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अमोल पाटील
मी माझ्याच मुलखात नांदतो ऐश्वर्याचा राजा , इथे फुलवल्या ऐश्वर्याच्या बागा इथले रानोमाळ सगणगंन पसरत हिरवी द्वाही आणि "मी" पण म्हणत कितीक बुडाले इथल्याच जमिनीत ही #मराठी कविता #मराठी साहित्य #वाचन #मराठी संस्कृती #मराठी कवी #मी मराठी #कविता #पल्लवी
VIKAS" VKB #DEARJINDAGI
क्या तुम मेरी कविता का शीर्षक बनोगी जिन्दगी के इस राह में मेरे संग चार कदम चलोगी मेरी खुशियों में खुश हो कर,मेरी गमो में दुखी हो कर, क्या आँशुओ की बारिश बनोगो, क्या तुम मेरी कविता का शिर्षक बनोगी क्या तुम इस अजनबी को अपना समझकर, कुछ पल ही सही मगर अपना कहोगी, और कभी टूट न जाये ऐसा, मेरी दोस्ती के पतंग की वो डोर बनोगी, कहते है दोस्ती का रिश्ता, अपनो से भी ऊँची होती है क्या तुम इस रिस्ते की नींव बनोगी, चुभ जाए काटे अगर लक्ष्य की राह में, क्या तुम उसे मेरी जीवन से निकाल सकोगी, और डगमगा जाए मेरे पैर अगर राहों में चलते चलते, तो मुझे सम्भालने का वादा तुम करोगी, क्या तुम मेरी कविता का शिर्षक बनोगी, क्या तुम मेरे नादान कलम की स्याही बन कर वक्त की आवाज बनोगी, लक्ष्य सफलता की राह में, गुरु मंत्र देती शिक्षिका की तरह , मेरे कंधे से कंधा मिला कर, बंजर भूमि में होने वाली बरसात की तरह, मेरी जीवन की अनमोल रत्न बनोगी, क्या तुम मेरी कविता की शिर्षक बनोगी, जीवन के इस युद्ध में कभी मेरी सारथी बनकर, तो कभी मेरे नाव की खेवैया बनकर , मुझे इस मझधार से पार कराने का साहस करोगी जमीन पर रहने का हक तो है मेरे पास,क्या तुम मेरी आसमां बनोगी दुश्मन तो मिलेंगे अनेकों मुझे इस राह में,क्या तुम दोस्ती की मिसाल बनोगी मेरे जीवन की कल्पना में,,,,मेरे जीवन की कल्पना में, एक सच्चे दोस्त का किरदार करोगी?? क्या तुम मेरी कविता का शिर्षक बनोगी, ?? ✍✍Akki,,,,V #क्या तुम मेरी कविता की शिर्षक बनोगी,,??
pandurang kokare
मराठी राजभाषा दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा... बोलतो मराठी ऐकतो मराठी...
rohit v. khade
#आठवता तू.., क्षणो क्षणी मन सांगते .. लक्ष्य देईना तर .. हळूच हृदयाला टोकते.. जगाच्या रीती जाणून बुजून आसवांना पापण्यात रोखले.. अन मग नकळत डोळे मिटून घेतले .. मिटता रुपड तुझ नजरी उमटलं.. काळ भोर डोळ तुझ हृदयावर कोरल... जणू मन माझं तुझ्या smile ने गारठल .. तुझ्या आवाजान त्यास गोठ्ण्यापासून तारल.. भुरभुर नाऱ्या केसांवर तुझ्या काही वेळ थांबलं.. घटक भराच आभासी भेटणं त्याच्या धडधडीला तोवर इंधन ते उरलं.. पुढच्या तुझ्या दिसण्या पर्यंत फक्त झुरण आता ठरल.. श्र्वासच्या अखेरी पर्यंत चित्र तुझ रंगल.. ©rohit v. khade #मराठी कविता#मराठी प्रेम #Dark