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Ankit verma 'utkarsh'
मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगा. और परमात्मा से दरखास्त करने लगा, ''हे भगवान्.ये... क्या हो गया.?'' ''मैंने कितनी मेहनत से ये पैसा कमाया..!'' ''दिन नही देखा, रात नही देखा," '' पैसा कमाया...!'' ''माँ बाप की सेवा नही की, पैसा कमाया, बच्चों की परवरीश नही की, पैसा कमाया.... पत्नी की सेहत की ओर ध्यान नही दिया, पैसा कमाया...!'' अच्छे कर्मों का लेखा जोखाpart 5
Ankit verma 'utkarsh'
इंद्र ने कहा,- ''रोने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है.!! " "जिन जिन लोगो ने यहाँ जितना भी पैसा लाया, सब रद्दी हो गया।" "जमशेद जी टाटा के 55 हजार करोड़ रूपये, बिरला जी के 47 हजार करोड़ रूपये, धीरू भाई अम्बानी के 29 हजार करोड़ अमेरिकन डॉलर...! सबका पैसा यहां पड़ा है...!" अच्छे कर्मों का लेखा जोखाpart 7
Ankit verma 'utkarsh'
कल रात मैंने एक "सपना" देखा.! मेरी Death हो गई.... जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे इसलिये यमराज मुझे स्वर्ग में ले गये... देवराज इंद्र ने मुस्कुराकर मेरा स्वागत किया... मेरे हाथ में Bag देखकर पूछने लगे ''इसमें क्या है..?" अच्छे कर्मों का लेखा जोखा part 1
Ankit verma 'utkarsh'
मैंने इंद्र के पास Complaint की इंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा कि, ''आप व्यापारी होकर इतना भी नहीं जानते..? कि आपकी करेंसी बाजु के मुल्क पाकिस्तान, श्रीलंका और बांगलादेश में भी नही चलती... और आप मृत्यूलोक की करेंसी स्वर्गलोक में चलाने की मूर्खता कर रहे हो..?'' यह सब सुनकर मुझे मानो साँप सूंघ गया..! अच्छे कर्मों का लेखा जोखा part 4
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी लेखा जोखा पेश हुआ,हकीकते शर्माती है वायदे वचन से खूब घुमाते है आय खो चुकी जनता रोजगार पर हाथ मलती है महँगाई के भार,घर घर फूंकते दूध आटे पर कर वसूलते है हर महीने दाम बढ़ाते फिर बजट से कियो भरमाते हो अमृत महोत्सव का नारा देकर जहर जनता में बटवाते है तामझाम और विज्ञापन के बल पर छलने की विसात बिठाते है रुपये की कीमत दम तोड़ती फीकी चमक हर चेहरों पर है सियासत वाजी के कारण भारत का अंग अंग घायल है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" लेखा जोखा पेश हुआ,हक़ीक़ते शर्माती है
Parasram Arora
हिसाब लगा रहा हूँ आज उन पापों का जो अब तक मुझसे हुए ही नहीं और उन . पुण्यों का नए सिरे से मूल्यांकन करने का कदाचित समय भी यही है जिन्हे अर्जित किया है मैंने अनजाने मे जिनके लिए मै अधिकृत भी था नहीं # पाप पुण्य का लेखा जोखा
Ankit verma 'utkarsh'
मैंने इंद्र से पूछा- "फिर यहां पर कौनसी करेंसी चलती है..?" इंद्र ने कहा- "धरती पर अगर कुछ अच्छे कर्म किये है...! जैसे किसी दुखियारे कोमदद की, किसी रोते हुए कोहसाया, किसी गरीब बच्ची कीशादी कर दी, किसी अनाथ बच्चे कोपढ़ा लिखा कर काबिल बनाया...! किसी को व्यसनमुक्त किया...! किसी अपंग स्कुल, वृद्धाश्रम या मंदिरों में दान धर्म किया...!" अच्छे कर्मों का लेखा जोखाpart 8
Ankit verma 'utkarsh'
देवलोक के Shopping मॉल मे अदभूत वस्तुएं देखकर मेरा मन ललचा गया..! मैंने कुछ चीजें पसन्द करके Basket में डाली, और काउंटर पर जाकर उन्हें दो हजार की करारे नोटें देने लगा... Manager ने नोटों को देखकर कहा, ''यह करेंसी यहाँ नहीं चलती..!'' यह सुनकर मैं हैरान रह गया..! अच्छे कर्मों का लेखा जोखा part 3
Ankit verma 'utkarsh'
''रिश्तेदार, भाईबन्द, परिवार और यार दोस्तों से भी किसी तरह की हमदर्दी न रखते हुए पैसा कमाया.!!" ''जीवन भर हाय पैसा हाय पैसा किया...! ना चैन से सोया, ना चैन से खाया... बस, जिंदगी भर पैसा कमाया.!'' ''और यह सब व्यर्थ गया..?'' ''हाय राम, अब क्या होगा..!'' अच्छे कर्मों का लेखा जोखा part 6