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Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 🌹 "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वा #समाज

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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      🌹 "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
        हे नाथ नारायण वासुदेवा।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान कृष्ण का जन्म कारावास में हुआ, देवता होने के कारण उनमें प्रबल शक्ति थी,कंस को ये आकाशवाणी के माध्यम से ज्ञात हो चुका था कि देवकी की आठवीं सन्तान उसकी मृत्यु का कारण बनेगी...,
इस कारण अनगिनत नवजात बच्चों की हत्या कंस ने कराई, किन्तु जिसका विनाश निश्चित है उसे नहीं रोका जा सकता-भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्म  रात्रि 12 बजे हुआ और उसी रात उनके पिता वासुदेव ने उन्हें यशोदा के पास पहुंचाया...
श्रीकृष्ण का लालन पालन माता यशोदा ने किया जबकि उनकी जन्मदात्री देवकी थीं, भक्तों के रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने कृष्ण का अवतार लिया...,

  🌹"एक मात्र स्वामी तुम सखा हमारे
        हे नाथ नारायण वासुदेवा।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हिंदू धर्म में लोग मुख्यतः 3 पुरुषों/देवों की भक्ति करते है, जो हैं:-
रजगुण प्रधान भगवान ब्रह्मा, 
सतगुण प्रधान भगवान विष्णु, 
तमगुण प्रधान भगवान शिव...
भगवान श्री कृष्ण को भगवान श्री विष्णु जी का ही आठवां अवतार कहा जाता है...,

🌹"गोविंद जय जय, गोपाल जय जय
 राधा रमण हरी, गोविंद जय जय।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमें सदा से ही बताया जा रहा है कि गीता का ज्ञान देने वाला भगवान श्रीकृष्ण है परंतु वास्तव में गीता का ज्ञान भगवान श्री कृष्ण ने नहीं बल्कि उनके पिता ब्रह्म ने दिया है, इसे ही ज्योतिनिरंजन या क्षर पुरुष भी कहते हैं, अभी तक जिन्होंने गीता का अर्थ निकाला है उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को ही गीता का ज्ञान दाता कहा है परंतु गीता जी में ही गीता ज्ञान दाता ने अपना परिचय दिया और कहा है कि मैं काल ब्रह्म हूं...इसका प्रमाण गीता अध्याय 11 के श्लोक 32 और 47 में है जब कृष्ण ने अपना विराट रूप दिखाया तब अर्जुन ने डर से कांपते हुए पूछा भगवान आप कौन हैं- तब कृष्ण जी ने गीता अध्याय 11 के श्लोक 32 में कहा कि “अर्जुन! मैं बढ़ा हुआ काल हूँ-अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ...”

गीता अध्याय 11 के श्लोक 46 में कहा है कि “हे हजार भुजाओं वाले आप अपने चतुर्भुज रूप में दर्शन दीजिए” इस पर गीता अध्याय 11 के श्लोक 47 में कृष्ण रूप में कालब्रह्म ने कहा कि:“अर्जुन मैंने प्रसन्न होकर तेरी दिव्य दृष्टि खोलकर यह विराट रूप तुझे दिखाया है जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने भी नहीं देखा...,”

अन्य बात यह स्पष्ट होती है कि कृष्ण जी केवल चार भुजाओं के स्वामी हैं, चार भुजाओं के स्वामी ब्रह्मा जी एवं श्री शिवजी भी हैं-वहीं आदि शक्ति आठ भुजाओं की स्वामिनी हैं और उनके पति यानी तीनों देवों के पिता ज्योति निरजंन की एक हजार भुजाएं हैं ,जब ये देव अपने अवतार में होते हैं तो किसी भी परिस्थिति में अपनी भुजाओं से अधिक नहीं दिखा सकते...,

🌹"नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान श्री कृष्ण को वैसे तो जगदगुरु, सर्वव्यापी न जाने कितने नामों, रूपों से जाना जाता है. लेकिन, नीति के हिसाब से देखें तो वाकई श्री कृष्ण से बड़ा कोई मैनेजमेंट गुरु नहीं है. यही नहीं, श्रीमद्भागवत गीता तो खुद अपने आप में मैनेजमेंट का सबसे बड़ा ग्रंथ है...,
"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे।
हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।।"

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की 
🌹"अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं"🌹
आखिर में एक ही बात समझ आई की कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन.
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥ 
यानी केवल कर्म करना हमारे वश में है उसका नतीजा क्या होगा यह हमारे अधिकार में नहीं. कहने का मतलब कि जीवन में हमें केवल कर्म करते रहना है. जीवन के हर मोड़ पर आने वाली बाधाओं को पार कर आगे बढ़ते जाना है. हमारी जीत होगी या हार, यह सोचे बिना आगे बढ़ते रहना है. कृष्ण का यह उपदेश वर्तमान समय में बहुत ही उपयोगी है...!

*Affirmation on Krishna Janmashtami:* 🦚
(Touch your Heart with your right hand, gently tap it a few times)
_Repeat 7 Times:_

I am one with Krishna and Krishna is within me, Krishna expresses divine love, compassion, and peace through my being. Omnipotent Krishna is now adjusting, harmonizing, and prospering everything in my mind, heart, activities and life that needs to be adjusted, harmonized and prospered, and in the minds, hearts, activities, and lives, of everyone that is dear to me. 
Thank you so much my beloved Krishna 🙏

The Holy Name Lord Krishna signifies- “I am present here, my mercy is here, my love is here; please receive it, please accept it, please feel it”. Nothing is impossible for Krishna and thus, nothing is impossible for the one who takes shelter and surrendering to Kanha. Krishna the epitome of "divine compassion" is in our hearts and He is a genuine friend to all living beings. Prioritize your spiritual life – you are not going to feel emptiness when you experience real spiritual happiness.

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      🌹 "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
        हे नाथ नारायण वा

prince sharma

गीता का ज्ञान

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उन्हें हराना बड़ा मुश्किल होता है साहब,
जो अपनी जीत पर न खुश होते हो , और न ही हार उदास। गीता का ज्ञान

Krishna Shukla

गीता का श्लोक #समाज

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नित्यानंद गुप्ता

गीता का ज्ञान। #Quote

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जैसा मान वैसा ही अपमान ।

दोनों में सम रहने वाला ही 

समयोगबुद्धि को प्राप्त करने का 

अधिकारी बन जाता है। गीता का ज्ञान।

Chotu Ahirwar

गीता का ज्ञान #विचार

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Narendra Kumar Verma

गीता का ज्ञान #nojotophoto

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 गीता का ज्ञान

M R Mehata(रानिसीगं )

गीता का ज्ञान #प्रेरक

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जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं ) गीता का ज्ञान

ARVIND KUMAR KASHYAP

गीता का श्लोक #GiftOfSkills #पौराणिककथा

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Brandavan Bairagi "krishna"

गीता का संदेश #Fire #कविता

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।।गीता का संदेश।।
गीता का सार यही है।
प्रभु का अवतार यही है।
कर्म पथ पर चलाचल
मानव।
संसार का बस सार यही है।
फल की आशा छोड़ दे।
बुराइयों से मुंह मोड़ ले।
होगा जीवन निश्चित ही सफल।
खुद को बस परमात्मा से जोड़ ले।

बृन्दावन बैरागी"कृष्णा"

©Brandavan Bairagi "krishna" गीता का संदेश

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