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Tanendra Singh Khirjan
yogesh atmaram ambawale
प्रेमात मोजमाप कधीच नसावे, प्रेम हे प्रेन असावे. तुझे आभाळा इतके अन माझे समुद्रा इतके, असे भेदभाव नसावे. मित्र आणि मैत्रिणीनों सुप्रभात. आजचा विषय आहे मोजमाप... मला तर या शब्दावरुन मोजमाप नात्यांचा,मोजमाप भावनांचा,मोजमाप प्रेमाचा असलं काहीतरी सु
yogesh atmaram ambawale
क्षणार्धात समीप क्षणार्धात दूर जात असे, दुरावा क्षणार्धाचा तरीही नकोसा वाटत असे. नाते आपले असे,मला समुद्रा सम भासे, जसे किनारा मी,अन् तु लाट असे. प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों सुप्रभात.🙏 एका लेखकाला चांगल्या लेखणासाठी पर्यायी आणि योग्य शब्द निवडणे हे खुप आवश्यक आहे. यासाठी त्यांच्याकडे प
Dilip Singh Harpreet
............ राजस्थानी गीत/ गाणा......... बावळी बातां तो तू कर मत गौरी ये करणी हैं तो कर ये गौरी पिऊं मिलण री बात स्याळा की रूत तो है आई दोन्यूं सोवां ओढ़ रजाई थारां बाप ने राजी कर ले बण जावूं मूं व्हांरो ज्वांई बायरो चाले छै देख बण्णाठे - बण्णाठे घणो जोरको चाले यो तो कर- करके घण्णाठे औरूं यो तो फैरूं बड़ार्यो स्याळा ने सण्णाठे जावो कठे हो यां तो बतादयो अतणा थे तण्णाठे खेलारा हो ग्या रे ये तो खेलारा- फैलारा मैनुं की हो ग्या ये "हरप्रीत" जो थें ईं दीखो लारा दिलीप हाड़ा"हरप्रीत_शशांक" कोटा,राजस्थान दिनांक ~ 17-12-2019 ............राजस्थानी गीत /गाणा......... बावळी बातां तो तू कर मत गौरी ये करणी हैं तो कर ये गौरी पिऊं मिलण री बात स्याळा की रूत तो है आई दो
Dilip Singh Harpreet
राजस्थानी रंग हरप्रीत शशांक के संग 👇👇👇👇👇 ...... "राजस्थानी गीत/ गाणा"...... मूं राजस्थानी बोलूं छू, वां हिंदी मं बोले छ दोन्यूं क ना बै'ठ संपट मूं कांई बोलूं ... वां कांई बोले
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते, रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं ने राखी की अजमत को निभाहा भी..... मेरी जानिब से आप सभी को रक्षाबंधन की तहेदिल से मुबारकबादियां 💐 ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #rakshabandhan याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं
Dilip Singh Harpreet
सरस्वती वंदना प्रकृति - राजस्थानी करूँ छू परणाम थने , ओ मां शारदे दे दे अस्यो बरदान , जीवण ने तार दे ज्ञान को म्हूँ दीयो जळाऊँ सुबे - शाम थने मनाऊँ नुंवा - नुंवा सबदा स्यूँ करूँ छू थारी आरती ओ मां भारती ... ओ मां भारती अेक हाथ म्ह माळा साजे , दोय हाथ म्ह बीणा गँवारा ने ज्ञान दान दे , कर दे छै परवीणा राजहंस री करे सँवारी , पुष्कर म्ह बिराजती ओ माँ भारती ... ओ माँ भारती कळम ने असी चाळ दे माँ करम ने अस्यो ढाळ दे माँ स्याही ने अस्यो रंग दे बरमाणी अेक - अेक मुद्दा पे, जावे रंग डारती ओ माँ भारती .. ओ माँ भारती दिलीप सिंह हाड़ा "हरप्रीत शशांक" कोटा, राजस्थान सरस्वती वंदना प्रकृति - राजस्थानी करूँ छू परणाम थने , ओ मां शारदे दे दे अस्यो बरदान , जीवण ने तार दे ज्ञान को म्हूँ दीयो जळाऊँ सुबे - शाम
Dilip Singh Harpreet
🎪..... "... एक स्वप्न ~ राम मंदिर ..."...🎪 . सच कहूँ .... तो हमे दिवाली मनानी ही नहीं चाहिए ..... " दोस्तो " . मनाते है जिसके लिए ... वो रामलला भोग रहे विपिन वास वो अयोध्या ...... है उदास सरयूँ माँ देखती अविरल..... दीन - दुखी .... अयोध्या की आस . देश मना रहा है दिवाली अयोध्या नगरी मे है बदहाली . हा ..... विवेकवान है अयोध्या वासी अंधकार से प्रकाश की और .... यही संदेश है ना ..... ग्यान मार्ग का जो .... प्रदत्त करती रामलला नगरी . हमने रंगाई की ... ..की साफ - सफाई मकान पोता .... तो दुकान भी पुतवाई रामनगरी मे कोई उल्लास नही ना .... ही है कोई खुशियाँ . सत्ता लोलूपो ने बहुत है खिलवाड़ किया रामलला के नाम से रण जीत लिया भूल गये .....फिर " हरप्रीत....राम " को फिर याद दिलाये .... न याद किया . उम्मीद जगी है .... इस बार बण जाय ..... रामलला दरबार . ग़र ....नही बणा तो होगा वही जो सोंचे ......... " रामलला सरकार " ...*जय श्री राम *... ....................... दिलीप हाड़ा " हरप्रीत शशांक " कोटा ,राजस्थान 🎪..... "... एक स्वप्न ~ राम मंदिर ..."...🎪 . सच कहूँ .... तो हमे दिवाली मनानी ही नहीं चाहिए ..... " दोस्तो " . मनाते है जिसके
Dilip Singh Harpreet
राजस्थानी रंग "हरप्रीत शशांक" रे संग 💖 कलाकार रो नांव बेरो कोनी पण हां करौली री आम नारी री कलाकारी ह सा या ... जै- जै म्हारो प्यारो राजस्थान💖 करौली रै कलाकार मन ने सुपणो हो संज