनहाई की सड़क पर
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