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brijesh mehta
................................... .. ©brijesh mehta प्रेम का कोई समानार्थक, प्रायवाची शब्द नहीं है, दुनिया में!
Gumnam Shayar Mahboob
अभी भी जख्म भरा पड़ा है सुखा नहीं है हरा पड़ा है सब भूलकर कर रहा गुफ्तगू गिला शिकवा सब धरा पड़ा है #जख्म #हरा #भरा #गुफ्तगू #गिलाशिकवा #धरा #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
DrRavikirti Didwania
Sound Similar but Meaning Different Challenge People Become Too "Sel-fish" Sailing Somewhere else and Phishing Someone else... #ravikirtikikalamse #selfishworld #yqdidi #yqbaba #nazariya_badlo_janab #phishing #paraya #waqthitujebatayega द्विअर्थी समानार्थी शब्द प्रय
brijesh mehta
तेरे और उनके प्रेम में जमीन आसमान का फर्क है तेरे प्यार में शक है, वहम है, भरोसा नहीं है। तेरा प्यार तुझे बहुत रुलाएगा, बहुत तड़पाएगा। — % & प्यार, प्रेम, विश्वास, भरोसा सब समानार्थी शब्द है। 💞💞 #मंमाधन #brijeshmehta #manmadhan #lovequotes #lifequotes #lovestory
HP
Alone हरा-भरा रिश्ता, सन्नटा मुहल्ला गली गली में कारावास हर अस्तित्व, व्यक्तित्व हो गया जीवन का आज पुनः कीमत हो गया और सम्पत्ति सस्ता हो गया हरा-भरा रिश्ता
Parasram Arora
मेरे पास हरा भरा चमनहै और मेरी कठौती मे गंगाजल फिर मैं क्यों पाप पुण्य को अपने तराज़ू मे तोलता रहूं जंगल क़े नींरव वन मे भी कुछ उजालो क़े घर है फिर मैं क्यों नाहक नानक मीरा क़े घर खंगालता रहूँ ©Parasram Arora हरा भरा चमन .....
Parasram Arora
मेरे पास हरा भरा चमन है और मेरी कठौती मे गंगाजल है फिर मैं क्यों पाप पुण्य को अपनी तराज़ू मे तोलता रहूँ जंगलके नींरव वन मे कुछघर उजलो क़े भी है फिर मैं नाहक क्यों नानक कबीर क़े घर खंगालता फिरू ©Parasram Arora हरा भरा चमन.....
yogesh atmaram ambawale
अंतरीतून मनाच्या, वाहे झरा भावनांचा स्वच्छ,सुंदर, निर्मळ अशा विचारांचा. नमस्कार लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा शब्द आहे 'झरा'. आपल्या प्रेमाचा झरा वाहू द्या तुमच्या शब्दांतून. #झरा1 लिहीत राहा. #collab #yqtaai
Atul waghade
शुद्ध निर्मळ प्रेमाचा झरा वाहतो तो आपुलकीच्या मायेतून काळजीच्या सावलीतून.. श्रद्धेने वाहिलेल्या त्या फुलांच्या पाकळ्यांतून... चिव चिव करणार्या पाखरांनी आपल्या चोचीने घरटे बांधण्यासाठी आणलेल्या गवताच्या तुऱ्यातून.. झरा वाहता निस्वार्थ पणाने केलेल्या प्रेमाच्या प्रत्येक कणाकणातून... -Atulwaghade नमस्कार लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा शब्द आहे 'झरा'. आपल्या प्रेमाचा झरा वाहू द्या तुमच्या शब्दांतून. #झरा1 लिहीत राहा. #collab #yqtaai