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yashwant Chauhan
मुंतज़िर हूं ! सब्र का इंतेहा जानता हूं मत पूछ बेबसी मेरी मैं इश्क़ का जहां जानता हूं by-yashwant chauhan #मुन्तज़िर
roshan
आना है तॊ आ जाना है तो जा.... घुटने पे बैठके तुम्हे मनाना मुझे शोभा देगा क्या? पानी का नही नाम साब्जी को नही दाम बता गोल्डन नेकलेस तुम्हे दिलाऊ कैसे? कुवा सुख गया है नदी नाला रुख गया है बता तेरे प्यार मे शलांग लगाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा.... बेजान सहै पत्थर पर बिना कुछ चडाये बता मान्नत मे तुझे उसीसे मांगु कैसे? भावनिक मै बहोत हू दिल मे तुम्हेहीं रखता हू पानी बचाते बचाते बता आसू अंखोसे बहाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा..... ....रोशन देसाई.... 12/02/20 इन हिंदी
Vishal Charan
Sabra kar mere bhai udenge lekin Waqt per ©Vishal Charan शायरी इन हिंदी ,#shyari
Mo k sh K an
मुन्तज़ीर है वक़त कि क़ासिद कोई आए जीने का नहीं, मौत का, पैगाम तो लाए अक़्स आईना हो कर ये जान गया है किसके सगे हैं धूप में गहरे हुए साए जुगनुओं के कारवाँ होते हैं समंदर कोई हो ऐसा जो अंधेरों में निभाए मुन्तज़िर है वक़त कि क़ासिद कोई आए जीना का नहीं, मौत का, पैगाम तो लाए #mera_aks_paraya_tha #मेरा_अक्स_पराया_था #muntazir #मुन्तज़िर #tassavuf
Prachi Sharma
शूरवीर दोहराते है काठ बने पुतले क्या ही शौर्य बूझ पाते है ©Prachi Sharma #oneliner #हिंदी_कोट्स_शायरी फर्स्ट पोस्ट इन हिंदी इन नोजोटो
Pankaj
Dil Shayari इन दिनों की बातें दिल ही जाने, अंजान बने ओ जाने ना, एक दिल ने कहा तुम जुर्म कर रहे, पर जुर्म कोई ओ माने ना, ©Pankaj हिंदी इन दिलो,की बातें
Bharat
किसी से प्यार का इजहार करना हो या फिर अपने टूटे दिल का दर्द बयां करना हो, हिंदी शायरी की दो लाइन हर मर्ज की दवा है। इसमें दिल के एहसास और जज्बात तो वही रहते हैं बस दो लाइन शायरी से उसे जाहिर करने का अंदाज बदल जाता है। आप अपने मूड के अनुसार इस शायरी को 2 लाइन स्टेटस के रूप में लगाकर अपने प्यार या दर्द को जाहिर कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपके लिए लाए हैं दिल को छू लेने वाली शायरियां, जो आपको जरूर पसंद आएंगी। ©Bharat #chaand सायरी इन हिंदी#सायरी
Abeer Saifi
इक ज़रा सी बात पर हम ख़फ़ा हो गये वो शायद थे मुन्तज़िर बेवफ़ा हो गये बाज़ी-ए-इश्क़ में कहाँ होती है हार-जीत जो इनआ'म थे कभी अब सज़ा हो गये मेरा मर्ज़ भी तुम्हीं हो वो चारागर तुम हो जो दवा होते - होते नशा हो गये वो बातें वफ़ा की उन रातों में करना तुम क्या थे कभी क्या से क्या हो गये मुन्तज़िर - इंतज़ार में , चारागर - डॉक्टर