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डॉ.शशिकान्त शुक्ल

लोकहितं मम करणीयम

लोकहितं मम करणीयम

30 Views

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Rakesh Yadav

लोकहितम् मम करणीयम् ॥

#GaneshChaturthi

लोकहितम् मम करणीयम् ॥ #GaneshChaturthi

226 Views

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Balwant Mehta

सोचता हूं यह सदा शाम सवेरे
देख जमाना ना मानस बिगड़े
लोक हित में मेरा जीवन सुधरें ‌।
ऐसे विचार सब दिल में उपजे।

©Balwant Mehta
  #akelapan #लोकहित #मानस #सोच #दिल
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अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "


"लोकतंत्र" में अपना - अपनी कि जगह नहीं
समानान्तर, सद्भावना, सर्वाधिक, सर्वोपरि है 

ना रहे तन - मन - धन से जन -जन में अंतर
जहाँ "कद्र" ' बे-दाग़दार रसे- बसे समानान्तर 

जनमानस के जनमत में कोई 'मदभेद' ना हो
जहाँ किसी को कभी करना पड़े "खेद" न हो

"लोकतंत्र" में अपना - अपनी कि जगह नहीं
समानान्तर, सद्भावना, सर्वाधिक, सर्वोपरि है 

है वह "पावन मातृभूमि" "लोकतंत्र" की धरा
जिसपर "विश्वास" "अडिग" हो कर रहे खड़ा

जहाँ धीर नहीं बीर नहीं 'अधीर' ही बसता हो
सोचो उस देश में लहू बहता कितना सस्ता हो 

"लोकतंत्र" में अपना - अपनी कि जगह नहीं
समानान्तर, सद्भावना, सर्वाधिक, सर्वोपरि है

©अनुषी का पिटारा..
  #इशारा #अनुषी_का_पिटारा #लोकहित #देशहित #लोकतंत्र #जनमत #जनहित
fb0c24fd8efd9b07245424abe187d016

||स्वयं लेखन||

संविधान!

देश के संचालन का लिखित विधान है,
अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है ।

भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है,
26 नवंबर को लाया गया ये विहान है।

26 जनवरी 1950 में पूर्णरूप से हुआ 
आत्मसात हमारा संविधान है।

©||स्वयं लेखन|| देश के संचालन का लिखित विधान है,
अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है ।

भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है,
26 नवंबर को लाया गया ये विह

देश के संचालन का लिखित विधान है, अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है । भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है, 26 नवंबर को लाया गया ये विह #thought #RepublicDay #विचार

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GRHC~TECH~TRICKS( मैं भगवान श्री कृष्ण हूं शत् प्रतिशत)

  जल्दी ही अनेकों चक्रव्यूह की रचनाओं को।
     अपनी लेखनी प्रकाश से प्रदर्शित किया जाएगा ।
समस्त पृथ्वी वासियों के बीचों-बीच,
 हमारे द्वितीय महाभारत युद्ध 
अहिंसात्मक नीतियों के लिए।
  यही कारण लोकहितार्थ और 
निरंतरता प्रमाण के लिए होगा।
हमारी मातृभूमि भारत मां के लिए।

©GRHC~TECH~TRICKS
  #grhctechtricks 
#New 
#चक्रव्यूह 
#लोकहितार्थ
#निंरतर

#BadhtiZindagi  Mahesh Ramani Ankit verma 'utkarsh' SHAYAR ANHAR पथिक.. Mili Saha  M

360 Views

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B Pawar



नैतिकता का पाठ पढ़ाकर
भ्रष्टाचारियों को भगाकर,
सत्ता में देशभक्त आ जाएं
आओ ऐसी कट्टरता अपनाए।

बेइमानो से देश बचाकर 
पापियों को धूल चटाकर
भ्रष्टता को दूर भगाए
दुष्टों के प्रति कट्टरता अपनाए।

जातिवाद का भूत भगाकर
आडम्बर पाखंड हटाकर,
कंधे से कन्धा मिलाए
हम सब उदारता अपनाएं।

