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gaTTubaba
रूह को परेशान करने जो मेरे शरीर मैं होता हैं वो मैं नहीं हूं जो मेरे बिस्तर पर सोता हैं ©gaTTubaba #💔दर्द रूह को परेशान करने जो मेरे शरीर मैं होता हैं वो मैं नहीं हूं जो मेरे बिस्तर पर सोता हैं
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रूह को परेशान करने जो मेरे शरीर मैं होता हैं वो मैं नहीं हूं जो मेरे बिस्तर पर सोता हैं बस उससे शकल मिलती हैं बाकी हर एक बात पर शक होता हैं!! ©gaTTubaba रूह को परेशान करने जो मेरे शरीर मैं होता हैं वो मैं नहीं हूं जो मेरे बिस्तर पर सोता हैं बस उससे शकल मिलती हैं बाकी हर एक बात पर शक होता
KUNAL MAHESHWARI
🌅।।खिड़की से धूप।।☀️ खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है वो अक्सर मुझ पर तोहमत लगाती है कि उसके गुनहगार तुम हो खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है वह बार-बार एक एहसास कराती है उसके परवरदिगार तुम हो खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है वो कान में मुझसे पूछ कर जाती है उसके प्यार उसकी याद अभी भी क्या तुम हो? खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है वह मुझसे फिर जवाब ले जाती है बेवफाई नहीं रवाना हुए थे वैसे क्या उसकी जासूस तुम हो? खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है मुझसे गुफ़्तगू करती जाती है उसकी आँखों में जो रोशनी है उसका अधिकार क्या तुम हो? खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है उसका पता ले जाती है, उसकी छत पर मेरा खत सुनाती है उसको पूछती है इस खत का शिर्षक क्या तुम हो? खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है वो चिठी वापस ले आती थी जिसमें खुशबू उसकी समा जाती थी ऒर व्यंग्य करती थी उसकी इस खुशबू की प्रेरणा क्या तुम हो खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है दूर रहते, हम दोनों का प्यार एक दूसरे को पहुंचाती है और कभी मुझसे पूछती थी जिसके साथ वह हंसकर बिताने वाली है अनमोल जवानी क्या वह तुम हो खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है फिर मैं उसको खुद्दारी से जवाब दिया नहीं वो मैं नहीं हूं अच्छा तो इसका मतलब जो घायल हुआ वह तुम हो खिड़की से सुबह कमरे में जो धूप आती है कहां मैंने उसको तुम भी रुखसत हो चलो सही हाल में जी पाओगे वरना वह भूल जाएगी कौन मैं था कौन तुम हो ~कुनाल माहेश्वरी🙏❤ #Sunrise #Window #Tum #Khidki #Dhoop #gazal #love #tears
Sunita Shanoo
मैं एक अध्याय जो खत्म हो चुका, एक सपना जो फिर देखा नहीं जा सकता, चंद सांसे जो शायद खत्म हुई मैं अब कहीं नहीं रहती हूं मुझे मत तलाशो मैं गुजर चुकी हूँ। मैं कहीं नहीं हूं
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat वो मुचडां काग़ज़ है, मैं काग़ज़ में लिखी नज़्म हूं वो शेर में लिखा दाग़ है, मैं ग़ज़ल से निकला राग हूं वो रिश्तों में खाठास है, मैं ख़ुद में मिठास हूं, मैं मां हूं मैं मां हूं , वो बसेरा हूं, वो मसीहा हूं, मैं मां हूं , मैं मां हूं #respect #relationships #reality #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat वो मुचडां काग़ज़ है, मैं काग़ज़ में लिखी नज़्म