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Mr.PS

#भीगा बदन #शायरी

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याद है अब भी.....
जब उसके भीगे बदन को देखा था एक बार
वो उलझे भीगे केश वो आंखों से रीसती हुई काजल की एक धार
और मैं दूर से ही कर रहा था उसके हुस्न का दीदार
याद है अब भी....
वो बूदें भी खुशनसीब थी हमसे जो गालों को चूम रही थी वो बारिश की बौछार
गुलाबी होंठ भी यू गीले थे जैसे किसी और के होंठो का हो इंतजार
याद है अब भी....
उसकी इस खूबसूरती को मेरी आंखों ने किया स्वीकार
लबों से बयां नहीं कर पाया वो भीगा भीगा सा इकरार
वह खूबसूरत सा पल धड़काया मेरी धड़कन को कई बार
याद है अब भी...
चाहता तो था आलिंगन कर लूं उसका पहना के अपनी बाहों का हार
हमें लगा उस दिन बस यही है मेरा प्यार
याद है अब भी..
जब उसके भीगे बदन को देखा था एक बार #भीगा बदन

Kavi Himanshu Pandey

Hindi भीगा बदन.. #Poetry #nojotohindi

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kumaarkikalamse

भीगी साड़ी में भीगा बदन तुम्हारा घुलने को तरसे एहसास हमारा!! #Kumaarsthought #एहसासऔरतुम #barish

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चंद लम्हों के लिए 
मुलाकात हो जाए 
फिर चाहे दिन से 
काली रात हो जाए, 
तुम जैसे ही बात करो 
मुझसे दूर जाने की 
पूरे शहर में 
मूसलाधार बरसात हो जाए 
बिजली की आवाज़ हो 
तुम भीगी साड़ी में लिपटो 
मौसम, अरमान, तलब 
दो बदन फिर साथ हो जाए  भीगी साड़ी में भीगा बदन तुम्हारा 
घुलने को तरसे एहसास हमारा!!

#kumaarsthought #एहसासऔरतुम #barish

Sonu Kumar Yadav

भीगा - भीगा

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भीगा भीगा

भीग गया जगरूप  रे।
मनी भीगा -  तन भीग गया।।

धुलत - धुलत धुलो जगकन रे,
धुल गयो मन को विकार रे।।

बरखा की बूंद ढोगाई  जग को,
ज्ञान का बूंद धो गयो मन को।।

भीग गया जगरूप रे।
भीग गया मन केश - दृश्य रे।।

प्रेम दीवाना भटक को जाना ,
अखियन को मोह धोए जाना।।

भीग गया जगरूप रे।
भी गया वह रंग रूप रे।।

बरखा आवे है,  दुर्गंध ले जावे है।
भीतर भीतर टूटन कुछ रह जावे है।
अपना कहो नाही, ढोंगी सब रहे।।

भीग गया जगरूप रे।
छूट गया प्रीतम का प्रीत रे।।

बरखा बरसे नैन छलके।
छलक गए हो मोरा दुख पीड़ा रे।।
दिख गए हो जग्गू मोरा प्रीत रे , 
मोरा प्रेम रे।।

...कवि सोनू भीगा  - भीगा

shubh Mohan suman

"बिन साजन बेस्वादी रतियां बिन साजन अलख श्रंगार, बिन साजन मोरी भीगी अंखियां बिन साजन बदन अंगार." #delusion #Poetry

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बिन साजन बेस्वादी रतियां 
बिन साजन अलख श्रंगार,
बिन साजन मोरी भीगी अंखियां 
बिन साजन बदन अंगार.

©shubh Mohan suman "बिन साजन बेस्वादी रतियां 
बिन साजन अलख श्रंगार,
बिन साजन मोरी भीगी अंखियां 
बिन साजन बदन अंगार."

#delusion
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