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ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
आवाज,,,,मानव निहित ऊर्जो है जिसके उत्सर्जन से उसके व्यक्तित्व का अंदाजा हो जाता है गर्जना
Vipin 'अनीस'
भावनाएं उष्णता से पिघल रही हैं... शब्द उनको संभाल नहीं पा रहे आंसू इतने तप्त हो चुके हैं की वाष्पीकृत हो गये, बचा है तो शुष्क प्रेम का नैसर्गिक सौंदर्य जो अब किसी और धरातल पर बोया न जा सकेगा.. भले ही कितने सावन आ आयें या जितनी भी उपजाऊ मिट्टी मिल जाये, प्रेम का पुष्प अब खिलेगा ही नहीं... #NojotoQuote प्रेम के आखर #आंसू #प्रेम #पुष्प #सावन
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
तेरा 'आना'.. जैसे... 'बारिश की पहली बूँद'... तेरा 'जाना'.. जैसे... 'सावन का बीत जाना' ... #याद#बारिश#सावन#प्रेम #तुमcinemagraph
DR. LAVKESH GANDHI
गर्जना कोरोना के खिलाफ कोरोना कर्मियों की गर्जना कोरोना के खिलाफ भारतीयों की एकजुटता कारगार हो रही है हम अब तक हैं सफल और होंगे भी सफल #गर्जना $ #गर्जना कोरोना के खिलाफ # #yqthoughts #yqchallenge #
Raone
नारी गर्जना गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब । लौह की बेड़ियों को तोड़, बना ले उसको शस्त्र अब ।। अंगार पर चली है तू आग में तपी है तू । पापियों के घात से ।। जला इन्हें अब भस्म कर, विजय तिलक लगा तू अब । पापियों के राख से ।। गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब । प्रश्न उठे थे तब भी जब, तू सोयी कोख में थी तब ।। क्या नारी का चरित्र है ? क्यूँ नारी दंश झेलती है अब । तू किसलिए डरी है अब, चरित्र जब पवित्र है ।। पापियों के सिर को तू, त्रिशूल से उखाड़ फेंक। गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।। आग है धधक उठी, तू लौ की अब मशाल ले । चुनर तेरा इक शस्त्र सा, मन से तू ये मान ले ।। चुनर से अपनी ध्वज बना, भर दे एक हूंकार तू । पापियों को इस चुनर से, झूला इन्हें अब फाँस तू ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-1 ) नारी गर्जना
Raone
नारी गर्जना गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब । क्यूँ अग्नि परीक्षा दे तू अब, जब राम हीं रहा नहीं ।। ना द्रौपदी बने कोई, जब कृष्ण अब रहा नहीं । कर गर्जना तू सिंह की, निरलज्ज इस समाज पर ।। देख धरा भी काँप गयी, तेरी मात्र इक दहाड़ पर । गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।। भय को आग झोंक के, उठा ले अब शस्त्र तू । द्रौपदी तू कृष्ण तू, खुद को खुद बचा ले तू ।। खुद अधर्मियों का नाश कर, कि कृष्ण अब रहा नहीं । उठा के खड्ग हाथ ले, क्रोध की इक हुंकार ले ।। सिर को धड़ से चीर कर पापियो का नाश कर। तू है नयी अवतार अब, तू है नयी मशाल अब ।। गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब । गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-1 का शेष) नारी गर्जना
सुधांशु सावन
सपनों को तेरे मैं, ना यूँ अश्कों में बहने दूँगा । बोझ गमों का चुपके-चुपके,ना पलकों को सहने दूँगा । पूछ किशन से कौन था वो खुद, राधा से क्या रिश्ता था? गिरा क्षितिज पर बनकर पियूष जो, क्या प्रेम किशन का सस्ता था? नयनों से पूछेंगे नयना, लब को ना कुछ कहने दूँगा । सपनों को तेरे मैं,ना यूँ अश्कों में बहने दूँगा। सावन : एक खूबसूरत एहसास
Meenakshi Raje
ये मृदा सुवासित सोंधी सी, और शाख-शाख भी मचल रहे, मन बन बैठा जैसे विहाग, मनभावन आने वाला है, क्या सावन आने वाला है? #Nojoto #Nojotohindi #Nojotopoetry #सावन #बारिश #ख्याल #प्रेम