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विष्णु कांत
I am Vishnu Kant Pandey - the writer and the poet. You can watch all my latest videos on my YouTube channel Vision of Kant. 🙏🏻🚩 ©विष्णु कांत #कांत
Ajay Kumar Dwivedi
शीर्षक - होली का त्यौहार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। बच्चे बुढ़े और जवान सब मिल मस्ती में झूमें। ढ़ोल मंजीरे बजा-बजा कर गली-गली में घूमें। घूंघट में छुप भाभी रानी सब पर रंग बरसाये। ढ़ोल बजाकर पुरूष मंडली फाग अबीरा गाये। रंग बिरंगे मुखड़ों से फिर टपके प्रेम अपार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। कहीं पे करता दिखता देवर भाभी का मुख लाल। कहीं बलम के साथ में गोरी करती दिखे कमाल। चढ़के अटारी भर पिचकारी बच्चे करें धमाल। मेरे भारत की होली है खुद में एक मिसाल। गुजियों की थाली में परोसती मायें हर घर प्यार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। राम प्रभु भी अवध नगरिया खेल रहे हैं होली। रंगों में रंग निकलीं देखों कृष्ण लला की टोली। भगवा रंग में रंग गया भारत दुनियां सारी बोलीं। महाकाल भी खेल रहें हैं चिता भस्म से होली। होली की मस्ती में नाचे गाये अब संसार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। अजय कुमार द्विवेदी ''अजय'' ©Ajay Kumar Dwivedi अजय कुमार द्विवेदी ''अजय''
Ajay Kumar Dwivedi
शीर्षक - होली का त्यौहार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। बच्चे बुढ़े और जवान सब मिल मस्ती में झूमें। ढ़ोल मंजीरे बजा-बजा कर गली-गली में घूमें। घूंघट में छुप भाभी रानी सब पर रंग बरसाये। ढ़ोल बजाकर पुरूष मंडली फाग अबीरा गाये। रंग बिरंगे मुखड़ों से फिर टपके प्रेम अपार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। कहीं पे करता दिखता देवर भाभी का मुख लाल। कहीं बलम के साथ में गोरी करती दिखे कमाल। चढ़के अटारी भर पिचकारी बच्चे करें धमाल। मेरे भारत की होली है खुद में एक मिसाल। गुजियों की थाली में परोसती मायें हर घर प्यार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। राम प्रभु भी अवध नगरिया खेल रहे हैं होली। रंगों में रंग निकलीं देखों कृष्ण लला की टोली। भगवा रंग में रंग गया भारत दुनियां सारी बोलीं। महाकाल भी खेल रहें हैं चिता भस्म से होली। होली की मस्ती में नाचे गाये अब संसार। घर-घर से होने लगी फिर रंगों की बौछार। खुशियाँ लेकर आया देखों होली का त्यौहार। अजय कुमार द्विवेदी ''अजय'' ©Ajay Kumar Dwivedi अजय कुमार द्विवेदी ''अजय''
AJAY AGARWAL
बड़े तमीज़दार थे जो सुना हे बदमिजाज हो गये हें वो फिदा थे हम जिनकी कुदरती खूबसूरती पर आजकल खिजाब हो गये हें वो #अजय
AJAY AGARWAL
"संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं और इमानदारी से बड़ी कोई बिरासत नहीं...!!! " #अजय
AJAY AGARWAL
🍃 * सोच का प्रभाव* *मन पर होता है* *मन का प्रभाव *तन पर होता है* *तन और मन दोनों का प्रभाव* *सारे जीवन पर होता है* #अजय