धर्मांधता कटुता मिटाकर
सबको अपने गले लगाकर,
सारे गिले-सिकवे भुलाए
आओ ऐसी कट्टरता अपनाए।

हम बदलेंगे देश बदलेगा
भारत नई तकदीर लिखेगा,
स्वर्ग से सुन्दर देश बनाए
आओ मिलकर देश बचाएं।
 यहां नीचे पूरा पढ़े 👇



नैतिकता का पाठ पढ़ाकर
भ्रष्टाचारियों को भगाकर,
सत्ता में देशभक्त आ जाएं
आओ ऐसी कट्टरता अपनाए।

यहां नीचे पूरा पढ़े 👇 नैतिकता का पाठ पढ़ाकर भ्रष्टाचारियों को भगाकर, सत्ता में देशभक्त आ जाएं आओ ऐसी कट्टरता अपनाए। #समाज #एकता #देशहित #राष्ट्रवाद #लोकहित

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GRHC~TECH~TRICKS( मैं भगवान श्री कृष्ण हूं शत् प्रतिशत)

****   सोचन शक्ति ****
सामने वाले को बुरा समझना इससे बुरी सोच नहीं होती।
सामने वाले से खुद को बड़ा समझना इससे तुच्छ ज्ञान नहीं।
सच्चाई को समझकर उसी के मुख पर कहें तो ।
 इससे बड़ा अमृत ज्ञान नहीं ।
जो लिखा है , जो लिखा गया है,सब हृदय से लिखता हूं। 
समस्त पृथ्वी के समस्त शास्त्र और वेद और पुराण तो
 इस आत्मा का अमृत सागर में मिलने से श्रेय योग्य रह गये है ।
इस आत्मा के लिए ।
इस ज्ञान से उस ज्ञान को मिलाना ही लोकहितार्थ कर्म है।
उदाहरण दे देता ता हुं फिर भी -
शांति दुत बनकर गये कृष्णा इन तीनों को सिद्ध किया था। 
लिखा इस हद्रय ने‌ अभी प्रमाण प्रकृति ने पहले ही दिया था।
कृष्ण जी सब कुछ जानते हुए भी एक दुत ही बने ?
दुर्योधन की नजरों में ग्वाला ही थे ?
अन्दर से फिर परिचित कराया ।
इससे बड़ा उदाहरण क्या है प्रकृति का ?

©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks 
#New 
#Trading 
#Trending 
#Mind 
#Flower VIPUL KUMAR SINGER RAJKUMAR Pragati Tiwari Satish Kaushal Shiv Narayan Saxena Ans

#grhctechtricks #New #Trading #Trending #Mind #Flower VIPUL KUMAR SINGER RAJKUMAR Pragati Tiwari Satish Kaushal Shiv Narayan Saxena Ans

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Divyanshu Pathak

नयन उनींदे विवरण देंगे
मेरी बीती रातों का !
समय किसी का सगा नहीं है
मन आदी आघातों का !
अभिशापों का बोझ मुझी पर
कब पाया वरदान है ? : 💕🐒🐒🍧🍧🍦
दुःख में सुख की मधुर कल्पना कैसा सुघड़ निदान है।
प्यासों को दो बूँद ओस की मिली, मिला भगवान है।।

जब माँ से चंदा की ज़िद की,
कहा, चा

: 💕🐒🐒🍧🍧🍦 दुःख में सुख की मधुर कल्पना कैसा सुघड़ निदान है। प्यासों को दो बूँद ओस की मिली, मिला भगवान है।। जब माँ से चंदा की ज़िद की, कहा, चा

