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YASHVARDHAN
Sometimes कभी-कभी मैं ये सोचकर सिहर जाता हूँ, कि सुकरात ने कैसे वो विष का प्याला पिया होगा, ये जानते हुए की इसके बाद मेरी मौत इंतज़ार कर रही है.. --YASHVARDHAN #सुकरात 💞
Ek villain
सऊदी अरब के स्कूलों में योगा अब खेल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहा है हाल में सऊदी योग समिति के अध्यक्ष और भारत में पदम श्री से सम्मानित लोकपाल मारवाड़ी ने इसकी घोषणा की है 2017 में पहली बार योगा शिक्षण और अभ्यास को मंजूरी मिली इस वर्ष 29 जनवरी से 1 फरवरी तक सऊदी अरब में पहला युग उत्सव आयोजित हुआ वैसे तो इस दौरान में योगा के स्वर क्रेता काफी बड़ी है परंतु इस्लाम की जन्मशती सऊदी अरब में है इसे अपनाने का एक बड़ा सा देश से यह है क्योंकि इसे ऐसे देश में हो रहा है जिसकी पहचान एक कट्टर इस्लामिक देश की रही है हालांकि कुछ समय पहले तक सऊदी अरब योगा को इस्लाम धर्म के विरोध ही मानता था लेकिन उसे इस बदले रूप में अंतरराष्ट्रीय रुझान की भी महत्व भूमिका रही है दरअसल 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर दुनिया के 77 देशों की सहमति के बाद एक मान्यता मिली थी संयुक्त अरब अमीरात मिलते हालांकि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस मनाने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्रीय में भारतीय प्रस्ताव में सऊदी अरब सहित 8 देशों ने अपनी सहमति नहीं दी थी ऐसे में सऊदी अरब में अब योगा के खेल गतिविधि का दर्जा देना लाइसेंस लेकर इसे सिखाने की अनुमति देने तक सुख स्कूलों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का निर्णय महत्व क्रांतिकारी मूल पड़ता है योग को लेकर सऊदी अरब की उदारता और देश के लिए भी निहित है जो समय के साथ अपनी रूढ़िवादी सोच बदलने नहीं चाहते ©Ek villain #योग की सुकृता का बड़ा संदेश #Connection
DR. LAVKESH GANDHI
जीवन मन्त्र ©DR. LAVKESH GANDHI #जीवन # #जीवन का मन्त्र #
Deepak Kurai
गौतम बुद्ध यह एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थीं, जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। 29 वर्ष की आयुु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की ओर चले गए । वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए। कई ग्रंथों में यह मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. ©Deepak Kurai #BuddhaPurnima2021 गौतम बुद्ध की जीवनी #जीवन
Lakshya Arya
जिंदगी में हारने के वक्त एक मिनट विचार करें । फिर देखना एक मार्ग जरूर निकलेगा । ©LAKSHYA ARYA # जीवन का सफर # जीवन# जीवन के अनुभव