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Kh_Nazim

11 नंबर की बस। बहते चलते लंबे पथ पे, फर्राटा भर्ती देखो दुनिया छुप रही है। किसी ने पेट्रोल डीजल सीएनजी तो किसी ने 11 नंबर की बस पकड़ रखी है #कविता #veins #khnazim

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11 नंबर की बस।

बहते चलते लंबे पथ पे,
फर्राटा भर्ती देखो दुनिया छुप रही है।
किसी ने पेट्रोल डीजल सीएनजी
तो किसी ने 11 नंबर की बस पकड़ रखी है
जिसके पास नहीं है देने को सेल्फी 
उसने सड़क की फुटपाथ जकड़ रखी है
हाथों में बैग,संदूक और दूजे हाथ में रोटी का टिफन
तन से बच्चों को बांध रखा है पल्लू से अपने 
तपती धूप से चांद की चांदनी में संघर्ष आंखों से बहता 
पैरों के छाले बिन चप्पल चले जा रहे हैं।
रोड़ी पत्थर कंकड़ सभी जानते हैं उसके हाथों की थाप 
शायद इसलिए उनके पैरों के नीचे बिछते जा रहे हैं ।
चढ़ा ज़िन्दगी के साथ बीच मझधार में शरीर को मुर्दा 
बोलकर रेल से निकालकर स्टेशन पर लिटाया जा रहा है
बेअश्क होकर खींच रहा है बालक उसका
महज़ जो चार साल के अंदर दो महीने भूख से सताया हुआ है। 
कुत्ते की तरह हफ्ते इंसान को बस,रेल के नीचे आराम करते बताया जा रहा है।
कितनी सच्चाई है, इश्तेहार के आखबरो में 
की सुनसान सड़क पे पत्तों का पत्त झड़ गर्म हवाओं से काबू में है। 
जिन्होंने सवारी कर रखी है 11 नंबर के बस की मका तक जाने को
उनके बहते लंबे पथ ने कुछ और ही तैयारी कर रखी है। 11 नंबर की बस।

बहते चलते लंबे पथ पे,
फर्राटा भर्ती देखो दुनिया छुप रही है।
किसी ने पेट्रोल डीजल सीएनजी
तो किसी ने 11 नंबर की बस पकड़ रखी है

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी का त्योहार हर साल देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार का लोगों के बीच हम #समाज

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✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी का त्योहार हर साल देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार का लोगों के बीच हमेशा से ही एक खास क्रेज होता है.नाच गाने से सजा ये त्योहार खुशियों से भरा होता है. यह त्योहार किसी उत्सव की तरह से मनाया जाता है. लोहड़ी के त्योहार में आग का अलाव जलाने का खास महत्व होता है इसमें तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी, मूंगफली को हर कोई चढ़ाता है..., लोहड़ी को पहले तिलोड़ी कहा जाता था। यह शब्द तिल तथा रोड़ी (गुड़ की रोड़ी) शब्दों के मेल से बना है, जो समय के साथ बदल कर लोहड़ी के रूप में प्रसिद्ध हो गया। मकर संक्रांति के दिन भी तिल-गुड़ खाने और बांटने का महत्व है। पंजाब के कई इलाकों मे इसे लोही या लोई भी कहा जाता है...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मान्यता के अनुसार लोहड़ी का त्योहार शीतकालीन संक्रांति के गुजरने का प्रतीक है. यही कारण है इस खास पर्व को सर्दियों के अंत का प्रतीक भी माना जाता है. लोहड़ी का ये पर्व मकर संक्रांति से ठीक एक रात पहले धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे माघी के नाम से भी जानते हैं. दरअसल चंद्र सौर विक्रमी कैलेंडर के सौर भाग के अनुसार और आमतौर पर लोहड़ी के पर्व को हमेशा ही 13 जनवरी को घरों में मनाया जाता है...,पंजाबियों के लिए लोहड़ी उत्सव खास महत्व रखता है। जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चा हुआ हो उन्हें विशेष तौर पर बधाई दी जाती है। प्राय: घर में नव वधू या बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत विशेष होती है। इस दिन बड़े प्रेम से बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है...,
  
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी के त्योहार पर दुल्ला भट्टी की कहानी को खास रूप से सुना जाता है. दुल्ला भट्टी मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के वक्त पर पंजाब में रहता था. मध्य पूर्व के गुलाम बाजार में हिंदू लड़कियों को जबरन बेचने के लिए ले जाने से बचाने के लिए उन्हें आज भी पंजाब में एक नायक के रूप में माना और याद किया जाता है. कहानी में बताया गया है कि उन्होंने जिनको बचाया था उनमें दो लड़कियां सुंदरी और मुंदरी थीं, जो बाद में धीरे-धीरे पंजाब की लोककथाओं का विषय बन गईं थीं...,वैसाखी त्योहार की तरह लोहड़ी का सबंध भी पंजाब के गांव, फसल और मौसम से है। इस दिन से मूली और गन्ने की फसल बोई जाती है। इससे पहले रबी की फसल काटकर घर में रख ली जाती है। खेतों में सरसों के फूल लहराते दिखाई देते हैं...,
  
आखिर में एक ही बात समझ आई की   लोहड़ी के गीत का है खास महत्व...,
लोहड़ी का त्योहार बिना गीत के अधूरा माना जाता है. बच्चे हों या फिर बड़े सभी लोहड़ी त्योहार पर पारंपरिक लोक गीतों को आग के आस पास घूम-घूम कर और घर-घर घूमकर गाते हैं, इन गीतों में “दुल्ला भट्टी” का नाम भी शामिल होता है. घरों में लोहड़ी को मांगने की रिवाज होती है. कहा जाता है कि बिना लोहड़ी के पारंपरिक गीतों के त्योहार अधूरा रहता है.

लोहड़ी के फेमस पारंपरिक गीत
सुंदर मुंदरिये ! …………हो
तेरा कौन बेचारा, …………हो
दुल्ला भट्टी वाला, ………हो
दुल्ले घी व्याही, …………हो
सेर शक्कर आई, ……………हो
कुड़ी दे बाझे पाई, …………हो
कुड़ी दा लाल पटारा, ………हो
       
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
If the guidance is right then everything is right, if the determination is strong then nothing is difficult.
   🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱
If the guidance is right then everything is right, if the determination is strong then nothing is difficult.

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी का त्योहार हर साल देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार का लोगों के बीच हम

ऐश्वर्य वैभव

शुभान असद ने क्या खूब लिखा है "रिश्तों की ये नाज़ुक डोरे तोड़ी थोड़ी जाती हैं अपनी आंखें दुखती हों तो फोड़ी थोड़ी जाती हैं... #BeatMusic

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Writer_Sonu

कच्ची कली अनार की तोड़ी नहीं जाती बचपन दोस्ती छोड़ी नहीं जातीdosti #दोस्ती #शायरी

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Nishith Sinha

थोड़ी ठंडक , थोड़ी धूप

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“ फिर मौसम ने बदला रूप ;
थोड़ी ठंडक , थोड़ी धूप !! ” थोड़ी ठंडक , थोड़ी धूप
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