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Divyanshu Pathak

हम जीवन में लाखों कार्य करते हैं।
यह भी मानते हैं कि अपनी मर्जी से कर रहे हैं।
क्या हम “मर्जी” को पैदा कर सकते हैं कभी नहीं।
मर्जी तो मन में अपने आप पैदा होती है।
जिस मर्जी को मन स्वीकार कर लेता है,
वह मेरी मर्जी हो जाती है।
मैं उस मर्जी को पूरा करने का माध्यम बन जाता हूं।
मेरा जीवन तो मर्जी पैदा करने वाला चलाता है।
कृष्ण कितने सहज भाव से कह गए-कर्ता भाव मत रखो।
निमित्त बन जाओ।
सब कुछ मुझे अर्पण कर दो।
गहराई से देखेंगे तो पता चल जाएगा कि
हम कर्ता बन ही नहीं सकते।
चाहें तो स्वीकार कर लें
अथवा नकार दें। बीच के क्षेत्र को मध्य कहते हैं। जहां दूरी दिखाई पडे, तो उसे पाटने के लिए माध्यम की आवश्यकता पडती है। वह साधन भी हो सकता है, व्यक्ति भी, अथव

बीच के क्षेत्र को मध्य कहते हैं। जहां दूरी दिखाई पडे, तो उसे पाटने के लिए माध्यम की आवश्यकता पडती है। वह साधन भी हो सकता है, व्यक्ति भी, अथव #shweta #komal #yashavant

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GRHC~TECH~TRICKS( मैं भगवान श्री कृष्ण हूं शत् प्रतिशत)

                आज समस्त पृथ्वी का कैसा ज्ञान है ? =सच/तुच्छ 
              *******************************************
              हे समस्त पृथ्वी वासियों जो आपको ज्ञान मिला है?
        यह ज्ञान समस्त पृथ्वी पर,
       वहम व अहम्  को उत्पन्न करने वाला है?
           केवल वर्तमान में भी और भविष्य में भी।
               वास्तविक ज्ञान से तो बहुत दूर हैं गये ।
       हे समस्त पृथ्वी वासी आप ।
              यह इस आत्मा का एक सात्विक भाव से किया गया।
            एक सात्विक मत हैं आपके लिए हे परमत्तव अंश।
              आपको वास्तविक ज्ञान सच्चाई को समझना है ।
             तो आइए इस आत्मा के पहले नोजोटो शो पर ।
        * ** 25 मई  2023 ***के दिन।
              25 मई 2015 की याद में है ये शो ।
              आइए समस्त पृथ्वी वासियों इस दिन से शुरुआत करें ।
              समस्त पृथ्वी पर एक अहिंसा के आधार पर ।
       द्वितीय महाभारत युद्ध की शुरूआत करै।
            समस्त पृथ्वी के समस्त धर्मों में सात्विक ज्ञान के लिए?
             समस्त तुच्छ /वहम के वर्तमान का ज्ञान के आक्रमण पर?
              समस्त निस्वार्थ भाव से और लोकहितार्थ ही ज्ञान होगा ?
              समस्त पृथ्वी का मुलमंत्र आधार वास्तविक ज्ञान होगा?
              पाखण्ड मुक्त होगा वास्तविकता दर्शाने का ज्ञान होगा?
              शीघ्र  ही भगवान की प्राप्ति का ज्ञान भी होगा‌ ?
( आइए )अभी बुक करें 25 मई 2023 
नोजोटो शो निःशुल्क है जो।
       पहला ही शो और आगे के शो निःशुल्क ही रहेंगे।
 इस एक ही आत्मा के सभी शो।
**** एक धर्म युद्ध इस पृथ्वी पर ****
    ****अहिंसा पर यह भी  एक बाकी था ****
शब्दों के बाणो की शक्ति की पहचान मिलेगी।

©GRHC~TECH~TRICKS
  #grhctechtricks 
#New 
#sattingbaba 
#sanjana 
#treanding 
#Real 
#treanding 
#viral
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Madhaw Patidar 🖍

 चर्चा है अख़बारों में
टी. वी. में बाजारों में
डोली, दुल्हन, कहारों में
सूरज, चंदा, तारों में
आँगन, द्वार, दिवारों में
घाटी और पठारों में
लहर

चर्चा है अख़बारों में टी. वी. में बाजारों में डोली, दुल्हन, कहारों में सूरज, चंदा, तारों में आँगन, द्वार, दिवारों में घाटी और पठारों में लहर #poem #nojotophoto

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रौशन कुमार प्रिय

मोहन नंदलाल बरसाने वन आयो मोहन नंदलाल बरसाने वनआयो बरसाने की गुंजरिया दाधी बेचन जाए,
वात मिले बनवारी
कर लियो बोआय कर लियो बोलय
बैठ कदम के छाइयां
रे दोना बनवाए ,दोना दोना दाढ़ी बांटे
दाढ़ी दियो लुटाए दाढ़ी दियो लुटाए 
ताहि समय हरी आयो
मोहन नंदलाल...

