Full poetry in caption
मैं रहती हूं आज कल ,कुछ उलझी उलझी सी ,
अपने में खोई कुछ गुमसुम चुप चुप सी
पानी पे तैरती परछाई सी , कभी यहां कभी वहा #Dreams#wait#waitingforyou
कौन कहता है
प्रेम की कोई भाषा नहीं
ना कोई रंग है न रूप
तुम्हारा आलिंगन
हमारी आत्मा का
वो संवाद है
जो किसी युद्ध के विराम हेतु
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... मोलिका
सुनो..,
जानती हूं कि तुम्हें,
प्रेम बहुत है मुझसे,
पर मेरा एक सवाल है..?
क्या उसका ज़वाब दोगे ...?
जानाँ, मुझे पता है,
कि तुम्हारे दिल की ह #YourQuoteAndMine#blue_whirls