Find the Latest Status about प्रस्तर प्रतिमाएं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, प्रस्तर प्रतिमाएं.
dilip khan anpadh
मौन प्रस्तर ***** मुझसे न पूछो,कौन हूँ मैं प्रस्तर हूँ, मै मौन हूँ। हूँ पर्वत का श्रृंगार कभी हूँ दरिया के मझधार कभी हूँ सदियों का आह्लाद कभी हूँ इंसा का प्रसाद कभी हूँ सड़को में आबाद कभी हूँ खुद से ही आजाद कभी मुझसे न पूछो, कौन हूँ? मैं प्रस्तर हूँ, मैं मौन हूँ। बनता हूँ मूरत, मैं कभी मंदिर का मुहूरत, मैं कभी कंही तौल बना बाज़ारों में कंही बांध बना, किनारों में मुझमे है रंग सजावट का भूले-बिसरे बनावट का लोग कभी अपनाते है कभी बिना भाव ठुकराते है मेरी कीमत क्या कर लोगे पाषाण हृदय जब गढ़ लोगे मुझसे न पूछो कौन हूं मैं प्रस्तर हूँ, मैं मौन हूँ। ये मंदिर मस्जिद मुझसे हैं मेरे अंदर के किस्से हैं हूँ धर्म कंही,बिधर्म कभी जीवन का आरंभ कभी कंही सागर गर्भ समाया हूँ कंही लावा बन मैं आया हूं है छोर नही,कोई तोड़ नही पाने खोने का होड़ नही मुझसे न पूछो कौन हूं मैं प्रस्तर हूँ, मैं मौन हूँ दिलीप कुमार खां"""अनपढ़"" #SushantSinghRajput #मौन प्रस्तर
Aadesh jain
मंगलगिरी पंचकल्याणक में हो रही 251 रत्नों की प्रतिमाएं
अविनाश पाल 'शून्य'
न जाने कितनें प्रस्तरों नें होके ज़मीदोज़ संभाला है इसे? और इमारत है मस्त अपनी खूबसूरती के गुरुर में। #शून्य #जमीदोज #yqdidi #प्रस्तर #गुरुर #मस्त #खूबसूरती #कुछ_अनकही_बातें
anamika
कितने पत्थरों के नीचे दबाया है मुझे ये तेरा दिल है या राजस्थान का किला #gif प्रस्तर कितने #पत्थरों के नीचे दबाया है मुझे ये तेरा #दिल है या #राजस्थान का #किला Nojoto Nojoto News Nojoto Hindi #nojotohindi #poem
Manjari Singh
Sunita Bishnolia
#मैं पत्थर.. पत्थर जैसी हो गई,पड़ी पत्थरों बीच, हरित छाँव सर से उठी,खड़ी पत्थरों बीच। दृढ और मैं मजबूत बनी,अपनी राह पे बढ़के अधिकार छीनती हूँ
Sunita D Prasad
मेरी कविताएँ.... रहना चाहेंगी 'शिला' पर, उग आए 'सैम्फायर' की भाँति.. सदैव ही पूर्ण..स्नेहिल। उनमें रचे-बसे भाव रहना चाहेंगे, दुर्बोधता पर सुबोधता का बनकर, एकमात्र..पर्याय। मेरी कविताएँ विषम में सम और कठोरता पर कोमल प्रेम का लिखेंगी एक अलग ही अध्याय। मेरी कविताएँ... 'प्रस्तर' और 'सैम्फायर' के प्रेम की तरह ही आकर्षित करेंगी अपनी विलग परंतु नैसर्गिक सुवास से। --सुनीता डी प्रसाद💐 मेरी कविताएँ.... रहना चाहेंगी 'शिला' पर, उग आए 'सैम्फायर' की भाँति.. सदैव ही पूर्ण..स्नेहिल। उनमें रचे-बसे भाव
Sunita D Prasad
नहीं! अभी अंत नहीं होगा प्रेम और अनुग्रहों का भले ही देवालयों के प्रस्तर से टकराकर लौट ही क्यों न आएँ अनगिनत प्रार्थनाएँ! और छिटक कर सृष्टि में रूपांतरित हो जाएँ कभी पुष्पों में कभी जुगनुओं में तो कभी कवि की कविताओं में। हे देव! मेरी कविताएँ भी तुम्हारी चौखट से अनसुनी लौट आईं वही प्रार्थनाएँ हैं। आज भी तुम्हारे अनुग्रह की प्रतीक्षा में बाट जोहती। . . . स्वीकारो!! --सुनीता डी प्रसाद💐💐 #अनुग्रह..... नहीं! अभी अंत नहीं होगा प्रेम और अनुग्रहों का भले ही देवालयों के प्रस्तर से
ANIL KUMAR
कुछ प्रस्तर मध्य लगाए पत्तियों संग फूल बनाए कैसे-कैसे ख़्वाब सजाकर रंग-बिरंगे फूल सजाए कभी इधर कभी उधर धाए कभी शरमाए कभी लजाए कुछ पत्थर, कुछ