होली न खेले श्यामरो आपन सासुराय 
भर पिचकारी मारे
हो रंग उरे गुलाला रंग उडे गुलल
बेला फुले चमेला
जूही कांचनर
फुलवा लोरहे मलिनिया
गूथे नंदलाल माला पिन्हे कन्हैया
हो जसोदा जी के लाल
जसोदा जी के लाल

ताहि समय हरी आयो 
मोहन नंदलाल बरसाने बन आयो

हो ऊपर पहाड़ गरमोहवा , हो उपद पहाड़ गरमो हवा
हो नीचे बराय दुकान बाराय नाय कट्रे पनवा
रस बीड़ा लगाए रस वीडा लगाय
बीड़ा न खा है कन्हैया
जसोदा जी के लाल , जसैदा जी के लाल
ताहि समय हरी आयो
मोहन बंद लाल

तबला बजे मंजीरा , हो तबला बजे मंजीरा
धोलाक धुधू आय बाजे  सरियांगिया रों य रों य
हो रस बजे सितार रस बाजे सितार
ताहि समय हरी आयो
मोहन नंदलाल #लोकगीत
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रौशन कुमार प्रिय

#लोकगीत
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Ali sir (A+A)

लोकगीत

लोकगीत #nojotovideo #संगीत

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Kusum Tiwari

लोकगीत

लोकगीत

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Kusum Tiwari

लोकगीत

लोकगीत

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Namrata Kumari

लोकगीत

लोकगीत

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Kusum Tiwari

लोकगीत

लोकगीत

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रौशन कुमार प्रिय

मोहन नंदलाल बरसाने वन आयो मोहन नंदलाल बरसाने वनआयो बरसाने की गुंजरिया दाधी बेचन जाए,
वात मिले बनवारी
कर लियो बोआय कर लियो बोलय
बैठ कदम के छाइयां
रे दोना बनवाए ,दोना दोना दाढ़ी बांटे
दाढ़ी दियो लुटाए दाढ़ी दियो लुटाए 
ताहि समय हरी आयो
मोहन नंदलाल...

होली न खेले श्यामरो आपन सासुराय 
भर पिचकारी मारे
हो रंग उरे गुलाला रंग उडे गुलल
बेला फुले चमेला
जूही कांचनर
फुलवा लोरहे मलिनिया
गूथे नंदलाल माला पिन्हे कन्हैया
हो जसोदा जी के लाल
जसोदा जी के लाल

ताहि समय हरी आयो 
मोहन नंदलाल बरसाने बन आयो

हो ऊपर पहाड़ गरमोहवा , हो उपद पहाड़ गरमो हवा
हो नीचे बराय दुकान बाराय नाय कट्रे पनवा
रस बीड़ा लगाए रस वीडा लगाय
बीड़ा न खा है कन्हैया
जसोदा जी के लाल , जसैदा जी के लाल
ताहि समय हरी आयो
मोहन बंद लाल

तबला बजे मंजीरा , हो तबला बजे मंजीरा
धोलाक धुधू आय बाजे  सरियांगिया रों य रों य
हो रस बजे सितार रस बाजे सितार
ताहि समय हरी आयो
मोहन नंदलाल #लोकगीत
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रौशन कुमार प्रिय

