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Lokesh Late
पेला अर्धा सरला आहे असं सुद्धा म्हणता येतं पेला अर्धा भरला आहे असं सुद्धा म्हणता येतं सरला आहे म्हणायचं की भरला आहे म्हणायचं तुम्हीच ठरवा! पाडगावकर
Lokesh Late
पायात काटे रुतून बसतात हे अगदी खरं असतं, आणि फुलं फुलून येतात हे काय खरं नसतं? काट्यांसारखं सलायचं की फुलांसारखं फुलायचं तुम्हीच ठरवा! मंगेश पाडगावकर #कविता
Lokesh Late
काळ्याकुट्ट काळोखात जेंव्हा काही दिसत नसतं तुमच्यासाठी कोणीतरी दिवा घेऊन ऊभं असतं काळोखात कुढायचं की प्रकाशात उडायचं ! तुम्हीच ठरवा! मंगेश पाडगावकर तुम्हीच ठरवा
Heer
मातृतृत्व (मातृप्रेम)— यशोदा मैया कान्हा तू काहे सताए मोहे...। भोर से निकाला अब सांझ भई तेरी यादों में मैय्या खोई, कबसे राह निहारे थक गए नैन अब मोरे, जाने कितना सताए गोपियां ये सोच सोच जी घबराए, कान्हा तू काहे सताए मोहे ...। न भेजूं अब गैया चराने न करने दू चौखट पार, गले लगाने को तड़प रही बाहें नैन दरस बिन पथराए, अपने हाथों पकवान बनाए जो लल्ला के मन को भाए, जल्दी जल्दी घर आजा लल्ला तू इतना काहे सताए मोहे....। नंद बाबा जल्दी जाओ मेरे लल्ला को ले आओ, मन को चैन तब तक न आवे जब तक लल्ला को दरस न पावे। ©Heer #मातृत्व प्रेम - मैया यशोदा
Gurudeen Verma
शीर्षक- छेड़ता है मुझको यशोदा मैया --------------------------------------------------------------- (शेर)- करता है बहुत परेशान, सुन ओ यशोदा मैया। राहों में आते जाते मुझको, तेरा नटखट कन्हैया।। ------------------------------------------------------------ छेड़ता है मुझको यशोदा मैया। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। परेशान राहों में, करता है मुझको। पनघट पर जाते, देखकर मुझको।। कंकर मारकर, फोड़े मेरी मटकी। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। जहाँ मैं जाती हूँ, वहाँ यह आता है। नहाते समय, मेरे कपड़े चुराता है।। माखन खाये मेरा, चुपके से आकर। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। अपनी मुरली पर यह, मुझको नचाये। सोने नहीं देता यह, मुझको जगाये।। मेरी राधा कहकर, मुझको पुकारे। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
Suman vishwakarma
*यशोदा और कान्हा* नंद बाबा बदलते कपड़ों के कपड़े की गठरी रखते हैं। यशोदा को यशोदा, यशोदा ने शीश उड़ाकार देखना नंद बाबा की और, उनकी आंगॉंज में जल भर आथा। मैं हाल ही में आया हूं। यहोवा की आवाज से कहा- तो क्या कान्हा पर हमारा कोई अधिकार नहीं है? साल भर तक हम असत्य से लीप करें हेडलॅट? नांद ने कहा- अधिकार नहीं, कन्हैया . उसपरोपर्वग्य देवकी वसुदेव के अधिकार, और कन् कन्हैया की ज़रूरतें भी हैं। यशोदा ने कहा- तो क्या मेरे ममत्व का यश मोल? नादान ने बाबासाहब में आवाज दी- ममत्व का तो यशोदा यशोदा। परोतो, कान्हा ने निवेश किया है। आयु के बाद की अगली कक्षा की तारीखें पोस्ट की गई थीं, जब तक कि वह अगली बार पोस्ट नहीं की गई। प्लाज प्लाज में प्लाज विवरण में वैसी ही वैसी विवरणीय ज्यादा विभाजित होती है। ! कान्हा को जाने दो यशोदा। यशोदा से अब खड़ा नहीं था नंद की भगौड़ा भी बहुत बड़ा है। यह वारिस में कहा जाता है- I निकट भविष्य में जैसे कोई भी निकट होगा। इस स्थिति के अनुसार नया क्रमांक यशोदा आँचल से मुहँपं कर होम जानें जानें अँचल को मुह पर और तेज से तेज गति से चलने वाला, और स्पस्ट आवाज-एक बार कहला तो, अब जा रहा है। फिर जाना... नंद चुपके हो गए। योडा माखन की पूरी मटकी ले कर ही यशी आवास, और भवेश में हैया की ओर से निकाले गए थे। कन्हैया ने कहा- एक बात पूछूं मइया? यशोदा ने आय-व्यय में कहा- पूछताछो ल यशोदा। जब मैंने ऐसा किया तो ऐसा करने में कामयाब रहे? ️ चाह️ चाह️ चाह️ चाह️ चाह️ चाह️ चाह️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ वह थैलाती प्रयोगशाला। कान्हा ने- क्या सोच हो मइया? अपने अश्रुओं को रोक कहो- यशो... कान्हा ने कहा- तनिक मेरी मइया, मैं इस प्रकार माखन कौन हूं? तो माखन छीं ही मइया। यशोदा ने कान्हा को चूम कर कहा- यश लल्ला, भगवान् देवकी माखन हलाला। कन्हैया ने फिर से प्रेम को लागू किया है? अबकी यशोदा कृष्ण को स्वयं से लीप कर फफक। मन मन ही कहा- यशोदा की प्रेमा में तो ऐसा ही होगा। कृष्ण को रथ पर अक्रूर के संग नंद बाबा यशोदा ने कहा- तनिक सुनिए न, देव तोकी न? लल्लिक टैनखट है परगी। *नंद बाबा ने घुमाया। कहोडा ने कहा- कहेगा कि ल्याह को कभी दूभ से भी कभी, हमेशा हृदय से ही कहेगा।* *नंद बाबा ने रथ को हांक दिया। यशोदा ने कहा से कह-कहा कहा कि लला को माखन प्रिय है, सुखी माखन हिलाती है। बसी माखन में की दुबग हैं।* *नंद बाबा की आंखों से फिर भर भर गए, वे अंतरिक्ष को तेज थे। यशोदा ने कहा तेज आवाज में- यशेगा कि बड़े कैरम मे एटक, इसे छोटा किया गया कैर ही अपडेट किया गया।* *नंद बाबा ने जहर से उड़ा दिया, रथ उड़ाते हुए बढ़ा।* *यशोदा ने कहा था कि ये मैरिड होगा और फेफक कह- कृष्ण से मैमनी.* *हंत रथ में कृष्ण ने मन मन-पंप्स इस जगत् ही प्रबंधन मइया। आपके बाद मेरे जीवन मे जीवित बची हुई है ?* *लीला में तो ब्रज में ही खेलेंगे..* *हाथी घोड़ी पालकी - जय कन्या लाल की* *इस तरह के और समाचारों के बारे में हमारे मैसेज भेजने वाले मैसेज में प्रवेश करें* ©Suman #Books *यशोदा और कान्हा* की लीला