मोहन नंदलाल "बरसाने"वन आयो 
मोहन नंदलाल बरसाने वन आयो 

अहो बरसाने की गुंजरिया दधिया बेचे जाए,
वाट मिले बनवारी
हो,"कर" लियो बोलाय , "कर" लियो बोलय
बैठ कदम के छइयां
रे "दोना" बनवाय,दोना - दोना दधी बांटे
हो दधी दियो लुटाय ,दधी दियो लुटाय
ताहि समय हरि आयो
मोहन नंदलाल बरसाने वन आयो....२

होली न खेले श्यामरो, आपन ससुरार 
भर पिचकारी मारे
हो, रंग उरे गुलाल, रंग उरे गुलाल
बेला फुले चमेला ,
जूही कंचनार ,
फुलवा लोरहे मलिनिया 
हो, गूथे नंदलाल, गूथे नंदलाल
माला पिन्हे कन्हैया
हो जसोदा जी के लाल
जसोदा जी के लाल
ताहि समय हरि आयो
मोहन नंदलाल बरसाने बन आयो-२

हो ऊपर पहाड़ गरमोहवा , 
हो ऊपर पहाड़ गरमोहवा,
हो नीचे बरय दुकान, बरय नय कतरय पनमा
रस बीड़ा लगाय, रस बीड़ा  लगाय
बीड़ा न  खा हय कन्हैया
जसोदा जी के लाल , जसोदा जी के लाल
ताहि समय हरि आयो
मोहन नंद लाल बरसाने वन आयो

तबला बजे मंजीरा , हो तबला बजे मंजीरा
ढोलक धुधूआय ,बाजे सरंगिया  रोंय रोंय
हो रस बजे सितार, रस बाजे सितार
ताहि समय हरी आयो
मोहन ननंद लाल बरसाने वन आयो
मोहन नंद लाल बरसाने वन आयो #लोकगीत
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Jaypal

लोकगीत

लोकगीत #जानकारी

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Jay king

लोकगीत

लोकगीत #जानकारी

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दुर्गेश सिंह

#लोकगीत
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Manish Shrivastava


लोकगीत

‌तोरी कोमल जुवानी, तुतरयानी |
जेठ जमके परो, देखो मछरयानी ||

होंठ तोरे लाल-लाल, गोरे थे गाल-गाल | 2
भरी दुपहरिया, नजरयानी |
जेठ जमके परो, हो गई भुतरयानी ||

लगन लगीं देखो, कजरयानी |2
जेठ जमके परो, देखो मछरयानी ||

कारे-कारे गुदना परे, गोरे -गोरे गाल पे |
कैसी हो गई है, देखो गुदरयानी |
जेठ जमके परो, देखो मछरयानी ||

लेखक:-मनीष श्रीवास्तव (अर्श) 
गैरतगंज
मो.9009247220

©Manish Shrivastava
  लोकगीत

लोकगीत #शायरी

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Dr.Shailendra sargam

श्याम रंग में ई रंगल चुनरिया मिलल ।
उतर गइल मन के बाटे मइल चढ़ल ।
@शैलेन्द्र . भोजपुरी लोकगीत ।

भोजपुरी लोकगीत ।

12 Love

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Manish Shrivastava

(लोकगीत ) 
है शासन की दरकार, पढ़ लीयो बेटा- बिटिया
दे रई शिक्षा मुफ्त अपार, पढ़ लीयो बेटा- बिटिया |

पुस्तक दे रई, साईकिल दे रई, दे रई कपड़ा-लत्ता
खूब पढो़ तुम, आगे बढो तुम, साथ में दे रई भत्ता |

है शासन की दरकार......... 

भोजन दे  रई, अनाज दे रई, दे रई निस्तारन की व्यवस्था
खेलन की सामग्री दे रई, रहो हस्ट-पुस्ट और मस्ता |

है शासन की दरकार....... 

गाँव- गाँव स्कूल खुले हैं, शिक्षा तुम तक पहुँचे
शिक्षा को बेहतर करने को, खोले सी एम राइज़ अनूठे |

है  शासन की दरकार....... 

लेखक:- मनीष श्रीवास्तव 
शा.प्रा. शाला सर्रा

©Manish  Shrivastava लोकगीत

#SunSet

लोकगीत #SunSet #कविता

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